पुलिस ने किया अपहरण और मृत्युतुल्य मारा,
मौत, नेता नही करवा रहे F.I.R.,
क्या कहता है न्याय सिद्धांत :- एक बेगुनाह को सजा ना हो , भले 100 गुनाहगार
छूट जाये
क्या होता है , पुलिस थानों में :- हर एक को
गुनेहगार बनाओ ताकि कुछ मिल जाये और टारगेट पूरा हो जाये
पुलिस के बनाये जाने वाले और दर्ज किये जाने वाले
प्रकरणों का टोटल लगा के देखो नेताजी, 100 में से 80 बरी हो जाते है, पर कोई नियम
नही है इन्हें तत्काल दण्डित करने वाला, नही मिलता न्याय जनता को, नहीं है कोई
नियम तभी नेता भी सांठ-गाँठ कर सत्ता का मजा ले रहे है, चुनाव के समय नए मुद्दों का
लोलीपोप तैयार कर आते है वोट मांगने ,
जनता को सब पता है, पर जहा से न्याय मिलना है, वहा भी एक नियम है लोक सेवक
को सुरक्षित करने का, वो नियम बीच में आ जाता है, न्याय और पीड़ित के बीच , पुलिस को प्राप्त इंस्पेक्शन लेवल पर प्रकरण को दर्ज करने के अधिकारों का भद्र दुरूपयोग की सबसे बड़ी मिसाल केवल भारत देश में है, जैसे दिल्ली रयान स्कूल का बस ड्राईवर का उदहारण ले लीजिये. अब ड्राईवर को इन्साफ कोन दिलाएगा, उसकी तो रिमांड भी मिल गयी थी पुलिस जांच अधिकारी को, अब रिमांड का दुरूपयोग कार्यवाही का मोहताज है,
घटना है रीवा की,
*पुलिस की बर्बरता के शिकार
युवक को नाजुक अवस्था मे किया गया जबलपुर रेफर*
*बचने की संभावना नाममात्र की*
*इसके पहले भी चार मामले में
पुलिस का शिकार हुई आमजनता*
*रीव।* भारतीय जनता पार्टी की सरकार में प्रशासनिक व्यवस्था बदहाल
हो चुकी है, अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं और नेता चटकारे
मार रहे हैं, नतीजन इनका खामियाजा आमजनता को भुगतना पड़ रहा है वर्तमान हालात में
पूरे प्रदेश की जनता पुलिस विभाग एवं प्रशासन की मार से कराह रही है।
मध्यप्रदेश के रीवा जिले से एक युवक के साथ
पुलिस द्वारा बर्बरता के साथ मारपीट करने का मामला प्रकाश में आया है.
जानकारी के अनुसार युवक मनीष पटेल निवासी हाल
मुकाम लैंडमार्क होटल के पीछे बीते दिन समदड़िया होटल के पास सैजर सैलून पार्लर के
सामने खड़ा था तभी अचानक अपाची एवं एक्टिवा बाइक से आये चार युवकों द्वारा यह कहकर
छीना-झपटी शुरू कर दी कि तुम मेरे साथ पूर्व में मारपीट किये हो लेकिन वहाँ पर
मौजूद आम जन की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ और देर रात संस्कृत मैरिज गार्डन में
एक शादी में युवक मनीष पटेल एवं आरोपी युवकों की मुलाकात हुई जहाँ दोनों का परिचय
हुआ और नाम जानने के बाद आरोपी युवकों द्वारा अपने मित्र एसआई शिवा अग्रवाल एवं आरक्षक
कमला प्रसाद के साथ मिलकर युवक मनीष को आज शाम 5 बजे के
लगभग लैंडमार्क होटल के सामने से पकड़कर निजी वाहन स्विफ्ट डिजायर में बैठा कर अन्यत्र
ले जाया गया, आपको
बता दें की मनीष पल्सर 220 वाहन क्रमांक MP17MP4043 से चलता था,
जिस
वक्त उसे लैंडमार्क होटल से उठाया गया उस वक्त उसके पास यह वाहन मौजूद था, जिसे एक आरक्षक द्वारा समान थाने में लाकर खड़ा
कर दिया गया और युवक को अन्यत्र ले जा कर जमकर मारपीट की गई इसकी जानकारी होते ही
युवक का भाई श्याम पटेल 6 बजे थाने पहुंचा लेकिन उस वक्त युवक थाने
में नहीं था, और श्याम के सामने ही करीब 6:15 बजे युवक को
थाने लाया गया युवक की हालत गंभीर थी और वह बार-बार खड़े-खड़े गिर रहा था, थाने के स्टाफ द्वारा को थाने से भगाकर आनन-फानन में संजय गांधी
चिकित्सालय में भर्ती कराया गया वहीं मामले में अस्पताल स्टाफ का कहना है कि युवक
को प्रकाश पटेल नाम के व्यक्ति द्वारा भर्ती कराया गया है वही विश्वनीय सूत्रों का
कहना है कि थाना प्रभारी समान प्रभात शुक्ला एवं एसआई
अग्रवाल द्वारा पुलिस वाहन में ही युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था । रात्रि 1:30 बजे तक
युवक को संजय गांधी अस्पताल से रेफर कर दिया गया और परिजनों द्वारा विंध्या
अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे डाक्टरों ने भर्ती करने से इनकार करते हुए जबलपुर ले
जाने की सलाह दी गयी और तत्काल जबलपुर एम्बुलेंस के माध्यम से ले जाया गया है
हालाँकि युवक की हालत बेहद ही नाजुक है कुछ भी कहना पुलिस एवं डाक्टरों के मुताबिक
मुनासिब नही है।
*चार वर्षों के अंतराल में
रीवा में चार बार पुलिस की निष्क्रियता आई सामने*
यहां पर आपको बताना चाहेंगे कि बीते चार
वर्षों में चार बार रीवा जिले में पुलिस की निष्क्रियता सामने आई है।
1. पूजा पटेल मर्डर केस
2. निवर्तमान समान थाना
प्रभारी शिवपूजन मिश्रा द्वारा दशहरे के दिन निर्दोष युवक के साथ मारपीट
3. अतीक अहमद उर्फ रॉकी
(पूर्व पार्षद)के साथ निवर्तमान थानाप्रभारी शैलेन्द्र भार्गव द्वारा मारपीट
4. और यह मनीष पटेल के साथ
एसआई शिवा अग्रवाल द्वारा मारपीट
तीन मामलों के हालत और अधिकारियों की वर्तमान
स्थिति क्या है यह जिले की जनता को निश्चित रूप से स्पष्ट है।आपको बताना चाहेंगे
कि कल भी सिविल लाइन थाने के एक एसआई द्वारा ही ऑटो चालक संघ के अध्यक्ष के साथ
मारपीट करने की खबर आई थी जिसकी जानकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की दी गयी थी,
लेकिन कार्यवाही शून्य रही ।
बड़ा सवाल यह कि क्या जिले के नेता नपुंसक हो
चुके है जो अधिकारियों पर लगाम लगा पाने मे अक्षम हो चुके हैं साथ ही पुलिस विभाग
के वरिष्ठ अधिकारी इस प्रकार के मामले की जानकारी होने के बाद भी ऐसी स्थिति होने
का इंतजार करते रहते हैं और उसके बाद दबाब में कार्यवाही करते है।ऐसा कब तक चलता
रहेगा....?इतने बड़े गंभीर मामले में जहां जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशुतोष
गुप्ता द्वारा पूरी तत्परता दिखाई गई तो वहीं रात्रि दो बजे तक विभाग के अन्य बड़े
अधिकारी पूरे घटनाक्रम में दिखाई नहीं दिए और मामले के बिगड़ने तक का इंतजार कर रहे
हैं।
*शहर में चारो ओर पुलिस का
पहरा*
युवक की गंभीर एवं नाजुक अवस्था मे जबलपुर ले
जाने के बाद स्थिति को समझते हुए प्रशासन द्वारा पूरे शहर में पुलिस का पहरा बढ़ा
दिया गया है शहर के चारों ओर स्थिति को कंट्रोल करने पुलिस की टीमें पीसीआर में
घूम रहीं हैं।
*मंत्री की जनता से दूरी,और सत्ता मोह
अब ज्यादा दिन का नहीं*
जिले के नेता मंत्री राजेन्द्र शुक्ला की
जनता से दूरी और सत्ता का घमंड अब ज्यादा दिन तक रहने वाला नहीं है क्योंकि लगातार
प्रशासन का कहर झेल रही आम जनता अब कराह रही है और इन्हें अब वर्तमान सरकार को
वनवास भेजने की तैयारी कर चुकी है ।
जनता देखे और जाने, मौन रहने वाले ये नेता इस
मुद्दे पर टिप्पड़ी करने से दूर है, मामला दर्ज होने की सम्भावनाये नही है . नेता
आयेगा वोट मांगने साथ में लायेगा गुंडे और जनता सवाल भी नही कर पायेगी , नेता
आयेगा मंच पर भाषण देने पर जनता कुछ पूछ नही पायेगी, क्योकि उसे बोलने का मौका नही
है, हर नेता जानता है की जनता के पास वर्तमान सक्रीय पार्टियों के पुराने कार्यकर्ताओ के अलावा और कोई विकल्प
नही है, फिर वो चाहे जाहिल ही क्यों न हो, थोपा जायेगा जनता पर, आवश्यकता है जनता
को जागरूख होने की, क्योकि भ्रष्ट तंत्र के सभी अधिकारी सरकारी नौकरी पाते ही
संरक्षित हो जाते है, इन पर कार्यवाही मुमकिन नही जब तक पीड़ित के पिताजी न्यायाधीश
न हो, और इस मौत के पीछे किसी राजनेता और
पार्टी का भला नही होगा, क्यों की न हिन्दू मरा है न मुस्लिम , न मरने वाला किसी
धर्म का प्रतीक था, वो था एक आंम इंसान बस यही उसका गुनाह था,