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NRC ड्राफ्ट में उल्फा उग्रवादी का नाम, सांसद का नाम गायब

ULFA name missing from assam nrc draft
असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को निकालने के लिए सरकार ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का पहला ड्राफ़्ट जारी किया है. इसमें 3.29 करोड़ लोगों में से केवल 1.9 करोड़ को ही भारत का वैध नागरिक माना गया है. पहले ड्राफ्ट में कई हैरान करने वाली बातें भी सामने आई हैं. इस लिस्ट में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट( AIUDF) के चीफ और लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल और उनके दो बेटों के नाम नहीं हैं.

वहीं, प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई (ULFA-I)के उग्रवादी परेश बरुआ का नाम इस लिस्ट में है. बरुआ का एआरएन नंबर 101831002065041801069 है. उसे डिब्रूगढ़ जिले के जेरईगांव का रहने वाला बताया गया है. यही नहीं, बरुआ के परिवार वालों के नाम भी इस लिस्ट में है.   

उग्रवादी परेश बरुआ के अलावा उल्फा-आई (ULFA-I) के एक और बड़े नेता अरुनोदोई दोहुतिया का नाम भी पहले ड्राफ्ट में शामिल है.

बता दें कि असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए उनका नाम इस रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है. यह कदम असम में अवैध रूप से बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने के लिए किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 31 दिसंबर को पहला ड्राफ्ट जारी किया गया. इस रजिस्टर में जिन आवेदकों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं, उनकी अभी जांच चल रही हैं.

भारत के रजिस्ट्रार जनरल शैलेश के मुताबिक, 'यह ड्राफ्ट का पहला हिस्सा है, जिसमें अब तक 1.9 करोड़ लोगों के नाम पर मुहर लगाई गई है. बाकी बचे नामों की अलग-अलग स्तर पर जांच की जा रही हैं. जैसे ही सत्यापन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, एक और ड्राफ्ट जारी किया जाएगा.'

बता दें कि पहला ड्राफ्ट जारी होने से पहले ही सूबे में तनाव की आशंका जताई जा रही थी. जिसके मद्देनजर भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है या अलर्ट पर रखा गया है. गृह मंत्रालय और राज्य सरकार की तरफ से बार-बार संयम बरतने की अपील की गई है.

गृह मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के पहले मसौदे में जिन लोगों का नाम नहीं है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. उन्हें अपना परिचय दस्तावेज साबित करने के लिए पर्याप्त मौके दिए जाएंगे.