Special Story: कागजों में ही नरसिंहपुर ओडीएफ घोषित हुआ है - News Vision India

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Special Story: कागजों में ही नरसिंहपुर ओडीएफ घोषित हुआ है


9 मार्च 2017 का दिन नरसिंहपुर के लिए किसी ऐतिहासिक दिन से कम नही था जब मध्यप्रदेश का नरसिंहपुर पहला ओडीएफ जिला बना और खुद प्रदेश के मुखिया ने मंच से इसकी घोषणा की

लेकिन इसकी हकीकत क्या है आइए हम आपको बताते हैं क्या वाकई बैनर पोस्टर और कागजों में ही नरसिंहपुर ओडीएफ घोषित हुआ है देखिए यह रिपोर्ट.

क्या कागजों में भी शौचालय बनाए जा सकते हैं क्या बैनर पोस्टरों से ओडीएफ घोषित किया जा सकता है सुनने में आपको अटपटा जरूर लगेगा लेकिन यह सच है ऐसा ही कुछ नरसिंहपुर में देखने को मिलता है जहां की गोटेगांव तहसील कि नगर परिषद में अनेकों परिवार आज भी खुले में शौच को जाने में मजबूर बेबस हैं एक और सरकार देशभर में स्वच्छता अभियान छेड़े हुए ही है ताकि रोगों को भगाया जा सके लेकिन गोटेगांव नगर परिषद में आज भी कई घरों में शौचालय या तो बने ही नहीं है और कुछ घरों में बनी हुई है तो सिर्फ सैनेटरी सीट डालकर प्रशासन ने खानापूर्ति कर उन्हें सूची में डालकर ओडीएफ घोषित करा दिया जिसका खामियाजा अब यहां के लोगों को उठाना पड़ रहा है वहीं कुछ परिवार अब भी शौचालय विहीन है और मजबूरन उन्हें खुले में शौच को जाना पड़ता है

बाइट 01 - कीर्ति छात्रा 

बाइट 02 - विमला बाई रहवासी 

ओडीएफ होने के बाद भी शौचालय ना बनने पर ऐसा नहीं है कि रहवासियों ने नगर परिषद में जाकर शिकायतें ना की हो यहां तक की राशि जमा कर उन्हें उन्हें पर्चियां भी थमा दी गई और फिर कागजों में ओडीएफ घोषित कर दिया गया यहां की रहवासी बताती हैं कि जब भी सीओ में दफ्तर में जाते हैं तो वह गोलमोल जवाब देकर टाल देते हैं वहां सुनने वाला कोई नहीं है 70 साल की मुन्नीबाई बताती हैं कि पिछली दिवाली को एक दुर्घटना में उनका पैर जख्मी हो गया था पैरों में रॉड डलवानी पड़ी  है बार बार निवेदन करने के बाद भी उनके यहां शौचालय नहीं बनवाया गया और अब मजबूरन घर के आंगन में ही परिजन उन्हें शौचालय कराते हैं

बाइट 03 - मुन्नीबाई - रहवासी

बाइट 04 - विमलाबाई - रहवासी 

खुद नगर परिषद के अध्यक्ष प्रतिनिधि सीएमओ पर भ्रष्टाचार और गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि बार-बार शिकायतों के बाद भी वह ध्यान नहीं देते और कागजों बैनरों पोस्टरों में ही ना केवल ओडीएफ घोषित करवा दिया गया बल्कि स्वच्छता अभियान जी इसी तरह मनमानी की भेंट चढ़ रहा है

बाइट 05 - मुकेश बिलवार ,अध्यक्ष प्रतिनिधि 

ओडीएफ की हकीकत जानने जब हमने नगर परिषद के सीएमओ आनंद श्रीवास्तव से पातकी तो वह पूरे मामले में अनभिज्ञ बनते नजर आए हालांकि उन्होंने जांच कराने की बात कही और यह भी कुबूल किया कि नगर परिषद को बहुत पहले ही ओडीएफ घोषित किया जा चुका है हालांकि जब उनसे प्रमाण स्वरूप लिस्ट मांगी गई तो उन्होंने सिविल इंजीनियर पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि यह लिस्ट उनके पास है और वह छुट्टी में है इस तरह वह गोलमोल जवाब देते नजर आए

बाइट 06 - आंनद श्रीवास्तव सी एम ओ नगरपालिका गोटेगांव


तो देखा आपने किस तरह है शासन में बैठे नुमाइंदे ही सरकारों को चूना लगा रहे है ऐसे हाल में इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा सरकारों को उठाना पड़े तो यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी