आगामी चुनाव वर्ष को
ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश में एक औपचारिक घोषणा करते
हुए तत्काल प्रभाव से सभी टोल नाकों को बंद
करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं विपक्षी पार्टी इस मुद्दे को केवल एक चुनावी जुमला और पब्लिक का ध्यान आकर्षित
करने का एक प्रयास बता रही है, यह वो सभी टोल नाके है जो साल में 32 लाख से कम वसूली करते
है
अचानक से मुख्यमंत्री ने कैसे लिया यह निर्णय ?
न्यूज़ विजन के द्वारा सड़क हादसों को लेकर के दायर की गई शिकायत का असर, मुख्यमंत्री ने लिया एक बड़ा निर्णय, अभी हाल ही में बरेला मंदिर जबलपुर में एक भीषण हादसा हुआ था जिसमें एक लोहे की प्लेट से लदा हुआ ओवरलोड ट्रक वहां के आम लोगों के घरों पर चढ़ गया था जिसमें कुछ बच्चे स्कूल जा रहे थे कुछ वहां पर नाश्ता कर रहे थे जिनको उस ट्रक ने मौत की नींद सुला दिया फिलहाल मुख्यमंत्री ने नाको को बंद करने की घोषणा की है परंतु ओवरलोडिंग के मुद्दे पर अभी भी चुप्पी साधे हुए हैं कब तक जनता मरती रहेगी और उन्हें ₹100000 का मुआवजा मिलता रहेगा इस मुद्दे पर फिलहाल मुख्यमंत्री ने कोई भी फैसला नहीं लिया है ना ही कोई इसमें जिक्र किया है आने वाले समय में इस मुद्दे पर जनहित याचिका के माध्यम से कार्यवाही की अपेक्षा माननीय न्यायालय से रहेगी
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