दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन, हजारों लोग शामिल, उन्नाव-कठुआ में हुई बर्बरता के विरोध में - News Vision India

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दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन, हजारों लोग शामिल, उन्नाव-कठुआ में हुई बर्बरता के विरोध में

People Protested At New Delhi Against Rapes In India
देल्ली में हज़ारों की संख्या में लोगो ने कठुआ और उन्नाव बलात्कार पर विरोध प्रदर्शन किया. कठुआ बलात्कार पर पहलें ही यूनाइटेड नेशन ने आपत्ति जता चूका हैं. हालांकि दोनों ही बलात्कार के अरोपियो की गिरफ्तारी हो चुकी हैं पर देश में विरोध थमने का नाम नहीं ले रहे.

कठुआ और उन्नाव में हुई हालिया रेप की घटनाओं के खिलाफ दिल्ली में कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए। रविवार शाम को सिविल सोसाइटी के लोगों ने दिल्ली के संसद मार्ग पर #NotInMyName के बैनर तले प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए। संसद मार्ग को रविवार शाम 5 बजे शुरू हुए इस विरोध में सिविल सोसायटी समेत, कॉलेजों और विश्वाद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इस विरोध प्रदर्शन के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र अपने कैंपसों से बसों में भरकर संसद मार्ग पहुंचे। इन लोगों की मांग है कि उन्नाव और कठुआ घटना के दोषियों को सख्त सजा दी जाए।

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बताया कि उन्नाव में लड़की और उसके परिवार ने यूपी के मुख्यमंत्री आवास के  बाहर आत्मदाह करने का प्रयास किया था। लड़की का कहना था कि भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई ने पिछले वर्ष जून में उनसे बलात्कार किया। लेकिन पुलिस में उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। वहीं, पुलिस ने विधायक के भाई द्वारा भेजे गुंडों के साथ मिलकर लड़की के पिता को पीट-पीट कर मार डाला। इसके बावजूद इस पर भाजपा और राज्य सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जनवरी माह में 8 वर्षीय बच्ची के बलात्कार की एक अन्य घटना ने भी महिला सुरक्षा के प्रति भाजपा की झूठी चिंता की पोल खोल दी है। इस मामले में भी बलप्रयोग कर चार्जशीट नहीं दाखिल करने दिया। उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्यों और केंद्र में भाजपा की सरकार के आने के बाद से महिलाओं पर हिंसा, जातिगत दबंगई, दलित और पिछड़ी जातियों पर हमले की घटनाएं बढीं हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि कई मामलों में भाजपा सरकार ने आरोपियों और अपराधियों को बचाने का भी प्रयास किया है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि भाजपा शासित यूपी और भाजपा-पीडीपी गठबंधन शासित जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्रियों को महिला विरोधी रवैये की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।

प्रदर्शन में शामिल दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा कृतिका शर्मा ने कहा कि रेर को आरोपियों को सजा मिलना तो दूर उन्हें सबूत होने के बावजूद भी रसूख के चलते कई बार गिरफ्तार नहीं किया जाता। कई स्थानों पर एफआईआर के बाद भी लड़कियां अपने बयान देने से डरती हैं। सरकारों को चाहिए कि वे ऐसा माहौल पैदा करे जिससे पीड़िता यौन शोषण के आरोपियों के खिलाफ खुलकर आवाज उठा सकें। वहीं, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र फिरोज खान ने बताया कि ये विरोध प्रदर्शन इंसानियत को वापस लाने के लिए कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि देश में हर जगह महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

'बकरवाल समाज के परिवारों को सुरक्षा दे सरकार'

प्रदर्शनकारियों ने जम्मू में हिन्दू एकता मंच के सदस्यों को गिरफ्तार करने की मांग भी की गई जिन्होंने रेप के आरोपियों के पक्ष में रैली निकाली थी। इसके अलावा उनकी मांग है कि जम्मू में बकरवाल समाज के परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. साथ ही सरकार उन परिवारों की जिम्मेदारी उठाए जाए. इसके अलावा सरकार पीड़ित परिवार को कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराए।

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