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लोकसभा में मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा, अविश्वास प्रस्ताव बहस के लिए मंज़ूर

No Confidence Motion Against Modi Details
लखनऊ से स्टेट हेड न्यूज विजन भानू मिश्रा उत्तर प्रदेश की मोदी सरकार के अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष रिपोर्ट
नई दिल्‍ली। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। लोकसभा में भीड़तंत्र की हिंसा यानि मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा किया। राज्‍यसभा में टीडीपी सांसदों के आंध्र प्रदेश को विशेष राज्‍य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी की, जिसके बाद राज्‍यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी गई। इस बीच कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव रखा, जिसे लोकसभा स्‍पीकर सुमित्रा महाजन ने मंजूरी दे दी। लोकसभा में मोदी सरकार के लिए विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव को पहली अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। लोकसभा में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर शुक्रवार को बहस होगी। अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर पूछे गए सवाल पर सोनिया गांधी ने कहा कि कौन कहता है हमारे पास नंबर नहीं हैं? मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद में अहम मुद्दों पर सार्थक बहस होना जरूरी है। हम हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। 22 दिन चलने वाले इस सत्र में सरकार का इरादा 18 विधेयक पेश करने का है।

अविश्‍वास प्रस्‍ताव का कोई मतलब नहीं
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने सोनिया गांधी के 'कौन कहता है कि हमारे पास नंबर नहीं' वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि मोदी सरकार के खिलाफ जो अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाया गया है, उसका कोई मतलब नहीं है। लोकसभा में हम 20 जुलाई को स्पष्ट बहुमत दिखाएंगे। हम असानी से जीतकर विपक्ष को अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे।' उन्‍होंने बताया कि नंबर में वह विपक्ष से कहीं आगे हैं।

सोनिया गांधी ने कहा- कौन कहता है हमारे पास नंबर नहीं
कांग्रेस का कहना है कि स्‍पीकर द्वारा विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव स्‍वीकार करने को लेकर वे खुद हैं। इससे अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर बहस के दौरान हमें महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर सरकार की चुप्‍पी तुड़वाने का मौका मिलेगा। अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर पूछे गए सवाल पर यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कहा कि कौन कहता है हमारे पास नंबर नहीं हैं? वहीं समाजवादी पार्टी से सांसद रामगोपाल यादव ने अविश्‍वास पत्र पर टिप्‍पणी करते हुए कहा, 'विपक्ष के पास नंबर नहीं है, लेकिन ऐसे लोग हैं जो दूसरों को बताएंगे कि कैसे केंद्र सरकार जनता को पागल बना रही है। अब सवाल ये है कि सरकार गिराने लायक जब नंबर नहीं हैं, तो मकसद क्‍यों सरकार गिराने का है? विश्‍वास ये है कि जनता के मन में अविश्‍वास पैदा कर दें।'

कांग्रेस ने रखा आविश्‍वास प्रस्‍ताव
संसद में मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में कहा कि जिस सरकार के राज में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, जिनके शासन में महिलाओं के साथ हर रोज दुष्‍कर्म किया जा रहा है... हम आपके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखते हैं...।'

सदन में सांसदों को वाई-फाई की सुविधा
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मानसून सत्र की शुरुआत में सांसदों को खुशखबरी देते हुए बताया कि सदन में वाई-फाई की सुविधा शुरू कर दी गई है। सभी सदस्य रजिस्ट्रेशन के बाद इसका लाभ उठा सकेंगे। हालांकि सरकार का यह गिफ्ट विपक्षी सांसदों का दिल नहीं जीत सका और मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ।

राष्‍ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्‍यों ने ली शपथ
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्‍यसभा के लिए मनोनीत सदस्‍यों किसान नेता राम शकल, लेखक और स्तंभकार राकेश सिन्हा, मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा और क्लासिकल डांसर सोनल मानसिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ ली।

संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'देखिए, देश के कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिनपर बहस होनी बेहद जरूरी है, इन मुद्दे पर जितनी चर्चा होगी उतना ही देश को फायदा होगा। मैं आशा करता हूं कि सभी राजनीतिक दल सदन के समय का सर्वाधिक उपयोग देश के महत्वपूर्ण कामों को आगे बढ़ाने में करेंगे। सत्र के दौरान कोई भी सदस्‍य, पार्टी किसी भी मुद्दे को बहस के लिए उठा सकती है।' इस दौरान पीएम मोदी ने देश के कई राज्‍यों में बाढ़ के हालात पर भी चिंता व्‍यक्‍त की।
संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना थी। इसका अंदाजा एक दिन पहले ही तब लग गया, जब कांग्रेस एलान किया कि वो सरकार के खिलाफ आविश्‍वास प्रस्‍ताव लाएगी। इधर बुधवार को मानसून सत्र शुरू होने से पहले भीड़ की हिंसा यानि मॉब लिंचिंग मामले पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सांसद जेपी यादव ने भी स्‍थगन प्रस्‍ताव का नोटिस दिया। वहीं सीपीआई सांसद डी राजा ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं और स्वामी अग्निवेश पर हमले को लेकर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया।

संसद का मानसून सत्र, राजनीतिक सरगर्मियों के अतिरिक्त कामकाज के लिहाज से भी अहम रहने वाला है। 22 दिन चलने वाले इस सत्र में सरकार का इरादा 18 विधेयक पेश करने का है। इन विधेयकों में गैर-कानूनी डिपॉजिट स्कीमों पर लगाम लगाने से लेकर एमएसएमई क्षेत्र के लिए टर्नओवर के लिहाज से परिभाषा में बदलाव करने वाले विधेयक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सरकार उन विधेयकों को भी मानसून सत्र में लाने का रास्ता निकालने की तैयारी में है जिन्हें लोकसभा में तो पेश किया जा चुका है, लेकिन अभी तक विभिन्न विभागों से संबंधित संसद की स्थायी समितियों के पास विचारार्थ नहीं भेजा जा सका है।

सरकार की कोशिश है कि इन विधेयकों पर भी इसी सत्र में चर्चा कराकर इन्हें पारित करा लिया जाए। इनमें उपभोक्ता संरक्षण कानून, इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड और फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ओफेंडर्स बिल शामिल हैं। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड और फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ओफेंडर्स कानून को सरकार अध्यादेश के जरिए लागू कर चुकी है। अब इन्हें इस सत्र में पारित कराना सरकार की प्राथमिकता पर रहेगा।

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