नगर निगम का रामचरण जेल गया 4 साल के लिए, मामला ३ हजार की रिश्वत का - News Vision India

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नगर निगम का रामचरण जेल गया 4 साल के लिए, मामला ३ हजार की रिश्वत का

                                              nagar nigam jabalpur ramcharan

प्र क्र 7/17 में रामचरन पटेल तत्कालीन पंप अटेंडेंट नगर निगम दमोह नाका कार्यालय जबलपुर   को आज दिनांक 16/7/2018 को धारा 7 13(1)(डी)13(2) भृष्टराचार निवारण अधिनिय में 4 वर्ष का करावास 3000 रुपए जुर्माना से  विशेष न्यायालय जबलपुर श्री अक्षय कुमार द्विवेदी द्वारा दण्डित किया गया।


प्रकरण में दिनांक 21/07/16 को संतोष यादव  द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त  जबलपुर में शिकायत की गई की वह अरविंद सिंह के लिए कार्य करता है अरविन्द सिंह ने चितरंजन वार्ड जबलपुर में तीन प्लाट खरीदे थे जिनकी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अरविन्द ने सन्तोष से कहा था जब सन्तोष अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने नगर निगम कार्यालय जबलपुर गया तो वहां पदस्थ रामचरन पटेल ने उससे प्रति प्लाट 1000 के हिसाब से 3000 की मांग की  सन्तोष ने यह बात अरविन्द को बताई तब अरविद ने कहा कि अपन रिश्वत नहीं देंगे इसकी शिकायत लोकायुक्त में करो ।


प्रार्थी की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर के निर्देश पर लोकायुक्त संघठन जबलपुर द्वारा कार्यवाही करते हुए आरोपी रामचरन पटेल को 2000  की रिश्वत लेते हुए दिनांक 22/7/16 को नगर निगम कार्यालय दमोह नाका जबलपुर में रँगे हाथों पकड़ा गया


आरोपी के द्वारा प्रार्थी से रिश्वती राशि लेकर अपने टेबल पर रखे रजिस्टर  में रख ली थी जो राशि रजिस्टर  से बरामद की गई ।

प्रकरण में सितंबर 2017 में अभियोग पत्र पेश हुआ 9 माह में ही विचरण पूर्ण होकर फैसला गया।
प्रकरण में लोकायुक्त संघठन की और से पैरवी विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला द्वारा की गई


और भी ऐसे कई कम है जिसमे कई नगर निगम अधिकारी, काम करने पर रिश्वत लेते है, और कई काम ऐसे भी है, जो शिकायत रूप में दर्ज होते है जिन पर कम नही करने की पैतरा बाजी चलती रहती है, cm-helpline में दर्ज की कई शिकायतों को बिना निराकरण किये बंद कर देते है, मानो जिसके खिलाफ शिकायत की गयी उसने कार्यवाही रोकने भुगतान कर दिया हो, ये भी भ्रष्टाचार है, जिसकी शिकायतें लंबित है, न जाने कब निराकृत होंगी, 


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