CM Helpline की शिकायत निपटाने के लिए मांगी रिश्वत, फिर खुद की हुई शिकायत, अब न्यायालय ने भेजा जेल - News Vision India

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CM Helpline की शिकायत निपटाने के लिए मांगी रिश्वत, फिर खुद की हुई शिकायत, अब न्यायालय ने भेजा जेल

Bribe Asked For Closing CM Helpline Complaint
रिश्वत के मामले में  मुकेश श्रीवास्तव  बी आर सी ग्रामीण जबलपुर जनशिक्षक प्रीतम सैयाम जनशिक्षा केंद्र बरगीएवं सहायक शिक्षक गिरधर गोपाल पटेल सहायक शिक्षक कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला बरगी को सजा 

माननीय विशेष न्यायलय अक्षय कुमार द्विवेदी जबलपुर भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम की धारा 7 13(1)(डी)13(2) 8 और भा.दा. वि. की धारा 120बी में 4 - 4 वर्ष के कारावास और 12-12 हजार के जुर्माने  की सजा से दण्डित किया जाकर जेल भेजा गया।
प्रकरण में शिकायतकर्ता कैलाश ऊइके सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला नारायणपुर (बरगी) द्वारा दिनांक 28/10/15 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर को लिखित शिकायत की कि उसकी शाला में अतिथि शिक्षक की नियुक्ति से संबंधित उसकी शिकायत सी. एम्. हेल्प लाईन में की गई थी जिसकी जांच के निराकरण हेतु बी. आर. सी. मुकेश श्रीवास्तव एवं जनशिक्षक प्रीतम सैयाम द्वारा उससे 10000 (दस हजार) रूपये की मांग की जा रही है वह रिश्वत नही देना चाहता कार्यवाही कराना चाहता है।

प्रार्थी ने जब मुकेश श्रीवास्तव से बातचीत किया था तब मुकेश श्रीवास्तव ने रिश्वत की राशि प्रीतम सैयाम को देने के लिए कहा गया ।
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के निर्देश पर गठित लोकायुक्त दल ने कार्यवाही करते हुए आरोपी प्रीतम सैयाम और गिरधर गोपाल पटेल को पी. एस. एम. कॉलेज जबलपुर के पास 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

रिश्वत की राशि प्रार्थी द्वारा जब प्रीतम सैयाम को दी जारही थी तब प्रीतम सैयाम द्वारा प्रार्थी से उक्त रिश्वत राशि गिरधर गोपाल पटेल को देने हेतु कहा गया । प्रार्थी से गिरधर गोपाल पटेल ने रिश्वत की राशि लेकर अपने पेंट की जेब में रख ली । प्रीतम सैयाम से पूछे जाने पर उसने बताया कि राशि गिरधर गोपाल पटेल के पास में है। दोनों आरोपी को लेकर लोकायुक्त दल बी. आर. सी. कार्यालय जबलपुर पहुँचा जहाँ बी. आर. सी. मुकेश श्रीवास्तव भी मौजूद थे । लोकायुक्त दल ने बी आर सी कार्यालय जबलपुर में आगे की कार्यवाही करते हुए गिरधर गोपाल पटेल के पेंट की जेब से दस हजार की रिश्वत की राशि बरामद की गई। गिरधर गोपाल पटेल के हाथों और पेंट को उतरवा कर घोल में धुलाया गया था तो घोल का रंग गुलाबी हो गया था । अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और तर्क से न्यायालय ने अभियोजन के मामलें को प्रमाणित मानते हुए तीनो आरोपी को दोषसिद्ध करार किया।

अभियोजन  की और से पैरवी विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला द्वारा की गई।
भराष्ट्राचार के मामलों के शीघ्र निराकरण के लिए हाल ही में संशोधित अधिनियम में 2 वर्ष में निराकरण की समय अवधि नियत की गई है। इस प्रकरण का अभियोग पत्र जनवरी 2018 में न्यायायलय में प्रस्तुत हुआ और 8 माह के अंदर फैसला आ गया।

रिश्वत लेते पकड़ा 29/10/15 को गया था

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