"तलवे चाटो" बने रहो उपायुक्त के पद पर
वाणिज्यिक कर विभाग की विशेष व्यवस्था
हजार करोड़ से अधिक के घोटाले पर जांच अभी तक निलंबित, जिम्मेदार भ्रष्ट उपायुक्त
नारायण मिश्र के विरुद्ध IAS पवन कुमार
शर्मा मध्य प्रदेश वाणिज्य कर
कार्यालय इंदौर के प्रमुख कमिश्नर के द्वारा कार्यवाही करने में असमर्थता जाहिर की
गई, उनके द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार प्रकरण की जांच के लिए अतिरिक्त कमिश्नर एन एस मरावी और अतिरिक्त कमिश्नर बसंत कुर्रे को नियुक्त किया गया है, इन दोनों अधिकारियों के द्वारा इस पूरे प्रकरण
में एक जांच संबंधित पत्र भी जारी नहीं किया गया है, ढील ऐसी बरती जा रही है, जैसे कभी कुछ हुआ ही ना
हो या कुछ करने की इच्छा ही ना हो इस विभाग में पैसे खाकर आदेश पारित करने वाला एक भ्रष्ट उपायुक्त ओम प्रकाश वर्मा आज
5 साल के लिए जेल की चारदीवारी में बंद हो चुका है, भ्रष्टाचार की दूसरी गाज गिरनी है नारायण मिश्रा पर, परंतु
तलवे चाटने में महारत हासिल किए इस भ्रष्ट उपायुक्त की पकड़ मजबूत है, ये चाटुकारी इनके द्वारा इतनी शिद्दत लिहाज से की जाती है, की मालिक खुश हो
जाते है, जिससे खुश हो रहे अधिकारी इसके मालिक के जैसे से रोटी उपलब्ध कराते रहने की
व्यवस्था को बनाए रखने में निरंतर आशीर्वाद देते रहते हैं, जो निरंतर 6 वर्षो से स्थान्तरण पालिसी के विपरीत एक जबलपुर संभाग के काम दिए हुए है, जो कमाऊ क्षेत्र है,
अब तो सरकार बदल गयी, कमिश्नर बदल गया , वित्त मंत्री बदल गया , पर भ्रष्टाचार पर कार्यवाही शेष है , रुपयों का खेल है बाबा , मुख्या मंत्री के निज सचिव बिक रहे है , करोड़ो में, भाव लगाने वाला चाहिए इस भ्रष्टाचार को मध्य प्रदेश में
अब तो सरकार बदल गयी, कमिश्नर बदल गया , वित्त मंत्री बदल गया , पर भ्रष्टाचार पर कार्यवाही शेष है , रुपयों का खेल है बाबा , मुख्या मंत्री के निज सचिव बिक रहे है , करोड़ो में, भाव लगाने वाला चाहिए इस भ्रष्टाचार को मध्य प्रदेश में
इस विभाग से संबंधित अनेक
खबरों का प्रकाशन पहले किया जा चुका है जिस पर कार्यवाही या धीरे-धीरे चलती रहती
हैं प्रधानमंत्री ऑफिस से भी इस पूरे कार्यक्रम में जांच हेतु पत्र जारी किया गया
है परंतु चाटुकारी इतनी ज्यादा हावी है, कि प्रधानमंत्री को भी लॉलीपॉप देने में चूकते
नहीं अधिकारी, जनता की तरफ अगर देखा जाए तो जब भी कोई सामान्य
व्यक्ति इनकी तरफ कोई शिकायत आवेदन या विभाग संबंधित आवेदन लेकर के पहुंचता है, अगर वह खाली हाथ आता है तो इनका दृष्टिकोण है
लगभग ऐसा रहता है.
क्योकि अधिनियम तले इन पर कार्यवाही का अधिकार केवल मालिक को है, जो
करेंगे नही
अभी
वाणिज्य कर विभाग के कमिश्नर पवन कुमार शर्मा जीएसटी काउंसिल के अधिकारियों के साथ
अलग-अलग मुद्दों पर प्लानिंग बनाने में व्यस्त है, यह वही सब प्लानिंग है, जिनका
अनुपालन इन के निचले स्तर के अधिकारी कभी नहीं करते उनके द्वारा जारी की गई अधिसूचनाए
कचरे के डिब्बे में पड़ी रहती हैं, नाम के कमिश्नर फेल मॉनिटरिंग
की आड़ में हर अधिकारी अपने अपने स्तर पर कानून से भय मुक्त होकर काम कर
रहा है
इस कदर भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट अधिकारी से समाज को बड़ा खतरा है इस तरह के भ्रष्ट अधिकारियों को सामाजिक रुप से बहिष्कृत करने के लिए संपूर्ण ब्राह्मण समाज के विभिन्न अध्यक्षों को पत्र लिखा जा कर इसके सामाजिक बहिष्कार की मांग भी की गई है
इन सभी लिंक्ड समाचारों में भ्रष्टाचार की चरम सीमा पार कर चुके भ्रष्ट अधिकारियो की जनम कुंडली अवश्य पड़े
1. पैसा दो न्याय लो, वाणिज्यिक कर विभाग जबलपुर में बिना लेनदेन के कोई काम नहीं
2. वाणिज्यिक कर विभाग के ओ. पी. वर्मा उर्फ़ ओमप्रकाश का एक और केस सामने आया http://www.newsvisionindia.tv/2017/11/op-verma-corruption-mpctd-jbp.html
3. वाणिज्यिक कर उपायुक्त ओ. पी. वर्मा, उर्फ़ ओमप्रकाश, अंततः निलंबित
4. न्याय विक्रेता निलंबित उपायुक्त पर कार्यवाही लंबित वाणिज्यिक कर विभाग मध्य प्रदेश
5. रोग मुक्त हुआ विभाग, भ्रष्टाचारी ओ पी सेवा से निवृत्त हुआ, निलंबन काल में
करोडपति है उपायुक्त वाणिज्यिक कर के नारायण मिश्र, आयुक्त कार्यालय इंदौर में हो रहे भ्रष्टाचार पर जाँच जारी,
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