जबलपुर पुलिस सावधानी बरते तो करोडो की कर चोरी पकड़ में आयेगी, थाना प्रभारी ही जांच कर सकते है, - News Vision India

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जबलपुर पुलिस सावधानी बरते तो करोडो की कर चोरी पकड़ में आयेगी, थाना प्रभारी ही जांच कर सकते है,


kar chori ka maal jabalpur police ko handle karna

  जबलपुर पुलिस सावधान रहें चोरी का माल प्रवेश कर रहा है मध्य प्रदेश में

भ्रष्टाचार पर मिलीभगत से मध्यप्रदेश राज्य शासन को करों की क्षति कारित करने वाले वाणिज्य कर के भ्रष्ट अधिकारियों ने अपनी व्यक्तिगत दुकान खोल कर रखी है इन को प्राप्त अधिकार और उनका पति दुरुपयोग हर समय नई पराकाष्टा को लांघ देता है,

शांत बैठे रहते हैं आरटीओ के अधिकारी जो ओवरलोडिंग भी नहीं देखते रोज सैकड़ों लोहे और परचून की गाड़ियां बिना बिल के मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश करती हैं, और मध्यप्रदेश का मुख्य द्वार है जबलपुर, जहां से सारा माल ट्रकों के जरिए शहर के बीचोबीच से क्रॉस होता है, और हाईवे से क्रॉस होता है, जिस पर आंखें मूंदे बैठे बेईमान अधिकारी शांति बनाए रखते हैं.

अंधा होकर बैठा है IAS प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव और आंखें मूंद कर बैठा है IAS कमिश्नर वाणिज्य कर विभाग का पवन कुमार शर्मा, और प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया का तो इस पूरे मामले में कोई रोल ही नहीं है सबसे ईमानदार वित्त मंत्री हैं जो प्रदेश का बजट और बजट उद्घोषणा करते हैं विधानसभा में

इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को समय समय पर पूरी शिकायतें पूरी जानकारियां उपलभ्ध है,  हो रहे भ्रष्टाचार पर बिंदुवार तथ्यों के साथ प्रमाणित जानकारी भी प्रस्तुत की गई है, परंतु मजाल है, इनके द्वारा कभी कोई एक्शन लिया गया हो, उल्टा भ्रष्ट अधिकारियों का मनोबल बढ़ाते हुए यह शांत रहते हैं, और भ्रष्ट अधिकारी अपना कार्य निसंकोच करते रहते

हैं किसी भी प्रकार से जनता को और व्यापारियों को ठगने से नहीं चूकते हैं इन्हीं में से एक भ्रष्ट अधिकारी ओम प्रकाश वर्मा जो अपीलीय उपायुक्त जबलपुर रहा है आज 5 साल की जेल काट रहा है,  दूसरा डिफाल्टर अभी भी यहां पर बना हुआ है जिसका नाम है नारायण मिश्रा जो कि अभी भी मनमाने तरीके से काम कर रहा है, और पदीय  दुरुपयोग की पूरी जानकारी होने के बाद भी किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा ना इसका ट्रांसफर किया जाता है, ना ही उसका पदावनति की जाती है,

ऐसा मानो जैसे  पैसा कमाने की एक कड़ी बन गया हो नारायण मिश्रा और इंटेलिजेंस ब्यूरो का उपायुक्त ओम प्रकाश पांडे,  यह वही ओम प्रकाश पांडे है, जिसने हाल ही में अधिकारी ग्रुप में 8 ब्लू फिल्म भेज दी थी, मजे की बात है, प्रमुख सचिव और आयुक्त गूंगे बने बैठे हैं कोई कार्यवाही नहीं करते.

पेश है उन वाहनों के नंबर जिनसे चोरी का माल, कर चोरी का माल, बिना बिल का माल, जीएसटी चोरी का माल और दो नंबर का माल परिवहन हो रहा है, और जबलपुर की सीमाओं से और जबलपुर शहर के बीचोबीच से गुजरेगा

जरूरत है, सभी थाना प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र में सक्रिय होने की कि इस वाहन में या दिए गए नंबरों के वाहन में कौन सा माल कहां जा रहा है, जिस पर आरटीओ अधिनियम के तहत भी ओवरलोडिंग की कार्यवाही होनी चाहिए तथा साथ ही जीएसटी की कार्यवाही भी होनी चाहिए आज जबलपुर में जीएसटी के दो डिपार्टमेंट है एक सेंट्रल का और दूसरा राज्य का, राज्य के अधिकारी जीएसटी के कानून को खिलौना बना चुके हैं, न कोई जीएसटी की कार्यवाही करता है, ना ही उस पर ध्यान देता है, सिर्फ बिके हुए हैं और शांत बैठे आंखें मूंद देते हैं, इन्हीं में से एक अधिकारी है अशोक कुमार आर्मो  जो कि पद पर एसीटीओ है, अपना खुद का प्राइवेट वाहन MP20-4748 WHITE SWIFT DZIRE लेकर के प्राइवेट गार्ड के साथ प्राइवेट ड्राइवर के साथ DUTY पूरी करता है,  जोकि पूरी तरह से अवैध है, इसका किराया भाड़ा कहां से निकाला जाता है, कंपनी को दिया जाता है, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है ,

ANTI EVASION BUREAU  का उपायुक्त ओमप्रकाश पांडे और नारायण मिश्रा अभी अपनी धाक जमा जबलपुर में पदस्थ हैं, और बड़ी ही बेशर्मी के साथ अपनी रिश्वतखोर छवि की नुमाइश के लिए बकायदा सरकारी दफ्तर में अधिनियम तले सुरक्षित  हराम की कमाई का सूट-बूट पहनकर ऑफिस में उपस्थित रहते हैं इनका काम केवल और केवल जनता से व्यापारियों से पैसा वसूलना होता है काम करने के तरीके विधान में जैसे लिखे हो वह एक तरफ रख दिए जाते हैं, हां यह जरूर है जिस तरह से कमाई हो सकेगी उसके हिसाब से विधान और नीति तय की जाती है, किसी प्रकार की कोई संस्थापन रिपोर्ट, अपने वरिष्ठ अधिकारी को नहीं भेजी जाती है, कौन से प्रकारण कब निर्धारित करने हैं, जारी अधिसूचना दरकिनार की जाती हैं, सारे दिशा-निर्देश रद्द कर दिए जाते हैं, पुश्तैनी संपत्ति के माफिक यह विभाग में बैठते हैं, और मन मुताबिक काम करते हैं, 

देखा जाए तो अपने आप में यह भ्रष्ट अधिकारी इतने भ्रष्ट हैं कि जनता के सामने इनकी हैसियत खड़े होने की भी नहीं है परंतु अधिनियम तले सुरक्षित इन बेशर्मों के सामने जनता इन्हें अधिकारी मान कर इनसे संसदीय भाषा में बात करती है जो हमारे भारत देश में हर आम आदमी से उसके स्वतंत्रता के अधिकार छीन लेने के समतुल्य है, 

पेश है उन वाहनों के नंबर जिनसे लगभग 2 दिन से 3 दिन के भीतर पूरा माल परिवहन होने की संभावना है, जो जबलपुर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से अलग-अलग शहरों में जैसे कि उमरिया, सतना, धुमा, कटनी, हटा ,छतरपुर, सागर, रीवा ,शहडोल रवाना होगा गाड़ियों के नंबर हैं

MP18GA 2990      CG04MA5538   MP20HB3571  CG04JC6814  MP65H0446 MP09HH2659  MP20HB8186  CG04MC4961  MP65HG1525     MP65H0446  MP17HH3918   MP65GA1131   CG10AL0425  MP20HB3571 CG16CH5701    MP16H0732   MP09HH2659   CG04JC6814CG07CB0894  CG04ME4489
 और भी कई वाहन है जिनके नम्बर प्राप्त होने है शेष का परिवहन अभी जारी है


आज विशेष रूप से जरूरत है इन कर चोर अधिकारियों की मिलीभगत का खुलासा करने के लिए साइबर क्राइम पुलिस इनके मोबाइलों को सर्विलेंस में ले,  साथ ही इन लोगों ने अलग से मोबाइल रखा है, इस भ्रष्टाचार पर काम करने के लिए,  लोकायुक्त के द्वारा भी इन सब के मोबाइल को सर्विसिंग में लेने की बहुत जरूरत है साथ ही राज्य अपराध अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा भी इन कर  चोरों पर पैनी नजर बनाकर रखनी चाहिए

तब जाकर के कहीं पदीय दुरुपयोग और राजस्व अहित करने वाले इन भ्रष्ट अधिकारियों पर उचित कार्यवाही हो सकेगी