ग्वारीघाट दंगा कांड में बड़ी सवालिया F.I.R. फिर याद आयी ब्रिटिश हुकूमत, ब्रिटिश IPC 1860 के तहत कार्यवाही - News Vision India

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ग्वारीघाट दंगा कांड में बड़ी सवालिया F.I.R. फिर याद आयी ब्रिटिश हुकूमत, ब्रिटिश IPC 1860 के तहत कार्यवाही


फ़ोकट की हथकड़ी 
29 अरेस्ट कोर्ट में पेश ( जेल रवाना ) , 49 नामजद गिरफ्तारी शेष , 200 से 300 अज्ञात पर दर्ज , 4 नाबालिक पर पुलिस निरुत्तर

पहली,  F I R NO.  315/2018   थाना ग्वारीघाट में की गयी कार्यवाही, कांचघर  वाली समिति पर
दिनांक 23.10.18 को लटकारी के पडाव की महाकाली विसर्जन के लिये सुबह करीबन 08.00 से 08.30 बजे झंडा चौक पर पहुँची पीछे कांचघर वाली समिति की काली जी की मुर्ती व घमापुर की समिति की काली जी की मूर्ती और अन्य मूर्तीयाँ थी, उस समय मौके पर महाकाली लटकारी के पडाव वाली के आयोजन समिति के सदस्य 1. अखिल राज, 2. अशोक पाठक, 3. राजा पटैल, 4. लक्ष्मण नामदेव, 5. राजा अग्रवाल, 6. रींकू विश्वकर्मा, 7. चंद्रा पाण्डे, 8. चंद्रा पाण्डे का दामाद, 9. पिंकी पाठक एवं उनके साथ बाउंसर 10. नीरज व 11. सोनू पहलवान निवासी गण लटकारी का पडाव थाना लार्डगंज एवं उनके साथ के करीबन 150 - 200 लोग, 12. सौरभ ऊर्फ शनि रैकवार निवासी आगा चौक ईदगाह के पास रानीताल, 13. अंकुश कटारे निवासी रामपूर सेठी नगर, 14. सूरज चौधरी निवासी कांचघर, 15. अनुज कुमार तिवारी निवासी लालमाटी तिवारी आटा चक्की के पास घमापुर, 16. मनीष पटेल निवासी यादव कालोनी थाना लार्डगंज, 17. रवि जाटव निवासी रविनगर गढा फाटक, 18. विवेक विश्वकर्मा 19. अभिषेक श्रीवास निवासी लालमाटी घमापुर, 20. अशोक तिवारी निवासी आगा चौक, 21. गोपाल यादव दमोहन नाका, 22. अजय चौरसिया आगा चौक लार्डगंज, 23. अंकुर गुप्ता साई होटल आगा चौक, 24. अंकित चौरसिया दुर्गा चौक जगदीश मंदिर गढा फाटक, 25 गौरव सिंह जाटव लार्डंगंज, 26. अमन अहिरवार जाटव गली के पास यादव चौक पडाव लार्डगंज, 27 देवेन्द्र सिंह साकिन हाथीताल गोरखपुर, 28. रघूनाथ केवट पोलीपाथर, 29. राजा रैकवार सा. आगा चौक सांई होटल के बाजू में, 30. निशांत बंशकार सा. गुरंदी भरतीपुर, 31. कबीर अहिरवार सा. ग्राम छिवला, 32. प्रशांत यादव सा. मंगेली बरगी, 33. अशोक यादव दुर्गानगर भटौली, 34. राजकुमार बैरागी दुर्गानगर ग्वारीघाट, 35. अमित झारिया सा. शारदा चौक, 36. मोहित राजपूत लालकुआ पोलीपाथर, 37. मोनू ठाकुर, 38. अकाश चौधरी, 39. सतीश चौधरी, 40 सौरभ केवट, 41. अंकित चौधरी, 42. पप्पू बर्मन, 43 राजा चौधरी, 44. मोहित राजपूत, 45. कार्तिक श्रीवास्तव, 46. विकाश ठाकुर, 47. सुमित चौधरी, 48. सुरेश यादव, 49. राहुल ठाकुर सहित अन्य  समितियो के 200 - 300  अज्ञात लोगो प्राथमिकी का असर रहेगा. 
  

ये अधिकारी रहे मौके पर उपस्तिथ
एस.डी.एम. गोरखपुर मनीषा, तहसीलदार श्री आनंद, पटवारी ज्योति जगदीश, सी.एस.पी. केंट श्री मुकेश अविद्रा, सी.एस.पी. कोतवाली श्री दीपक मिश्रा, सी.एस.पी. गोरखपुर श्री अर्जुन उईके, थाना प्रभारी निरीक्षक श्री रमन सिंह मरकाम, निरीक्षक थाना प्रभारी विजय नगर श्री दिलीप श्रीवास्तव, निरीक्षक थाना प्रभारी गोरखपुर उमेश तिवारी, निरीक्षक थाना प्रभारी तिलवारा अन्नीलाल सययाम व अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी


दूसरी,  F I R NO.  316/2018   थाना ग्वारीघाट में की गयी कार्यवाही, नवीन महाकाली दुर्गा उत्सव समिति लटकाली पडाव पर
23.10.18 को एस.डी.एम.महोदय गोरखपुर मनीषा वासकले के द्वारा एक लिखित आवेदन पत्र पर हुयी दर्ज

आरोपी गण के विरूध्द धारा 147,148,149,188 का अपराध घटित करना पाये जाने से अपराघ पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया,अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गोरखपुर क्र. /18 दिनाँक 23/10/18 द्वारा थाना प्रभारी ग्वारीघाट,  जिला जबलपुर को विषय प्रथम सूचना पत्र पर प्राथमिकी दर्ज किये जाने के निर्देश दिए ।  कि वे स्वयम  दिनांक 23/10/18 को सुबह 08/30 बजे करीबन पुलिस बल व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उपस्थित थी,  तभी नवीन महाकाली दुर्गा उत्सव समिति लटकाली पडाव का अध्यक्ष (1) अखिलराज (2) पंडा अशोक पाठक ,सदस्य (3) राजा पटैल,(4) लक्ष्मण नामदेव,(5) राजा अग्रवाल,(6) रिंकू विश्वकर्मा,(7) चंदा पाण्डेय,(8) पिंकी पाठक स.नि.गण लटकारी का पडाव थाना लार्डगंज,(9) चंदा पाण्डेय का दमाद,(10) नीरज बाउंसर,(11) सोनू पहलवान,निवासी लटकारी का पडाव एवं उनके साथ के करीबन 150 - 200 लोग, 12. सौरभ ऊर्फ शनि रैकवार निवासी आगा चौक ईदगाह के पास रानीताल, 13. अंकुश कटारे निवासी रामपूर सेठी नगर, 14. सूरज चौधरी निवासी कांचघर, 15. अनुज कुमार तिवारी निवासी लालमाटी तिवारी आटा चक्की के पास घमापुर, 16. मनीष पटेल निवासी यादव कालोनी थाना लार्डगंज, 17. रवि जाटव निवासी रविनगर गढा फाटक, 18. विवेक विश्वकर्मा 19. अभिषेक श्रीवास निवासी लालमाटी घमापुर, 20. अशोक तिवारी निवासी आगा चौक, 21. गोपाल यादव दमोहन नाका, 22. अजय चौरसिया आगा चौक लार्डगंज, 23. अंकुर गुप्ता साई होटल आगा चौक, 24. अंकित चौरसिया दुर्गा चौक जगदीश मंदिर गढा फाटक, 25 गौरव सिंह जाटव लार्डंगंज, 26. अमन अहिरवार जाटव गली के पास यादव चौक पडाव लार्डगंज, 27 देवेन्द्र सिंह साकिन हाथीताल गोरखपुर, 28. रघूनाथ केवट पोलीपाथर, 29. राजा रैकवार सा. आगा चौक सांई होटल के बाजू में, 30. निशांत बंशकार सा. गुरंदी भरतीपुर, 31. कबीर अहिरवार सा. ग्राम छिवला, 32. प्रशांत यादव सा. मंगेली बरगी, 33. अशोक यादव दुर्गानगर भटौली, 34. राजकुमार बैरागी दुर्गानगर ग्वारीघाट, 35. अमित झारिया सा. शारदा चौक, 36. मोहित राजपूत लालकुआ पोलीपाथर, 37. मोनू ठाकुर, 38. अकाश चौधरी, 39. सतीश चौधरी, 40 सौरभ केवट, 41. अंकित चौधरी, 42. पप्पू बर्मन, 43 राजा चौधरी, 44. नमन विश्वकर्मा, 45. कार्तिक श्रीवास्तव, 46. विकाश ठाकुर, 47. सुमित चौधरी, 48. सुरेश यादव, 49. सहित अन्य  समितियो के 200 - 300  अज्ञात लोगो प्राथमिकी का असर रहेगा. 

पुलिस का कहना है की घटना स्थल की वीडियोग्राफी कराई गई तथा स्थानीय गवाहो-चश्मदीदो से पूछताछ व वीडियोग्राफी से उक्त लोगो की पहचान हुई, सभी उक्त आरोपियों द्वारा 188 भादवि. का अपराध घटित करना प्रथम दृष्टया पाया गया अतः अपराध पंजीबध्द किया गया है, ओर जांच शुरू की गई है .

तीसरी,  F I R NO.  317/2018   थाना ग्वारीघाट में की गयी कार्यवाही, नवीन महाकाली दुर्गा उत्सव समिति लटकाली पडाव पर

 इस प्रकरण में धारा 307 को जोड़ा गया है, जबकि ऐसी चोट ओर मेडिकल  रिपोर्ट का जिक्र फिलहाल नही 

नवीन महाकाली समिति लटकारी का पडाव के 1. अखिल राज, 2. अशोक पाठक, 3. राजा पटैल, 4. लक्ष्मण नामदेव, 5. राजा अग्रवाल, 6. रिंकू विश्वकर्मा, 7. चंद्रा पाण्डे और उसका दमाद एवं पडाव वाली महाकाली एवं कांच घर की महाकाली व अन्य समितियों के लगभग 150 से 200 उपदृवियों के द्वारा शिकायत कर्ताओं  को गली गलोच ओर मारपीट की गई,  

किनकी शिकायत करने पर लगी धारा 307 ,   IPC 1860
रोहित अग्रवाल,राहुल गोस्वामी,गोविंद मलिक ,हीरा लाल कुशवाहा, संजय ठाकुर,अनुराग मिश्रा, जिन्हें शरीर मे कई जगह चोटे आई है,  इन लोगो ने मामला शांत होने पर थाना रिपोर्ट करने आये.

आईपीसी 1860 में बनी थी, आज भी वह उसी नाम से जानी जाती है, यह बनी थी अंग्रेजों के जमाने में, और अंग्रेजो ने आईपीसी को बनाया भी अपने हिसाब से ही था, ताकि उसका केवल उपयोग दुरुपयोग सदुपयोग केवल वही कर सकते हैं, परंतु किसी भी प्रकार का दुरुपयोग करने पर कोई भी कार्यवाही करने वाले के खिलाफ नहीं हो सकती और ना ही ऐसे प्रावधान है, और अगर होते भी हैं, तो कहीं ना कहीं उसे सीआरपीसी में सुरक्षित कर लिया जाता है, और बाकी कई ऐसी अधिसूचना है, और भी कानून है कि फर्जी कार्यवाही करने वाले लोक सेवक के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने की अगर प्रावधान और अधिनियम भी हैं, तो वह ढीला किया  जा सकता हैं, तोड़े मरोड़े भी जा सकते हैं, कमजोर भी किये  जा सकते हैं, उनके विरुद्ध चल रही कार्यवाही को नष्ट भी किया जाने का पर्याप्त साधन है

आज पुलिस ने जो कार्यवाही की है, इसमें थाना ग्वारीघाट में तीन एफ आई आर दर्ज की गई है, जिसमें गिरफ्तार किए गए 29 लोगों को आज कोर्ट में पेश किया गया शेष 49 फरार घोषित किए गए हैं, सहित अन्य  समितियो के 200 - 300  अज्ञात लोगो प्राथमिकी का असर रहेगा.कुल 3 F.I.R. हैं, किसमें किसका नाम आएगा यह कोई नहीं जानता आने वाली कार्यवाही, व किस व्यक्ति को कौन सी एफ आई आर में एडजस्ट किया जाएगा, यह भी कोई नहीं जानता मतलब, जो व्यक्ति अगर आने वाले समय में गिरफ्तार होगा वह कितनी F.I.R. में अपनी जमानत कराएगा यह वह भी खुद नहीं जानता, पुलिस का कहना है कि उसने वीडियोग्राफी के आधार पर लोगों का चयन किया, उपद्रवियों का चयन किया और उन पर F.I.R. की है, परंतु वीडियोग्राफी में मारपीट दोनों पक्षों के बीच में हुई है, जिसमें कि पुलिस के द्वारा भी अनावश्यक बल प्रयोग किया गया है. पुलिस पर कार्यवाही क्यों नही ?

परंतु इस मामले में जो अधिकार हैं, वह केवल पुलिस को दिए गए हैं, एक कार्यवाही में  ऐसा हुआ था, कि मोंटी कार्लो सदर में भी जब महिलाओं के साथ घर में घुसकर पुलिस ने अभद्रता की थी, और बड़ी मुश्किल से न्यायालय के आदेश पारित होने के बाद पुलिस वालों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज हुई थी, बड़ी बेशर्मी के साथ लोक सेवक ने,  एक पब्लिक सर्वेंट ने पब्लिक को उसकी औकात दिखा दी थी, यह वही नजारा था जब अंग्रेज घूमते थे, अपना घोड़ा लेकर के और अत्याचार करते थे भारत  की जनता पर.

इस मुकदमे पर पैरवी कर रहे अधिवक्ता संपूर्ण तिवारी के द्वारा बताया गया, कि जिस समय लगभग 8 से 10 साल पहले यह कुंड नाम की व्यवस्था की गई थी, उसी समय निर्धारित किया गया था, कि शहर की महाकाली का विसर्जन केवल और केवल सीधे ग्वारीघाट में किया जाएगा, क्योंकि जबलपुर की जनता की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए तत्कालीन प्रशासन ने यह आदेश पारित किया था, और उसमें आने वाली भीड़ को संभालना बड़ा मुश्किल कार्य है, जिसको विशेष रूप से दृष्टिगत रखते हुए ग्वारीघाट में विसर्जन का एक निर्णय लिया गया था,  अधिवक्ता सम्पूर्ण तिवारी ने कलेक्टर और एस पी को हटाने की मांग, चुनाव में माहौल बिगड़ने की संभावनाओ को दृष्टिगत रखते हुए,  बड़बोलेपन पे एस पी जबलपुर माफ़ी मांग चुके है, स्टेट बार कौंसिल से  

पुलिस का कहना कि कलेक्टर के आदेश की अवहेलना हो रही थी, हमारे बार-बार कहे जाने पर कि महाकाली को कुंड में लेकर जाया जाए परन्तु कोई नही मान रहा था.  जबकि अधिकावक्ता का कहना है की कलेक्टर को खुद के कार्यालय से पारित आदेश की जानकारी नही.  

पिछले 9 साल से पुलिस सो रही थी, जब से यह निर्णय पारित हुआ है, तब से महाकाली का विसर्जन ग्वारीघाट में होता आया है, इस साल कौन सी नींद में जागे पुलिस वाले.

जनता पर इस प्रकार से एक पक्षीय कठोर कार्रवाई  करना लगभग आम बात हो गई है, हर थाने में दर्ज होने वाली प्रत्येक F.I.R. पर अच्छे से ऑडिट होना चाहिए, जितने लोग न्यायालय से बरी  हो जाते हैं, उन सभी कार्यवाहियों पर एक टीम गठित करके फर्जी कार्यवाही पर और उसमें लिप्त अधिकारियों के विरुद्ध भी निलंबन और निष्कासन की कार्यवाही होनी चाहिए, इस तरह की कानूनी व्यवस्थाओं को सकारात्मक रूप से सफल बनाने के लिए जबलपुर के नियमित निवासियों की रायशुमारी बहुत आवश्यक रही है, जिसमें पिछले 9 वर्षों से आज तक इस तरह की स्तिथियो का निर्माण नहीं हुआ है, परंतु इस वर्ष ऐसी भयावह स्थिति का निर्माण प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है, आखिरकार प्रशासनिक व्यवस्था मानव समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने, शांति बनाए रखने और व्यवस्थाओं को बनाए रखने हेतु बनाई गई है, जो अभी केवल एक अधिकारी के रूप में अंग्रेजो के समतुल्य शासन कर रही दिखती है. 

चार नाबालिग बच्चों को गिरफ्तार करने के आरोप में पुलिस निरुत्तर है

जिला न्यायालय ने दिए आदेश सभी के मेडिकल चेकअप कराया जाए सभी का मुलाहिजा कराया जाए और उसकी रिपोर्ट प्रकरण  में संलग्न नगर न्यायालय में प्रस्तुत की जाए.  कोर्ट रूम में आरोपियों को पेश करने आये थानाप्रभारी ने अधिवक्ताओ के साथ हुयी झड़प से चुपचाप कन्नी काटी ओर बाहर निकल गए , बाद एस आई ने सबको पेश किया  

158 साल पुरानी IPC 497 को रद्द करने के बाद / संशोधन के बाद जरुरत है,  सर्वोच्च न्यायालय को इस घटिया  IPC 1860 रद्द करने की/संशोधित करने की, जो ब्रिटिश अमानवीय शासन की याद  दिलाता















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