जीएसटी ऑडिट करना किसी युद्ध से कम नहीं होगा : - News Vision India

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जीएसटी ऑडिट करना किसी युद्ध से कम नहीं होगा :



जीएसटी ऑडिट करना किसी युद्ध से कम नहीं होगा :

 यह न केवल आम करदाता के लिए पहेली बना हुआ है, वहीं सीए तक उलझे हुए हैं। जीएसटी के हर सेमिनार में यह मामला उठता है। 

जीएसटी में दो करोड़ से अधिक की बिक्री होने पर आडिट करवाना होगा। आडिट जीएसटी नंबर के आधार पर होगा। एक पैन नंबर द्वारा जितने राज्यों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाया गया है, प्रत्येक जीएसटी आडिट के लिए अलग से आडिट करवाना होगा। जीएसटी आडिट की अंतिम तिथि 31  दिसंबर होगी।

जीएसटी आडिट सीए के साथ करदाता के लिए मुश्किल 

जीएसटी आडिट जितना मुश्किल सीए के लिए है, उतना ही मुश्किल करदाता के लिए सूचना प्रदान करना है। 

एचएसएन वाइज सेल्स व परचेज की जानकारी देना छोटे व्यापारियों के लिए ज्यादा मुश्किल होगा, क्योंकि उन्हें अपनी बिक्री पर एचएसएन का पता होगा, लेकिन बहुत सी परचेज ऐसी होगी जो कि अन रजिस्टर्ड, कंपोजिशन या छोटे व्यापारी से खरीदी होगी। उनका एचएसएन बिल पर नहीं लिखा होगा, जोकि जीएसटी आडिट में देना होगा।

फार्म आनलाइन जल्द उपलब्ध करवाने की मांग उठी  
  
चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) ने सरकार से मांग की कि पहली बार गुड्स सर्विस एक्ट (जीएसटी) आडिट होने के कारण आनलाइन फार्म जल्द उपलब्ध करवाया जाए। साथ ही देय तिथि भी बढ़ाई जानी चाहिए।  

जीएसटी आर -9 सभी करदाताओं जो कि जीएसटी में पंजीकृत हैं, को भरनी होगी।

इसमें इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर, कैजुएल टैक्सएबल व्यक्ति टीसीएस, टीडीएस काटने वाले, नॉन रेजिडेंट टैक्सएबल पर्सन को छूट दी गई है।  

इसके अलावा सभी पंजीकृत जीएसटी-आर-9 रिटर्न दाखिल करनी होगी। इसके लिए बिक्री की कोई सीमा तय नहीं है। कंपोजिशन डीलर को जीएसटी-आर-9 ए भरना होगा।

 यह फार्म करदाताओँ द्वारा भरी गई जुलाई-2017 से सितंबर 2018 तक की रिटर्न का टोटल है। इसमें कुल टर्नओवर, टैक्स, आईटीसी, लेट फीस, जुर्माना, एचएसएन समरी सबको देना होगा।

और मजे की बात है जबलपुर के वृत्त एक में कुछ पूर्ववर्ती असेसमेंट/निर्वर्तन आदेश भी पारित कर दिए है, जनता को जी एस टी के नाम से मुर्ख बनाने वाला नेता कभी मंच पे बात नही करता , वाणिज्यिक कर के जी एस टी ऐसे बिक रहे जैसे बाजार में खरबूजे  

संकलनकर्ता  :- सी ए अनिल अग्रवाल