घटना भोपाल की, F.I.R. की मांग गोरखपुर
थाने में, म.प्र. के वित्त मंत्री की दुर्लभ राजनीती, राजनैतिक ड्रामेबाजी का पूरा
प्रोग्राम गोरखपुर थाने में चला घंटो, धरना प्रदर्शन किया गया, मध्य प्रदेश का
वित्त मंत्री बैठा धरने पे, यह एक ह्रदय विदारक घटना है, एक वरिष्ट लोक सेवक थाने
में न्याय मोहताज भूमिका में बैठा उपेक्षित किया गया हो, घंटो प्रदर्शन के बाद भी दर्ज
नही हुआ मामला , अब आप सोच सकते है कैसी है हालत हमारे प्रदेश की , जिस प्रदेश का
वित्त मंत्री एक मामला कायम करने हेतु थाने में घंटो धरना प्रदर्शन कर रहा है,
घटना के
सम्बन्ध में, और घटनास्थल के सम्बन्ध की , जानकारी का अभाव या अनुभवहीनता इस कदर दृढ
हो चूकी की , बिना किसी वैधानिक परिपक्व जानकारी के घटना स्थल से लगभग ३००
किलोमीटर दूर प्रकरण दर्ज करने की मांग उठी, मंत्री जी ने आरोप भी लगाया की हम
भाजपा जैसी राजनीती नही करते , भाजपा देश के हित में जान देने वालो के शहीदो की शहीदी का इस्तेमाल अपने राजनैतिक फायदे के लिए करती है, हम साध्वी प्रज्ञा के दिए बयान की
घोर निंदा करते है, ओर चाहते है, देश द्रोह का प्रकरण दर्ज हो,
कुछ दिन पहले साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल में मंच पर शहीद
हेमंत करकरे के संबंध में दिया था विवादित बयान जिसको लेकर के कांग्रेसियों में एक
अच्छा खासा आक्रोश है, जिसका विरोध आईपीएस एसोसिएशन ने भी ट्विटर के माध्यम से
दर्ज किया, जिसको चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर
24 घंटे का समय दिया था , जवाब हेतु , यह कार्यक्षेत्र चुनाव आयोग का था ना, की
पुलिस का इसमें कोई रोल, शिकायत जिला/राज्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश की जानी चाहिए थी. दुसरे चरण में बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव आयोग की तरफ
से एक और कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। इस बार आयोग ने एक टीवी चैनल पर बाबरी
मस्जिद को लेकर उनकी टिप्पणी के बाद भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें यह
नोटिस जारी किया है। इस विवादित बयान में प्रज्ञा ने कहा था कि उन्होंने बाबरी
मस्जिद तोड़ने में मदद की और अब वह राम मंदिर बनाने में मदद करेंगी
वित्त
मंत्रालय की गड़बड़ स्थितियों पर कोई नजर नहीं है मंत्री जी की
मध्य प्रदेश के वित्त मंत्रालय में घोटाले बाजो की पदोन्नतिया
होती हैं, भ्रष्टाचारियों के प्रमोशन होते हैं, उन्हें खुली छूट दी जाती है,
रिश्वतखोरी करने की और अवैध रूप से कमाई अर्जित करने की, इस डिपार्टमेंट में कई
इमानदार होनहार अधिकारी हैं, जिनको लूप लाइन में रखा जाता है, अब भ्रष्टाचारियों
को मुख्यधारा में सारे नियमों को ताक पर रखते हुए पदस्थ किया जाता है, इस विभाग
में जो जितना ज्यादा पैसा कमा कर देगा उसकी पदस्थापना वैसी होगी जैसा कि मंत्री जी
चाहेंगे और जैसा अधिकारी चाहेगा, ऐसी कई शिकायतें लंबित पड़ी है, इस विभाग में
परंतु मंत्री जी के पास वह फाइलें खोल करके देखने का समय ही नहीं रहता और इसी
प्रकार से चलता आ रहा है, यह भ्रष्टाचार का खेल कई साल पुराना है, जिसमें सब रमा हो चुके. अब आदत
सी हो गयी है ,
अब आप समझ सकते हैं कि मध्य प्रदेश के मंत्री को कितनी
जद्दोजहद करनी पड़ रही है, एक प्रकरण दर्ज करवाने में वहां की कानून व्यवस्था का
क्या हश्र होगा आप जनता को कितना झुकना पड़ता होगा, इस संबंध में किसी भी मंत्री
ने आज तक कोई संज्ञान नहीं लिया, ना ही काम करने वाले इस विभाग को उन सभी
व्यवस्थाओं से परिपूर्ण और संपन्न करने की कोई योजना बनाई गई हो, जिससे सुचारू रूप
से कानून व्यवस्था का संचालन नियमित रूप से किया जा सके, इस विषय में किसी मंत्री
के पास समय नहीं है सोचने के लिए.
फिलहाल शहीद हेमंत करकारे पर साध्वी प्रज्ञा का विवादित
बयान सुर्खियां बटोरने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण मौका है एक पब्लिसिटी स्टंट है
जिसको हर एक नेता कैश करना चाहता है, और यही क्रम चलता रहेगा कभी भाजपा कभी कांग्रेस पर भ्रष्टाचार अपने
ट्रैक पर जो के त्यों उग्र होता रहेगा और वह वरिष्ठ भी हो जाएगा
आइये नजर घुमाते है , वित्त मंत्रालय की उप्लाभ्धीयो पर, एक से एक रिश्वतखोर दिए है एस डिपार्टमेंट ने, समाज को , ऐसे ऐसे कलाकार डिप्टी कमिश्नर बने है की सीधे जेल गए
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