सिन्धी समाज जबलपुर का नटवर लाल नंदलाल कुंगानी, अपने ही समाज से की गद्दारी, फर्जी रसीद से वसूले करोड़ो, जाँच के नाम पे रिकॉर्ड गायब, - News Vision India

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सिन्धी समाज जबलपुर का नटवर लाल नंदलाल कुंगानी, अपने ही समाज से की गद्दारी, फर्जी रसीद से वसूले करोड़ो, जाँच के नाम पे रिकॉर्ड गायब,





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सिन्धी समाज जबलपुर में डिटेक्ट हुआ गबनिया नंदलाल कुंगानी, फर्जी रसीद से वसूले करोडो, जांच के नाम पे रिकॉर्ड गायब, सामाजिक राशी, करोड़ो का घोटाला


धर्मशाला की बुकिंग कैश पे मात्र, चेक से कोई बुकिंग नही ली जाती, इसी लिए हिसाब किताब खुद के हिसाब से मैनेज करते है

यह मामला है सिंधी धर्मशाला घंटाघर का :----

लगभग 20 वर्ष पहले एक फर्जी संस्था ( सिन्धी सेवक सभा  )  का निर्माण किया गया थासिन्धी सेवक सभा के नाम से फर्जी संस्था का निर्माण किया गया है, गबन कर्ताओ ने पूरी योजना के साथ समाज की चंदा राशी का गबन का प्लान बनाया है, यह संस्था पूरी तरह से अवैध थीजबकि असली संस्था के संस्थापको ने कोई भी हस्तांतरण प्रक्रिया का निष्पादन किसी के हित में नही किया हैयह फर्जी  संस्था  राजनैतिक संरक्षण में सक्रिय हुयी और शहर के धनाढ्य लोगों ने मिलीभगत करके जनप्रतिनिधित्व अपने हाथ में लेकर के मानव सेवा का ढकोसला पीटने का कार्य शुरू किया और लगातार यह क्रम पिछले 20 वर्षों से चला आ रहा है,  अतिरिक्त आय की कर रहे थे तैयारी14 कमरों से अतिरिक्त अनुमानित लगभग रोज को 14000/- की नयी के स्त्रोत बनाने का काम जारी था, जिसको नगर निगम जबलपुर ने नोटिस देकर बंद कराया जल्दी ही जमींदोज किया जायेगा,   

आज वर्तमान में पिछले 20 वर्षों से सिंधी धर्मशाला को किराए पर देने के मामले में फर्जी रसीदें काटी जाती रही हैं,  जिन पर कोई पंजीयन क्रमांक दर्ज नहीं होता,  अपितु नियमों के विरुद्ध और सभी नियमों को ताक पर रखकर लग्जरी टैक्स का एक निलंबित टिन नंबर चस्पा कर दिया जाता है करने वाला मुख्य आरोपी नंदलाल कुंगानी हैसाधूराम बीज भंडार भर्तीपुरजबलपुर,  पेशे से व्यापारी परंतु हकीकत में सामाजिक धरोहर राशी का गबनकर्ता,  जिसने विजय नगर में करोड़ों के बंगले बनाए हैं  जिनकी निर्माण की रकम का स्त्रोत आने वाली जांच में खुलेगा,  यह प्लाट कब खरीदे गए थे,  उस समय आय-इनकम कितनी थी और तब से लेकर के आज दिनांक तक पिछले 20 वर्षों में धर्मशाला को किराए पर देने के नाम पर जो रसीदे काटी गई है,  उसका हिसाब कहां गया इसकी जानकारी पूरी तरह से जब खुलकर के सामने आएगीतब  गबन की रकम को स्पष्ट तौर पर निर्धारित किया जा सकेगा,

धर्मशाला में गबन करने वाला केशियर नंदलाल कुंगानी हैजो रसीद काट कर बुकिंग देता और रकम गबन कर लेता है सारा हिसाब किताब गायब कर दिया है,  थाना ओमती में जांच जारी है,  अपने समर्थन में 5 लोगों को प्रकरण की जानकारी दिए बगैर समर्थन पत्र हस्ताक्षरित करवाएं इसने,  जिसमें यह पूरा रहस्य खुलकर के सामने आ गयाअब कुछ ही दिनों में धीरे-धीरे इसके गले पड़ रही जांच में इसके साथ काम करने वाले सभी फर्जी पदाधिकारियों के नाम खुलेंगे,

        पिछले वर्ष इन लोगों के द्वारा एक फर्जी पंचायत भी बनाई गई है,  जिसमें संरक्षण किसी राजनैतिक व्यक्ति के द्वारा इनको दिया गया हैइस सम्बन्ध में आंशिक दस्तावेज प्राप्त है 

गबन करने वालों की पूरी टीम ने समाज सेवा के नाम पर पिछले 20 सालों से समाज सेवा का ढकोसला पीटते हुए बिना नियमावली के पूरे समाज को मूर्ख बनाते चले आ रहे हैं,  बिना किसी चुनाव के, बिना किसी अधिकृत नामे के, खुद को मनोनीत बता रहे हैं,  सिन्धी  धर्मशाला में सक्रिय 5 लोगों को 6 लोगों ने नियुक्त किया है, और इन नियुक्ति की घटना को देखने वाले कुल 5 लोग हैं, जिसमे दवा बाजार के 2 प्रतिष्टित व्यापारी है 

इन 5 लोगों पर कार्यवाही जारी हैआने वाले समय में इनकी भूमिका का निर्धारण होगाअपने ही दूकान पर काम करने वाले कर्मचारियों से अपने समर्थन में लिखित पत्र लिखवा कर जांच को प्रभावित करने का पूरा प्रयास किया है,  

जबकि जबलपुर के सिंधी समाज के लोगों में से किसी भी एक व्यक्ति ने इनके समर्थन में कोई पत्र नहीं दिया हैना ही किसी पंचायत ( कोई पंचायत अधिकृत पंजीक्रत नही )  ने ना ही किसी समिति ( वर्तमान कोई पंजीकृत अधिकृत नही)  में इनके समर्थन की पुष्टि की है,  गबन करने के बाद भागते फिरते नंदलाल कुंगानी राजनीतिक संरक्षण में फिलहाल दिन काट रहा है,  परंतु यह स्थिति रोज नहीं रहने वाली है

इसी प्रकार सिंधी समाज में कुछ लोगों ने ग्रुप बनाकर के सिंधी समाज की धार्मिक संपत्तियों पर पिछले 20 वर्षों से कब्जा बना के रखा है,  और अपनी व्यक्ति गत आय के स्त्रोत बना के रखा है,  इन सभी मुद्दों पर जांच चल रही हैधीरे-धीरे जांच आरोपियों की गिरेबान तक पहुंच रही हैसाथ देने वाले फर्जी गवाहों पर भी मामला बनेगा

समाज में इन गबनियो ने न कोई शिक्षा की व्यवस्था की हैना दाना पानीना ही रहने कीएक दानवीर के द्वारा दान में दी गयी जमीन का मामला भी सामने आया है, ( बिल्हारी में )  जिसमे कई गरीबो को फ्री मकान देने के नाम पर लाखो वसूलने  का आरोप अभी समाज में घमासान का विषय बना हुआ है,  इन फर्जी पदाधिकारियों और नकली समाज सेवियों ने करोडो की समपत्तियो को मकडजाल के भाँती उलझा के रखा हैपहले तो कोई सही समाज सेवी इस मकडजाल को सुलझाये फिर कुछ कर पाएइनकी गुत्थी में आम आदमी  उलझा रह गया है,  

इस पूरी टीम ने मिलीभगत करते हुए टुकडो टुकडो में कई समितिया अपंजीकृत बना दी हैताकि समाज में कभी कोई नियमावली लागू ही न हो सकेसमाज की अखंडता को टुकडो में विभाजित कर गिनती के 6 से 10 लोगो ने अलग अलग समितिया बना कर गुट बना लिए हैताकी हो रहे गबन को बराबर बंदरबाँट की जा सकेऔर सुकून से सामाजिक राशी का उपभोग किया जा सकेसमाज को इतना कमजोर किया जा चूका है की आम आदमी कन्फ्यूज हो रहा है,

करोडो का डोनेशन आता है और माँगा भी जाता हैसांस्कृतिक कार्यक्रमों को करने के लिएजहां से शुरू होता हैइन 6 लोगो का राजनैतिक स्तर पर अपनी सामाजिक बखौती बताने का सिलसिलाजो वोटर को इंप्रेस करने के काम में आता हैयह फार्मूला हैराजनीती में सक्रीयता बनाये रखने काऔर गबन की रकम को राजनैतिक सुरक्षा तले हजम करते रहने का,

बहुत ही जल्द बेनकाब होंगे जबलपुर के प्रतिष्टित कारोबारीजिन्हें शहर की जनता मेहनती और व्यापारी के रूप में जानती हैपरन्तु मामले के पीछे की हकीकत के आंकड़े परत दर परत खुलते जायंगे और हम आपको अवगत करायेंगेसमाज की संपत्तियों से और समाज सेवा के नाम पे आय अर्जित करने वाले धनाढ्य सफल समाजद्रोहियो के नाम पते और व्यापार स्थल के बारे में,

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