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फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से जांच टीम को मिले अहम सबूत, कठुआ आरोपियों कटघरे में


Kathua Rape Positive Forensic Report
आज देश के क्या हालात हैं? जिस देश में नाबालिक लडकियों को देवी का रूप मान कर पूजा जाता हैं, कन्या भोज कर उनके पैर चावल और पानी से धोएं जाते हैं. इज्ज़त से हलवा पुरीं खिला कर पैसे दिए जाते है, उस देश में उनकी इज्ज़त लगभग हर रोज़ लूटी जाती हैं.

कठुआ उन्नाव ने तो देश का सर नीचें कर दिया. यहाँ तक की संयुक्त राष्ट ने भी निंदा की. ये बलात्कार का ख्याल आता कहा से है, वो भी नाबालिक के साथ?

आठ साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप मामले में फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से जांच टीम कई अहम सूबत हाथ लगे हैं. लैब की रिपोर्ट ने एक बार इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों कटघरे में खड़ा कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक आरोपियों ने घटना के बाद सबूतों को मिटाने की हर संभव कोशिश की थी. उन्होंने पीड़ित बच्ची के सलवार फ्रॉक को धो डाला था, ताकि उस पर कोई खून का धब्बा न रह जाए. गौरतलब है कि एसआईटी ने बच्ची के इन कपड़ों को पहले फोरेंसिक जांच के लिए श्रीनगर फॉरेंसिक लैब भेजा था लेकिन वो  कोई राय नहीं दे पाए क्योंकि कपड़ों को धो कर बिल्कुल साफ कर दिया गया था. इसके बाद ही जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने डीएनए सैंपलिंग के लिए 27 फरवरी को दिल्ली गृह मंत्रालय के सचिव को चिट्ठी लिखी. इसके बाद ही कपड़े समते अन्य सबूतों को दिल्ली की फोरेंसिक लैब भेजा गया. जहां इसकी जांच शुरू की.

1 मार्च को पीड़िता के जननांगों से मिले वजाइनल स्मियर, उसके बाल और पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और आरोपी शुभम सांगरा के खून के नमूने को सात अलग-अलग पैकेटों में बंद करके दिल्ली भेजा गया था. इसके बाद 14 दिनों के बाद मृतक बच्ची के विसरा सैंपल और एक और आरोपी परवेश के खून के नमूने भेजे गए. इसके बाद 16 मार्च को बच्ची के सलवार फ्रॉक, मौका ए वारदात के आसपास की कुछ मिट्टी और बच्ची के खून से सनी हुई मिट्टी भेजी गई. उसमे बाद 21 मार्च को आरोपी विशाल जंगोत्रा के खून के नमूने दिल्ली भेजे गए, दिल्ली की फॉरेंसिक लैब ने तीन अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी.

चार्जशीट में इस रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि दिल्ली फॉरेंसिक लैब के पास ज़्यादा अच्छी तकनीक है, इसलिए मृतक बच्ची के सलवार फ्रॉक के धब्बों की पहचान कर ली गई. जांच में पता चल गया कि ये खून के निशान पीड़िता के डीएनए से मेल खाते हैं, वैजाइनल स्मियर में उसका खून भी पाया गया. पुलिस की जांच में देवीस्थान से खून का धब्बा लगा हुआ एक लकड़ी का डंडा और कुछ बाल मिले मृत बच्ची की डीएनए प्रोफाइलिंग से पता चला कि सांझीराम ने उसे बंधक बनाकर रखा था.

फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से ये भी पता चला कि शव के पास से मिले बाल के डीएनए आरोपी शुभम सांगरा के डीएनए प्रोफाइल से मेल खाता है. गौरतलब है कि मेडिकल एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट के मुतबिक बच्ची की हत्या के पहले उसका बलात्कार हुआ था.

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