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बलात्कार की सज़ा भारत के अलावा और देशो में


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भारत में बच्चियों के साथ बलात्कार के मामले में फांसी की सज़ा की मांग तेज़ हो रही है. फांसी की मांग के समर्थन और विरोध में भी विचार बंटे हुए हैं.

सूरत, कठुआ, उन्नाव, दिल्ली - दिन, तारीख़ और जगह अलग-अलग हैं.

लेकिन, हर जगह कम उम्र की बच्ची के साथ ही रेप हुआ. हर घटना पिछली घटना से ज़्यादा दर्दनाक और वीभत्स थी.

मलेशिया - यहां बच्चों के साथ होने वाली यौन हिंसा के लिए सबसे ज़्यादा 30 साल जेल और कोड़े मारने की सज़ा का प्रावधान है.

सिंगापुर - इस देश में चौदह साल के बच्चे के साथ रेप होने पर अपराधी को 20 साल जेल, कोड़े मारने और जुर्माने की सज़ा दी जा सकती है.

अमरीका - यहां बच्चों के साथ रेप के लिए पहले मौत की सज़ा का प्रावधान था. लेकिन, कैनेडी बनाम लुइसियाना (2008) मामले में मौत की सज़ा को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया. कोर्ट का कहना था कि जिस मामले में मौत नहीं हुई है उसमें मौत की सज़ा देना अनुपाती नहीं है यानी सज़ा जुर्म से ज़्यादा बड़ी है. इसलिए अब उन राज्यों में मौत की सज़ा नहीं है.

हालांकि, अमरीका में बच्चों के साथ रेप के मामले में राज्यों के अनुसार प्रावधान भी अलग-अलग हैं.

फ़िलीपींस - जिन देशों में मौत की सज़ा नहीं है उनमें बच्चों के साथ रेप पर सबसे सख़्त क़ानून फ़िलीपींस में है. यहां बच्चों के साथ रेप साबित होने पर दोषी को बिना पैरोल के 40 साल जेल तक की सज़ा हो सकती है.

ऑस्ट्रेलिया - यहां बच्चों के बलात्कारी को 15 साल से 25 साल तक की जेल हो सकती है.

कनाडा - यहां बच्चों के साथ रेप पर अधिकतम 14 साल जेल की सज़ा हो सकती है.

इंग्लैंड और वेल्स - बच्चों के साथ रेप पर 6 साल से 19 साल की जेल से लेकर आजीवन कारावास की सज़ा का प्रावधान है.

जर्मनी में बच्चों के साथ बलात्कार के बाद मौत पर उम्र कैद की सज़ा है. लेकिन, सिर्फ बलात्कार के लिए 10 साल की अधिकतम सज़ा तय की गई है.

दक्षिण अफ्रीका में रेप का दोषी पाए जाने पर पहली बार में 15 साल जेल की सज़ा का प्रावधान है. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 20 साल की कैद और तीसरी बार में 25 साल की कैद का प्रावधान है.

न्यूजीलैंड में इस तरह के अपराध पर ये सज़ा 20 साल तक की है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल की 2013 की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सिर्फ़ आठ देशों में बाल अपराधियों के लिए फांसी की सज़ा का प्रावधान है. ये देश हैं चीन, नाइजीरिया, कांगो, पाकिस्तान, ईरान, सऊदी अरब, यमन और सूडान.

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