आशीष हत्याकांड नही सुलझा पा रही सनौधा पुलिस, सागर मध्य प्रदेश - News Vision India

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आशीष हत्याकांड नही सुलझा पा रही सनौधा पुलिस, सागर मध्य प्रदेश


                कब पकडे जायेंगे आरोपी 



मुन्ना लाल साहू, निवासी,  सनौधा जबलपुर रोड सागर, म प्र, काम :- किसानी करते है, जवान बेटे का मर्डर, नाम  आशीष साहू, उम्र 23 , पड़ता था, बी ए मैथ्स, आई टी आई पास था , इंदौर में किसी कंपनी में जॉब भी करता था, 1 जून 2017 को अपने गाँव घर घुमने आया था, 21 की रात को ले गए उसके साथी दोस्त अपने साथ, फीर वो नही लौटा, आई एक खबर उसके एक्सीडेंट की, हकीकत में हुयी है उसकी हत्या 
    
 आशीष को घर से फिरोज , दीपेश अहिरवार, दिनेश अहिरवार अपने साथ में ले गए, साथ में एक फिरोज का रिश्तेदार भी रहा, कुल 4  लोग थे,

क्यों ले गए ;- तराई करने के लिए , मोटर भी ले गए साथ में, तारिख 21-06-2017 रात को   
फिरोज के मकान में तरई कर रहा था,  आशीष समीप रहने एक व्यक्ति ने देखा था, जहा से आशीष गायब है,  

पुलिस ने फिरोज को फ़ोन किया की आशीष को जानते हो तो एके शिनाख्त – पहचान कर लो एक्सीडेंट हो गया है, पहचान करने के बाद आरोपियों ने आशीष के चाचा को अपने साथ ले जा कर जानकारी दी. 

चाचा ने देखा की हाथ पैर बंधे हुए थे, गले में रस्सी थी,  पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है, की किसी घातक हथियार से चोट पहुंचाई गयी है, आशीष को,

मृतक के पिता ने 7 लोगो की नामजद शिकायत थाना सनौधा में दायर की थी, जांच अधिकारी अनिल मरावी ने सबसे पूछताछ कर प्रकरण में लीपापोती कर दी सबको रिहा कर दिया,

इस गुत्थी को सुलझाने में शिक्षित लोक सेवक नाकाम साबित हो रहे है, जो निश्चित रूप से पदावनति के पात्र है, भ्रष्टाचार की संभावनो को नकारा जाना उचित नही, इस प्रकरण में, जांचा अधिकारी को आवंटित क्षेत्र में कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है, अपितु योग्यता भी धूमिल हो चुकी जो इस हत्या के रहय्स को सुलझाने में नाकाम साबित हो रही है,

बड़ी विडंबना है भारत देश की जहा  सुप्रीम कोर्ट का जज ( जस्टिस लोया) मोहताज है न्याय पाने को, वहा आम आदमी की क्या हैसीयत, और राजनैतिक पार्टीयाँ जुमले फेंकते हुए थकती नही है, CM-HELPLINE में की गयी है शिकायत, सी एम् अभी मध्य प्रदेश की सडको की तारीफ करने में व्यस्त है, और मंदसौर किसान आन्दोलन के किसानो को ""भावान्तर"" योजना का  लॉलीपॉप वाला लाभ देने में ,

पीड़ित पिता, ने किये है प्रयास,
थाना प्रभारी, संसद, विधायक, सी एम् हेल्पलाइन, आई जी. जनसुनवाई एस पी, कोई ऐसा रास्ता नहीं छोड़ा एक पिता ने न्याय प्राप्त करने के लिए,    जन प्रतिनिधि मंत्री जी ने भी दिया है कार्यवाही के आश्वासन का  लोलीपोप , यह स्पष्ट है की भारत देश में न्याय चाहिए तो किसी अधिकारी के घर में जनम लो या किसी बड़े नेता के घर में, तब जेक सारी सुक्ख सुविधाओ का उपभोग किया जा सकेगा और समय पर न्याय प्राप्त हो सकेगा  

हकीकत क्या है यह जानने की कोशिश करने के अधिकार सिर्फ  पुलिस को प्राप्त है, जो मज़बूरी है, पीड़ित पिता की, अन्यथा एस मामले में पिता आवेशित हो जाये, तो नया मसला खड़ा हो जायेगा, पुलिस को न्याय व्यवस्था पर इस विषय में ध्यान देना चाहिए, मजबूर कोई नही है, लाचार कोई नही है, परिवार की खुशिया महतवपूर्ण है कानून पे भरोसा एक कमजोरी है हर इंसान की,

बाइट पीड़ित पिता,