जिस पर की खाद अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए
मामला पंजीबद्ध किया गया और न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया जिस के उपरांत 31.01.05 को आरोपी लालचंद्र दसानी के खिलाफ
निर्देश पारित हुआ.
जिस पर कि आरोपी ने अपील करते हुए यह कहा कि हमको
दस्तावेज प्रस्तुत करने का मौका दिया जाए.
न्यायालय ने लाल चंद्र दसानी की बात पर भरोसा करते हुए उन्हें दस्तावेज प्रस्तुत
करने के लिए मौका दिया गया. मगर आदेश के उपरांत कोई
दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया जिसको कि न्यायालय ने यह माना कि लालचंद्र
दशामानी सिर्फ और सिर्फ विलंब पैदा करने के लिए यह कहां है तो न्यायालय ने मामले
की गंभीरता को देखते हुए और आरोपी द्वारा किए गए बलम को देखते हुए खाद अपमिश्रण
निवारण अधिनियम 1954 के तहत कार्रवाई करते हुए न्यायलय श्रीमान
आशीष ताम्रकार ने लालचंद्र
दसानी को 3 माह का सश्रम कारावास व ₹4000 का अर्थदंड लगाया
जबलपुर से डॉ. सिराज़ खान की रिपोर्ट
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Madhya Pradesh