बहुत चर्चित हत्याकांड में हत्यारे की जमानत अर्जी खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट
क्राइम की दुनिया में समाज और दुनिया को शर्मिंदा करने वाले
बहुचर्चित पूजा ज्योति नागदेव हत्याकांड ने पूरे उत्तर प्रदेश को क्राइम की दुनिया
में एक नया मुकाम दिखाया था
दरिंदगी की सारी
हदें पार करते हुए जबलपुर की बेटी पूजा के पति दरिंदे कानपुर निवासी पीयूष श्याम
दासानी ने पूरी योजना के साथ अपनी पूर्व प्रेमिका से विवाह करने के लोभ के चलते
अपनी नवविवाहिता पत्नी को अपने ड्राइवर और लोकल हत्यारों के साथ योजनाबद्ध तरीके
से अपहरण करवाकर धारदार हथियारों से हत्या कारित की थी, दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए पियूष ने इस घटनाक्रम में मोबाइल चालू कर अपनी नवविवाहिता
की चीखें सुनकर अपनी पत्नी की मौत की पुष्टि करने की शर्मनाक हिमाकत की थी,
इस हत्यारे की मदद स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने भी करने
का प्रयास किया था, इस घिनौनी
हरकत के पीछे
कानून का मजाक बनाए जाने वाले उस अधिकारी को भी शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित
कर दिया गया था, जिस का वीडियो लीक हुआ जिसने इस पूरे प्रकरण में महत्वपूर्ण रूप
से न्यायिक कार्यवाही को बल दिया, प्रकरण में IPC 364,302,102,201,34 के तहत कार्याही की गयी,
तारीख 30 मई 2018 को उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश इलाहाबाद की मुख्य खंडपीठ
में इस पूरे हत्याकांड में लिप्त ड्राइवर की जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी थी, जिस पर न्यायाधीश ने इस पूरे हत्याकांड में
ईमानदार पुलिस निरीक्षकों की निगरानी में की गई जांच और इकट्ठे किए गए सबूत तथा
रिकवर किए गए हथियारों और समूचे मानव समाज को झकझोर देने वाली विरलतम घटना और आधार
मानते हुए एवं जमानत पाने पर सबूतों और गवाहों को प्रभावित करने की सम्भावना को ध्यान में रखा जा कर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के द्वारा जमानत अर्जी ख़ारिज कर दी,
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