दिल्ली के बुराड़ी में 11
शवों के मिलने से सनसनी फैल गई. वहीं पड़ोसियों का कहना है यह परिवार बहुत धार्मिक
था और मिलजुलकर रहता था. कभी इनमें तकरार सुनने को नहीं मिला. एक पड़ोसी महिला ने
बताया कि परिवार का मुखिया ललित पिछले पांच से साल से मौन धारण किए हुए था.
पुलिस ने बताया कि यह परिवार इस इलाके में पिछले 22-23
सालों से रह रहा था. परिवार में दूध और प्लाईवुड की दुकान है. साथ में एक किराने
की एक दुकान भी थी. सुबह-सुबह इस तरह की खबर मिलते ही इलाके के लोग घटनास्थल पर
एकत्रित हो गए. लोगों में घटना को लेकर तमाम तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं.
परिवार में दूध और प्लाईवुड की दुकान है. साथ में एक
किराने की एक दुकान भी थी. पड़ोसियों ने बताया कि शनिवार रात करीब 11.45
बजे वे लोग दुकान बंद कर सोने के लिए चले गए थे. रविवार सुबह दुध लेने गया एक
पड़ोसी दुकान बंद देख हैरान रह गया. पड़ोसी ने बताया कि दुकान बंद थी, लेकिन
घर का दरवाजा खुला हुआ था. उसने देखा कि परिवार के सभी सदस्य जाल के फंदे में लटके
हुए हैं. इसके बास उसने अन्य लोगों की इसकी जानकारी दी और बाद में पुलिस को इसकी
सूचना दी गई.
पुलिस ने बताया कि 11 लोगों के परिवार में दो भाई और
उनकी पत्नियां थीं. दो लड़के करीब 16 से 17
साल के थे। मृतकों में एक बुजुर्ग मां और बहनें शामिल हैं. पुलिस ने शवों को कब्जे
में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.
पुलिस के मुताबिक बुज़ुर्ग़ महिला के तीसरे बेटे का
नाम दिनेश है, जो
सिविल कांट्रेक्टर है. वह चित्तौड़गढ़ में रहता है. बुज़ुर्ग़ महिला की 58
साल की विधवा बेटी भी थी जो इसी परिवार के साथ रहती थी. उसकी भी लाश मिली है.
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