एक गरीब इंसान जिसको इलाज की सख्त जरूरत थी, उसको 108 एंबुलेंस विक्टोरिया हॉस्पिटल जबलपुर लेकर पहुंची. जहां पर मौजूद ड्यूटी डॉक्टर रचना शुक्ला ने उसका इलाज करने से मना कर दिया और उसको हॉस्पिटल से भगा दिया.
इस खबर पर जब पत्रकार पहुंचे तो डॉक्टर रचना शुक्ला
ने उनके साथ भी गालीगलौज शुरू कर दी.
आप इस एक्सक्लूसिव वीडियो में देख सकते हैं कि किस तरीके
से वह मीडिया के साथ पेश आ रही है. सिर्फ आवाज ही सुनेंगे तो आप मानेंगे नहीं की
यह महिला एक पढ़ी-लिखी डॉक्टर है. डॉ रचना शुक्ला ने मीडिया वालों पर इल्जाम भी
लगा दिया कि मीडिया ने उनके साथ बदतमीजी की मगर वहां यह भूल गई कि उनके सीधे हाथ
पर पुलिस खड़ी हुई थी. कैसे पुलिस के सामने कोई बदतमीजी कर सकता है वह भी एक
डॉक्टर के साथ जबकि डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट लागू है.
डॉक्टर रचना शुक्ला यहीं तक सीमित नहीं रही वह
लड़ते-लड़ते अपने चेंबर से बाहर आ गई. आप देख सकते हैं कि खुले में वह न्यूज़
वर्ल्ड चैनल व न्यूज़ विज़न के रिपोर्टर मो. अतहर के साथ इस बात पर बहस कर रही
हैं कि वह माइक लेकर कैसे आया. जिसका कि उनको जवाब भी दिया मो. अतहर ने कि वह उसका
काम है, इस पर वह और भड़क गई और कहने लगी कि मैं भी चाकू कैंची लेकर आऊं???
डॉ रचना शुक्ला ने डॉक्टर बनते वक्त जो कसम खाई थी, उसका कोई भी मान
नहीं रखा और तो और वह मीडिया को बताने लगी कहां अवैध दारू व अवैध रेत उत्खनन, शहर
की विभिन्न जगह जहां नशाखोर रहते हैं, उनकी खबर बनाने के लिए कहने लगी.
हमारा यह कहना है कि क्या 108 एंबुलेंस से आए हुए एक आदमी को तत्काल इलाज
मिलना चाहिए कि नहीं या यह भी एक डॉक्टर मूड अनुसार डिसाइड करेगा कि उसको इलाज
करना है कि नहीं. मरीज को जिस की टांग टूटी हुई थी उसको इलाज की बहुत सख्त जरूरत
थी मगर रचना शुक्ला ने इलाज ना करके ऐसा काम किया है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को
उनका लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए. इस वीडियो को देखने के बाद शायद जबलपुर कलेक्टर
हरकत में आए और कम से कम निलंबन की औपचारिकता पूरी कर दें.
डॉक्टर रचना शुक्ला को ना तो पुलिस का डर था और ना ही मीडिया के
कैमरों का. किस बात का घमंड है उन्हें, हम अभी भी समझ नहीं पा रहे. अगर कोई मानसिक
रूप से बीमार मरीज़ आ जाए तो ये डॉक्टर तो उसे मार न दे.
यह वही डॉक्टर रचना शुक्ला है जिनका पूर्व में एक विवाद हुआ था. उस
विवाद में भी यही इल्जाम लगा था कि एक बच्ची का इलाज करने से उन्होंने मना कर दिया
था. बच्ची का इलाज कराने आए लोग बेचारे गरीब थे, मगर डॉक्टर रचना शुक्ला पढ़ी-लिखी
और रसूखदार है. तो उन्होंने FIR दर्ज करवा ली, मगर गिरफ्तार दो सगे भाईयो को कराया जो हॉस्पिटल के बाहर चाय का ठेला लगाते हैं. आज दिनांक तक उनकी ज़मानत
नहीं हो पाई. (यह विडियो हम न्यायलय में पेश करेंगें, ताकी ये दोनों भाइ बच सके) यह वही डॉक्टर रचना शुक्ला है जिनका की पहला वीडियो देखें तो वह एक
पार्टी विशेष पर इल्जाम लगा रही थी, फिर कुछ सेटिंग के बाद कहने लगी यह तो पुलिस
का काम है कि वह पता लगाएं कि वह लोग कौन थे.
डॉक्टरों को प्रोटेक्शन एक्ट की ज़रूरत थी क्योंकि उनका नुकसान होता
था. किसी मरीज का इलाज बिगड़ जाए या मृत्यु हो जाए तो परिजन आपे से बाहर हो जाते
थे. मगर अब कुछ डॉक्टर इसी प्रोटेक्शन एक्ट की आड़ लेकर मरीजों की गत बना रहे है.
डॉ रचना शुक्ला ने फेसबुक पर पोस्ट कर इलज़ाम लगाया की मीडिया वालो ने एक आदमी की टांग तोड़ी और इलाज़ करवाना चाहा, पर मैडम भूल गई की उस इंसान को 108 एम्बुलेंस लाई थी ना की कोई और. मैडम की शिकायत कलेक्टर जबलपुर, मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश और मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया में की जा चुकीं है और जाँच में सब सामने आ जाएगा.
डॉ रचना शुक्ला ने फेसबुक पर पोस्ट कर इलज़ाम लगाया की मीडिया वालो ने एक आदमी की टांग तोड़ी और इलाज़ करवाना चाहा, पर मैडम भूल गई की उस इंसान को 108 एम्बुलेंस लाई थी ना की कोई और. मैडम की शिकायत कलेक्टर जबलपुर, मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश और मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया में की जा चुकीं है और जाँच में सब सामने आ जाएगा.
शासन इतना पैसा खर्च करता है इनकी तनख्वाह, दवाइयों और एक हॉस्पिटल
चलाने उसमें भी यह डॉक्टर मरीजों को छोड़ बाकी लाइमलाइट में रहने में लगी रहती. हम
इस बात पर अड़ रहे हैं इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो हम लगातार इनके खिलाफ अपनी
कलम चलाएंगे. तब भी शासन नहीं जागा तो हम न्यायालय की शरण में जायेंगे.
पीड़ित का
नाम: अर्जुन
बर्मन
मोके पर
मोजूद मीडियाकर्मी:
मोहम्मद अतहर कैमरामैन न्यूज़
वर्ल्ड चैनल व न्यूज़ विज़न
उमेश यादव स्टिंगर न्यूज़ वर्ल्ड
चैनल व न्यूज़ विज़न
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