दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई जबलपुर न्यायालय से
घटना दिनांक 25 अक्टूबर 2015 दो आरोपी मोतीलाल पटेल और इंदु पटेल ने पूरी योजना बनाकर के नीलू रजक को अपने साथ लेकर निकले थे जिस पर घर वापसी नहीं होने पर नीलू रजक ने फोन पर अपने बहन विमला को यह सूचना दी थी कि मैं इन दोनों के साथ हूं अचानक ही नीलू का मोबाइल बंद हो जाता है और उसकी बहन के द्वारा पुलिस थाने में उसकी गुमशुदा की रिपोर्ट लिखाई जाती है कार्यवाही में किसी प्रकार की सूचना प्राप्त नहीं होने पर पुलिस द्वारा विवेचना जारी रखी गई खोजबीन में एक अज्ञात लाश की बरामदगी में उसके कपड़ों में मिले पर आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस के द्वारा क्रम अनुसार विवेचना की गई उसके आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर निकाला गया मोबाइल नंबर के आधार पर उसका पता निकाला गया फिर जाकर के कहीं जानकारी प्राप्त हो पाई कि इस व्यक्ति की गुमशुदा की रिपोर्ट थाने में पहले से दर्ज है अंतिम कॉल डिटेल के आधार पर दोनों आरोपियों को पकड़ा गया घरवालों को सूचना दी गई और आज इस प्रकरण की पूरी विवेचना पूर्ण की गई पुलिस के द्वारा विवेचना पत्र अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था जिस पर लोक अभियोजक के द्वारा पूरी सक्रियता के साथ दो आरोपियों को अपना अपना पक्ष रखने एवं सुनवाई का अवसर देने साथ ही इस पूरे प्रकरण पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का पूरा मौका दिया जहां पर यह दोनों आरोपी अपने आप को उस व्यक्ति से संपर्क में नहीं होने के विषय को सिद्ध नहीं कर पाए और अंत में परिस्थितियों के आधार पर एवं तर्कों के आधार पर जबलपुर के न्यायाधीश श्री चंद्रेश कुमार खरे के द्वारा यह पाया गया कि दोनों आरोपियों ने मिलीभगत करके पूरी प्लानिंग के तहत मृतक को अपने साथ ले जाना उसकी हत्या कार्य करना जानबूझकर पूरे होशो हवास में यह कार्य किया जाना पाया जिस पर भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई
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