Central Jail जबलपुर में अनशन, कैदीयों को नही मिल रहा खाना

central jail jabalpur me anshan

विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पता चला है, कि  जबलपुर के सेंट्रल जेल में बड़ी गोल में कैदियों के द्वारा अनशन किया जा रहा है, शिकायत है घटिया खाने की, कई कैदियों में रोष व्याप्त है, कि अच्छा खाना उपलब्ध कराए जाने के लिए, उनसे वसूली एवं उगाही किए जाने का प्रयास किया जा रहा है, जेल प्रशासन के द्वारा काफी लंबे समय से खाने की घटिया क्वालिटी को लेकर के की जा रही सप्लाई के विरोध में आज जबलपुर के सेंट्रल जेल में बड़ी गोल के कैदियों के द्वारा अनशन किया जा रहा है,

 जेल में मिलने वाले खाने की कोई क्वालिटी जांच और उसका कोई रिकॉर्ड मेंटेन नहीं किया जाता है, ना ही बंद हो चुके कैदियों से इस मामले में कोई फीडबैक लिया जाता है, फूड पॉइजनिंग के भी हो सकते हैं कैदी शिकार, परंतु न्यायालय से सजा मिलने के बाद सजायाफ्ता कैदी की होती है दुगनी दुर्दशा, जब उसे न्यायालय के आदेश के पालन में सजा का भुगतान तो करना रहता है, साथ ही उसे खाने में अशुद्ध - मिलावटी खाना, ऊर्जाहीन खाना खाना रेह्नता है,  कैदी के कुपोषित होने का सबसे बड़ा कारण है ये,   सजायाफ्ता व्यक्ति जब जेल से अपनी सजा भुगतने के बाद बाहर निकलता है, तो वह इतना कमजोर हो चुका होता है, कि फिर से अपने आप को समाज में स्थापित करने का प्रयास करने की चेष्टा भी नहीं कर सकता ,

फिलहाल यह दोहरी मार झेल रहे कैदियों पर केवल और केवल उच्च न्यायालय कुछ अच्छी निगरानी की व्यवस्था कर सकता है, अन्यथा जेल विभाग के आश्रय में अगर इसी तरह की क्रियाएं चलती रहेंगी तो जेल अस्पताल के खर्चे भी अपने आप में बढ़ेंगे और जिन कैदियों को सजा भुगतने के बाद जेल से मुक्ति मिली है, उन्हें जीते जी अच्छे जीवन से भी मुक्ति मिलती रहेंगी.  

मीडिया विजिट पर भी लगा दी है एक गैरकानूनी रोक

किसी भी पत्रकार को जेल में हो रही क्रियाकलापों के बारे में कोई जानकारी नहीं प्रदान की जाती है, ना ही किसी कैदी का इंटरव्यू लेने उसे परमिशन दी जाती है, ऐसा करने से जेल का इकलौता मालिक जेलर स्वतंत्र रूप से जेल का संचालन कर रहा होता है, जिस पर किसी प्रकार का कोई जोर नहीं है, उसके द्वारा की जा रही सारी कार्यवाहीया अपने आप में स्वच्छ हो जाती हैं, क्योंकि उन पर निगरानी रखने वाले भी भोपाल में बैठे हैं, जिनके पास दूरबीन तो है नहीं, जो जबलपुर की जेल में हो रही गतिविधियों पर नजर डाल सकें, ओर  ना ही महाभारत का संजय उनके पास है, जो हो रही गतिविधियों पर और खाने की क्वालिटी के बारे में जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को डायरेक्ट उपलब्ध करा सके.

जबलपुर की सेन्ट्रल जेल में सजा काटना,  आज पाकिस्तान की जेल में बतौर देश द्रोही ओर जासूसी के जुर्म में सजा काटने सामान हो गया है, कैदीयो की पीड़ा कारागार के व्यवस्थापको पर किस रूप में अपना प्रभाव डालेगी, निर्भर करता है नियति इसका जब तक निर्णय ले, फ़िलहाल राज्य हमारा उलझा हुआ है, राजनैतिक दलों के चुनाव जीतने की जद्दोजहद देखने में,  और मानव अधिकार संगठन और विभाग फ़िलहाल शीर्ष कुम्बकरणीय मुद्रा में सोये है, जब तक फायदे की सम्भावनाये और  प्रोमोशन से सम्बंधित प्रकरण ना बने तब तक कार्यवाही नही कर सकते, और  ऐसा अपराध भी नही है की इस पर कोई संज्ञान लेके खुद प्राथमिकी दर्ज कर मानव कल्याण के लिए कार्यवाही करे, और ना ही कानून में ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था है, 

#centraljailjabalpur, #me, #anshan 
Previous Post Next Post