दहेज
लोभीयों को डेढ़ वर्ष के कारावास की सजा
न्यायालय सीहोरा, श्रीमती मृणालिनी
सिंह जुडिशियल मजिस्ट्रेट के द्वारा वर्ष 2012
में पंजीकृत भारतीय दंड विधान की धारा 498
ए एवं दहेज एक्ट के तहत पंजीकृत मामले में आरोपियों को डेढ़ वर्ष के कारावास से
दंडित किया और ₹1000 जुर्माने
से भी दंडित किया
मामला थाना अंतर्गत सिहोरा का था, जहां
पर संध्या चौधरी का विवाह सुरेंद्र चौधरी से जातीय रीति-रिवाज के अनुसार 15
मई 2011 को
हुआ था, शादी के बाद से तीन-चार दिन बाद दुल्हन ससुराल से मायके चली गई थी, दिवाली
के समय दुल्हन को ससुराल से वापस बुलाया गया और उसके पति सुरेंद्र चौधरी ने साथ
में कार लेकर आने को कहा था, जो कि नहीं ला पाने के चलते घर में निरंतर विवाद का
विषय बना रहा, कुछ माह पश्चात थाना मझगवां में इस विषय पर शिकायत दर्ज की गई थी,
जिसमें सास सुकृति बाई, ननद सुशीलाबाई, देवेंद्र और एक नंदोई महंत एवं ससुर
रामविलास, जो पीड़ित लड़की संध्या चौधरी को कार ले आने के लिए लगातार मानसिक दबाव
बना रहते थे, और उनके द्वारा प्रकरण दर्ज दिनांक के दिन घर से मारपीट कर निकाले
जाने एवं मंगलसूत्र, उसके गले से खींचकर निकाले जाने की घटना से त्रस्त होकर पीड़िता ने प्रकरण को मझगांव थाने में तत्काल दर्ज कराया, जहां से लोक
अभियोजन अधिकारी श्री अजय दुबे के द्वारा सभी साथियों को न्यायालय में परीक्षित
कराया गया, एवं लोक अभियोजक के तर्कों से संतुष्ट होकर न्यायाधीश के द्वारा इस
प्रकरण में आरोपियों को 1.5 वर्ष
के कारावास की सजा सुनाई गई एवं जुर्माना भी लगाया गया