साथियों,
हमारे
यहां एक कहावत है कि-" उल्टा चोर कोतवाल को डांटे और सौ सौ जूता खाए तबो
तमाशा घुसिकै देखें"।
कुछ ऐसी ही स्थिति हमारे पड़ोसी पाकिस्तान की बन
गई है जो अपनी आदत से बाज नहीं आता है और दुनिया के सामने धोईधाई बछिया बनकर
बातचीत से समस्याओं के समाधान की बात करके अपने को अहिंसा का पुजारी बताता है। सभी
जानते हैं कि पाकिस्तान की पैदाइश भारत से हुई है इसलिए रिश्ते में भारत उसका भाई
नहीं बल्कि अब बाप लगता है। लोग कहते हैं कि किसीको कभी अपने आप को अपने बाप को और
अपनी औकात को नहीं भूलना चाहिए।जो इसे भूल जाता है वह मिट जाता है। लेकिन
पाकिस्तान एक ऐसा नापाक देश है जो कि इन तीनों को भूल करके आजादी के बाद से ही
हमें आंखें दिखाता घूम रहा है और हम हर बार उसे अपना भाई मानकर माफ कर देते हैं।
हमारी सेनाएं उसके जिगर तक पहुंच जाती हैं लेकिन हमारी राजनीति उन सैनिकों को वापस
बुला लेती है। पाकिस्तान भूल रहा है कि पिछली बार हमने 36 इंची उदार सीना दिखाते हुए कब्जा की गई उसकी जमीन के साथ उसके 90 हजार सैनिकों को माफ करके रिहा कर दिया था। वह विपरीत परिस्थितियों के
बावजूद कारगिल युद्ध को भूल गया है। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान अपने यहाँ अनाज फल की खेती नहीं बल्कि अपने यहां हमसे
दुश्मनी अदा करने के लिए आतंकवाद की खेती करवा रहा है। आजादी के बाद से ही हम उसके
इस नापाक इरादे के शिकार हो रहे हैं। पाकिस्तान हर बार परमाणु बम हमला करने की
धमकी देकर हमारे यहां पर आतंकवाद फैला कर हिंदू मुस्लिम में नफरत की भावना पैदा
करने की कोशिश कर रहा है लेकिन हम लगातार उसे माफ कर रहे हैं।एक कहावत है कि अगर
फोड़ा को समय से ऑपरेशन नहीं कराया जाता है तो वह कैंसर बन जाता है जो लाइलाज हो
जाता है। पाकिस्तान आजादी के बाद से हमारी आजादी के लिए आतंकवाद के सहारे खतरा बनता
जा रहा है।
दुनिया जानती है कि वह अलकायदा के मुखिया को
अपने यहां पर पनाह दे रहा था और अमेरिका के सामने अपने को बेगुनाह साबित कर रहा था
लेकिन जब अमेरिका ने उसके जिगर को फाड़कर उसे उठाकर समुद्र में अंतिम संस्कार कर
दिया गया तब वह चुप हो गया। जब कंधार में इसी जैस मोहम्मद के सरगना ने विमान का
अपहरण किया था अगर उसी वक्त इच्छा शक्ति दिखा दी गई होती तो शायद आज हमारे सेना
अर्द्ध सेना एवं पुलिस के जवानों को कदम कदम पर सहादत न देनी पड़ती। पुलवामा घटना
के बाद पहली बार पूरे देश ने भारत माता के सच्चे सैनिक सपूतों की शहादत पर गुस्से
का इजहार किया है तो पहली बार किसी देश के प्रधानमंत्री एवं हमारी बहादुर देशभक्ति
से ओतप्रोत सेना ने देश की भावनाओं का सम्मान करते हुए देश की आवाज में आवाज
मिलाते हुए पाकिस्तान के घर में घुसकर उसे उसकी औकात बता दी गई है।
पाकिस्तान हमारी शराफत भाईचारे एवं अहिंसा वादी
होने का मतलब यह समझ रहा था की वह हमें बार-बार गाल पर तमाचा मारता रहेगा और हम
चुप बैठे रहेंगे। पाकिस्तान बांग्लादेश बनने के बाद से हमसे बदले की भावना से
प्रेरित होकर हमारा कश्मीर हमसे अलग करना चाहता है। हमारे जिगर के टुकड़े कश्मीर के
एक हिस्सा उसने आजादी के समय ही हमसे अलग कर रखा है जो आज जम्मू कश्मीर ही नहीं
देश के कोने-कोने हो रहे आतंकी हमलों के लिये आतंकियों को पैदा कर उन्हें संरक्षण
देकर घुसपैठ कराने में उनकी मदद देता है। गुलाम कश्मीर से होता हुआ जिहाद के नाम
पर आतंकवाद अब जम्मू कश्मीर में फैल चुका है। ठीक 13 दिन पहले
पुलवामा में हुई घटना में शामिल आतंकी जम्मू कश्मीर के पुलवामा का ही रहने वाला
था। पाकिस्तान पुलवामा घटना को अंजाम देने के समय यह भूल गया था कि वह हमारे
जवानों को शहीद कर देगा और हम हर बार की तरह चुप बैठे रहेंगे।
पाकिस्तान तो उसी समय अपनी औकात भूल गया था जबकि
उसके सेना ने हमारे सैनिकों के सिर काटकर उठा ले गये थे। इस बार भी वह समझ रहा था
की हम अपने शहीदों की शहादत को हर बार की तरह बुलाकर माफ कर देंगे। हमारी वायुसेना
के जांबाज जवानों द्वारा पिछली रात भोर के समय किया गया हमला भारत के इतिहास में
पहला मौका माना जाएगा और स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। आज तक हमारी सेना ने
इतनी लंबी दूरी तय करके इतनी बड़ी स्ट्राइक नहीं की थी। ऐसा नहीं था कि हमारी सेना
मैं ऐसी स्ट्राइक करने की क्षमता नहीं थी क्षमता थी लेकिन हमारी नीति उसे
नियंत्रित किए हुए थी। पहली बार सेना को अपने ढंग से बदला लेने की छूट दी गई तो
उसने इतिहास रच दिया। हम आज सबसे पहले पुलवामा में हुए हमले मैं शहीद अपने जांबाज
शहीदों की तेरहवीं पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए भारत के जांबाज बहादुर
देशभक्त भारत मां के सच्चे सपूत सैनिकों के जज्बे को सलाम कर जय भारत मा जय हिंद
कहते हैं।
सेना द्वारा की गई इस साहसिक कार्यवाही के बाद
देश में खुशी की लहर दौड़ गई है और जो आंखें अब तक शहीदों के गम में नम थी वह एक
बार खिल उठी हैं। इतना ही नहीं देश में रहने वाला हर नागरिक सेना की इस साहसिक
कार्रवाई से झूम उठा है और अपनी सेना पर इठलाता इतराता घूम रहा है। देशहित में समय
की मांग है की अब इस पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को जड़ से उखाड़ कर फेंक दिया
जाए क्योंकि यह देश के भविष्य के लिए नासूर बनता जा रहा है। वायुसेना सेना की यह
कार्यवाही मात्र एक नमूना है. अगर आतंकवाद को समाप्त करना है
तो इस तरह की और भी सैनिक कार्यवाही भविष्य में करनी होगी। अगर पाकिस्तान नहीं
मानता है तो उसे उसकी भाषा में जवाब देना होगा। वह नहीं जानता है ईश्वर खुदा पाक
कभी हिंसा आतंक में विश्वास नहीं रखता और जो इसके विपरीत कार्य करता है वह तबाह
होकर नष्ट हो जाता है। धन्यवाद।।
लखनऊ से भारत पाकिस्तान पर सम्पादकीय भानू
मिश्रा स्टेट हेड उत्तर प्रदेश की कलम से विशेष
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