Rape accused arrested, police actively act in this case
पहले से शादीशुदा एक सहज पुरी डिंडोरी का रहने वाला मिस्त्री-लेबर संतोष मरावी जबलपुर में मजदूरी और मिस्त्री का काम
करता है, कई ठेकों पर काम करने जाता रहता था, जहां पर उसकी मुलाकात मंडला निवासी
एक युवती से हुई थी, जो लेबर का काम करती है, और जबलपुर के पश्चिमी क्षेत्र में रहती
है, अधारताल मार्किट में घर का सामान खरीदने गई, उस युवती को मिस्त्री संतोष ने शादी का झांसा
दिया और साथ में ले गया, बिन परिवार की
युवती जबलपुर में अकेले रह रही थी, संतोष की बातों में आ गई और उसके साथ चली गई, शादी तो नहीं हुई पर उसके साथ संतोष ने कई मर्तबा
जबरदस्ती की और
उसकी आबरू को तार-तार कर दिया, जैसे ही युवती और उसके कुछ रिश्तेदारों ने इस मामले
का संज्ञान लिया और संतोष पर शादी के लिए मामला परिवार में सामने आया और नए मामले
का खुलासा हुआ, कि संतोष पहले से ही शादीशुदा है, तब जाकर संतोष ने एक नया जुमला
मारते हुए कहा कि मैं दोनों को साथ में रहने तैयार हूं, परंतु पहली पत्नी के दबाव
में संतोष ने इस युवती को साथ में रखने से पूरी तरह से मना कर दिया,
मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़ित युवती के परिवार ने थाना अधारताल में
मामले पर कार्यवाही की अपेक्षा की थाना आधारताल पुलिस के द्वारा जीरो पर मामला
कायम कर के घटनास्थल थाना अंतर्गत क्षेत्र ओमती में हस्तांतरित किया जहां पर थाना प्रभारी नीरज वर्मा की सक्रीय कार्यवाही से तत्काल आरोपी की गिरफ्तारी हो गई मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया
अन्य गवाहों एवं साक्ष्यों के विषय में
जांच आरंभ है
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में यह अभिव्यक्ति स्पष्ट की है, कि
शादी का झांसा देकर किसी भी स्त्री के साथ शारीरिक संबंध बनाना भारतीय दंड विधान
की धारा 376- 2 एन के अंतर्गत दंडनीय अपराध है, शादी के
झांसे को आप युवती की ओर से सहमति के रूप में मान्य नहीं कर सकते, यह युवती का
एकाधिकार है, और उसकी स्वीकृति के पर्याय जो भी हो, परंतु शादी के झांसी को लेकर
के बनाए गए संबंध अपराधिक श्रेणी में ही विरचित किए जाएंगे, शारीरिक संबंधों में सहमति और असहमति पर फसने वाला पेच, सुप्रीम
कोर्ट ने एक आदेश पारित कर दोनों शब्दों का पुनर्मूल्यांकन स्पष्ट कर दिया और इसी के साथ इस तरह के
अपराधों में वासना के शिकारी, जितने भी अपराध कर रहे हैं, उनके लिए जेल जाने का
रास्ता साफ हो गया है, अब किसी भी प्रकार
के दृष्टांत का और सहमति का सहारा इस प्रकार के केस से मुक्त होने के लिए काम नहीं
आएगा.
थाना आधारताल के द्वारा दर्ज जीरो पर कायमी
में और उसके बाद थाना ओमती के द्वारा मामले को पंजीबद्ध कर विवेचना में
लिया गया तत्काल प्रभाव से आरोपी गिरफ्तार की जा चुकी है, अन्य आवश्यक जांच कार्यवाही को दृष्टिगत रखते हुए प्रकरण को
संधारित किया जाए. शेष कार्यवाही विहित परीधि में सस्न्थापित होगी
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