सिन्धी धर्मशाला , घंटाघर, को तोड़ने के आदेश हुए पारित, कभी भी चल सकता है बुलडोजर - News Vision India

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सिन्धी धर्मशाला , घंटाघर, को तोड़ने के आदेश हुए पारित, कभी भी चल सकता है बुलडोजर

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सिन्धी धर्मशाला , घंटाघर,  को तोड़ने के आदेश हुए पारित, कभी भी चल सकता है बुलडोजर

अज्ञात असामाजिक तत्वों के कब्जे में पिछले 2 दशक से अवैध कब्ज़ा कर अवैधानिक रूप से सिन्धी धर्मशाला का सञ्चालन,  कुछ गैर नियुक्त लोगो के द्वारा गुट बना कर किया जा रहा है ,  जिसमे ऐसे  लोगो के द्वारा खुद को सिन्धी समाज के कर्ताधर्ता-अध्यक्ष-पदाधिकारी  के रूप में परिचय दे कर, समाज का मुखिया बताया जा रहा है,  शहर की भोली भाली जनता से, धरमशाला भवन उपयोग का किराया 1 दिवस का लगभग 30000/- रुपया फर्जी रसीद के माध्यम से वसूल किया जाता है, इन लोगो के द्वारा  द्वारा पिछले 20 वर्षो में करोडो का गबन किया गया है,  

समाज हित के लिए, सामाज के गरीबो के विकास के लिए वसूली  जाती यह राशी,
चंद लोगो की मुट्ठी में थी/है भवन की कमान 20 वर्षो से, अब होगी जमींदोज  

पिछले 2 दशको से इस भवन पर  किसी राजनेता की शरण लिए,  कुछ लोग असामाजिक पदत्त्ती से खुद के कब्जे में रखे है,  और मन मुताबिक चंदे राशी का उपयोग करते है, अपने व्यक्तिगत अभिलाषाओ की पूर्ती के लिए खुद को समाज का अध्यक्ष के रूप में परिचय देते है, जबकि कोई अधिकारिक नियुक्ति समाज ने नही की है , ना कोई पंचायत है ना ही कोई समिति ना ही धरमशाला का कोई पदाधिकारी सिन्धी समाज जबलपुर ने नियुक्त किया है, इस समिति की कार्यशैली समाज विकास से पूर्णतः प्रथक-अलग है,

इस भवन को सामाजिक सहयोग से निर्मित किया गया था,  पूर्व में आज से लगभग 35  साल पहले एक समाज हितैषी समिति ने यह  जमीन खरीद कर भवन का निर्माण धर्मार्थ-समाज उत्थान- मांगलिक  कार्यो के लिए कराया था, और वर्तमान में सभी पुराने असली समाज सेवी असक्रीय हो चुके है,    

थाना ओमती में चल रही जांच अंतर्गत हो चुकी जांच में कोई एक फर्जी अध्यक्ष - फर्जी कोषाध्यक्ष नंदलाल  कुंगानी ( साधूराम बीज भण्डार, भारतीपुर जबलपुर ), के नाम खुल कर सामने आये है, इनके  द्वारा मिलीभगत करते हुए , वाणिज्यिक कर विभाग से फर्जी  पंजीयन ( 7899046547-8069900065 https://mptax.mp.gov.in/mpvatweb/ में चेक कर सकते है ) प्राप्त किया, जिसके आधार पर  पंजाब नेशनल बैंक में फर्जी दस्तावेजो के आधार पर बैंक अकाउंट खोला गया,


समाज सेवियों से मारपीट भी हो चुकी है,  इस भवन में जिसकी रिपोर्ट आज तक नही लिखी गयी है पुलिस के द्वारा, घायलों का बल पूर्वक समझौता भी करवाया गया था 

फिर शुरू किया सामाजिक चंदा राशी के गबन का खेल,

यह प्रोफेशनल टैक्स एक्ट सामाजिक संस्था पर लागू ही नही होता है पंजीयन किया ही नही  जाता है, यह केवल व्यक्तिगत, प्रोफेशनल व्यक्ति, pan कार्ड  धारक को प्रोफेशन पर महज अनिवार्य है,   एवं जो लग्जरी सुविधा दे उन्हें ही लग्जरी टिन न. आवंटित होता है जैसे होटल , ...... चंदे की राशी IT अधिनियम के विपरीत अज्ञात-ज्ञात व्यक्ति से नगद प्राप्त की जाती है जिसको बैंक में जमा भी नही किया जाता, ना उसके उपयोग का कोई लेखा जोखा नही है,  

हो रहा है अवैध निर्माण, जो अतिरिक्त इनकम का जरिया बनेगा

समाज विकास का ढकोसला पीट रहे, वर्तमान में इन फर्जी अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के द्वारा सिन्धी धर्मशाला के दृतीय तल का निर्माण किया जा रहा है, जबकि नगर निगम अधिकारी के भवन शाखा प्रभारी द्वारा निर्माण की स्वीकृति के सम्बंधित में आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने 2 बार नोटिस जारी किया गया, जिसके जवाब मे कोई प्रतिउत्तर किसी पदाधिकारी ने नही दिया,

फिलहाल सिन्धी समाज का अघोषित अध्यक्ष शिव पटेल है

 नगर निगम कार्यालय भवन शाखा से जारी नोटिस पर पावती देने का काम वहां के मैनेजेर शिवा पटेल ने दोनों नोटिस प्राप्त किये ओर सिन्धी धर्मशाला की सील लगा कर प्राप्ति की , दोनों पत्रों में अलग अलग हस्ताक्षर किये गए . एक में हिंदी एक में अंग्रेजी , ,एक विभाग में तो इसने जवाब भी सबमिट कर दिया, अर्थात प्रत्यक्ष रूप से  फर्जी लोगो ने शिव पटेल को ओन पेपर्स अध्यक्ष बना के रखा है  

थाना ओमती पुलिस नही सुलझा पा रही है गुत्थी,

चरगँवा के  अनसुलझे  जटिल-कठिन 10 वर्षीय बालक बादल हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने  वाले थाना प्रभारी की  योग्यता  को मानो ग्रहण लग गया है,   इस भवन को चला रही संदिघ्द समिति की सक्रीयता की गुत्थी पुलिस प्रभावशाली लोगो के लिप्त होने के चलते नही सुलझा पा रही है पुलिस , ओमती थाना प्रभारी नीरज वर्मा ओर निरीक्षक नवल सिंह की भूमिका पूरी संदिध है , दोनों के द्वारा मिलीभगत के चलते पिछले 50 दिनों से थाने में प्राप्त शिकायत पर किसी को कोई नोटिस जारी नही किया गया है, आशचर्य जनक है आदेश पत्रिका नही संधारित होती है थाने में, फिर जांच अनुसंधान कैसे संभव होगा,   परन्तु भवन शाखा नगर निगम ने इस पुरे विषय को गंभीरता से लिया और सुनवाई का अवसर देते हुए . निर्माण सम्बंधित स्वीकृत दस्तावेजो की मांग की गयी . कोई समाधान करक जवाब ना मिलने से तोड़े जाने के आदेश हुए पारित,

यह सब इसीलिए हुआ क्योकि  वहां कोई  पदाधिकारी समाज की ओर से नियुक्त ही नही किया गया, समीति का पंजीयन भी नही है, वाणिज्यिक कर की प्रोफेशनल टैक्स एवं लग्जरी टैक्स शाखा से अवैध परिधि में पंजीयन प्राप्त कर फर्जी अध्यक्ष  खुद मालिक बन बैठे है,  संचालक के रूप में नंदलाल कुंगनी के साथ मिल कर समाजिक चंदा धरोहर राशी का दुरूपयोग / व्यकतिगत उपयोग कर रहे है, जिनकी पोल खोलदी नगर निगम ने,   थाना ओमती में लंबित जांच उपरान्त सभी अन्य आरोपियों के नाम खुल कर सामने आ सकेंगे, फिलहाल 2 लोगो के नाम पंजीयन क्र. अनुसार सामने खुल कर आ पाए है 


कभी भी हो सकती है गंभीर दुर्घटना

हो रहे अवैध निर्माण का तल द्रीतीय है, नीचे स्ट्रेंथ ही नही है, ऐसे में गंभीर हादसा कभी भी किसी भी  समय समारोह या आयोजन के दौरान हो सकता है, अनावश्यक  समाज को इन फर्जी भ्रष्ट पदाधिकारियों की हरकत की निंदा झेलनी पद सकती है ,

धीमी गती से ही सही,  पूरी  जांच अपने अंतिम मुकाम तक पहुंचेगी, ओर फर्जी समाज सेवियों के धुंधले चेहरे खुलेंगे , साथ ही करोडो की सामाजिक धरोहर राशी के गबन के आरोपियों की सामाजिक प्रतिष्ठा में चार चाँद लगेगे  


COMPILED BY :-  JITAINDRA MAKHIEJA 



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