मंत्री बनते ही सिलावट ने भाई
को संचालक बनाया...म. प्र. पहला एसा प्रदेश है, जहाँ शिवराज
के भी काम विधि अनुसार नही हो पा रहे थे, उसको भी cm बनना पड़ा,
21 अप्रैल की
शपथ और 22 अप्रैल 2020 सुबह का
प्रमोशन, यह पदोन्नति पत्र अतिरिक्त प्रभार सपने के नाम से
जारी किया गया है जिसमें डॉक्टर सुरेश शेट्टी सिलावट जो प्राचार्य शासकीय होलकर
विज्ञान महाविद्यालय इंदौर में पदस्थ रहे हैं उनको अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा
संभाग इंदौर में अतिरिक्त प्रभार दिया गया है यहां पर पहले आरसी जटवा अतिरिक्त
संचालक के रूप में पदस्थ थे जो अब कार्य से मुक्त होंगे,
यह
स्पेशल आदेश प्राचार्य के भाई तुलसी सिलावट के मंत्री बनते ही 24 घंटे के अंदर जारी किया गया, माननीय
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के उस फैसले को भी पलटा जहां पर नगर
निगमों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई थी अब यह प्रभार 1 वर्ष
तक कार्यमुक्त हो चुके सभी महापौर फिर से ग्रहण करेंगे,
छिंदवाड़ा
में शिवराज सिंह चौहान का हेलीकॉप्टर नहीं उतर पाया था, चुनाव
जीतने की जद्दोजहद में शिवराज सिंह चौहान की जुबान फिसली और उन्होंने मंच के
माध्यम से अधिकारियों को सचेत रहने के आदेश जारी कर दिए कि ``हमारा समय भी आएगा फिर देखते हैं``
आईएस निधि निवेदिता का
ट्रांसफर शिवराज सिंह चौहान ने रातों-रात कर दिया, क्योंकि उनके द्वारा थप्पड़
भाजपा के नेता जो शिवराज सिंह चौहान के काफी नजदीकी हैं उन्हें जड़ा था, चलो वह कार्यकर्ता कोई आम आदमी नहीं था, अन्यथा उसे
इंसाफ लेने के लिए मुख्यमंत्री बनना पड़ता,
मुख्यमंत्री बनते ही शिवराज
सिंह चौहान के द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को भी बदला गया, मध्य प्रदेश
के डीजीपी का कार्यकाल यूं तो समाप्त हो रहा था परंतु कार्यवाहक डीजीपी राजेंद्र
कुमार जी को हटाकर नवीन पदस्थापना की गई यह भी तत्काल प्रभाव से ज्वाइन करने के
लिए आदेशित थी,
सबसे
ज्यादा समय तक शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और इनके
कार्यकाल में चालू की गई सीएम हेल्पलाइन जिसको इनके द्वारा एक अधिसूचना के अंतर्गत
निर्धारित किया गया था कि जनता को सेवा माध्यम सीएम
हेल्पलाइन के 7 दिनों में प्रदान
की जा सकेगी, जिसे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 7 दिन की जगह 30 दिन कर दिया था, यूं तो सेवा पहले भी किसी को नहीं मिलती थी अब 30 दिन
का मौका मिल गया है तो अब मिलने के चांसेस और भी कम हो गए हैं या मानलो
लुप्त हो गए हैं, क्योंकि सीएम हेल्पलाइन पर
झूठे अनर्गल रिप्लाई भरकर बलपूर्वक शिकायतों को बंद किया जाना एक आम बात है,
और निराकरण के आंकड़े ऐसे जाते हैं जैसे कठोर निष्पक्ष पारदर्शी लोक
सेवा केवल मध्य प्रदेश में की जाती है, फर्जी आंकड़ों के साथ सीएम हेल्पलाइन ऑडिट होने की बहुत जरूरत है,
ताकि फर्जी निराकरण दर्ज किए गए शिकायतों की संख्या अलग से दिखाई दे
सके,
सीसीटीएनएस
आरसीएमएस यह दोनों से संबंधित शिकायतें सबसे ज्यादा सीएम हेल्पलाइन की जाती हैं
जिनमें सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार झूठ फरेब दर्ज होता है और मध्य प्रदेश की जनता को
पहला पहला डरा धमका कर घुमा फिरा कर शिकायतों को बलपूर्वक बंद करने के प्रयास की
अनुशंसा की जाती है,
मध्य प्रदेश भारत देश का एक
पहला ऐसा प्रदेश है जहां पर भ्रष्टाचार करने पर केवल ट्रांसफर होता है, ना कोई
कार्यवाही होती है नहीं डिमोशन होता है, और कुछ तो विभाग के
अधिकारी ऐसे हैं जिनको विभाग पूरा किराए पर दे दिया गया है और कई वर्षों से दे
दिया गया है, जो केवल विभाग को अपनी व्यक्तिगत आय का स्त्रोत
मानते हैं, बस ऊपर के अधिकारियों को मैनेज करते हैं खुश करते
हैं चापलूसी करते हैं चमचागिरी करते हैं और नीचे बैठ कर अधीनस्थों पर राज करते हैं,
यह एक सामान्य कानूनी और विभागीय प्रक्रिया है मध्य प्रदेश की,
इसकी नींव रखने में शिवराज सिंह चौहान ने ने महत्वपूर्ण राजनीतिक
जीवन के 12 वर्ष मध्य प्रदेश की जनता को दिए हैं, यूं ही नहीं भ्रष्टाचार की मजबूती मध्य प्रदेश की जमीन पर अपनी कील ठोक के
बैठी है, इसका पूरा श्रेय अगर जाता है तो केवल और केवल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को,
प्रदेश
की कई ऐसी जांच एजेंसियां हैं जिनको सामान्य प्रशासन विभाग से विशेष अधिसूचना जारी
करते हुए, उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों को अवैधानिक छूट प्रदान की गई है, इसकी समीक्षा में भी
महत्वपूर्ण भूमिका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की, उनके
पुराने कार्यकाल के हैं, यह एक भ्रष्टाचार के पौधे को बढ़ाने
के लिए खाद डालने योग जैसा कार्य का, ताकि मध्य प्रदेश में
भ्रष्टाचार खुलकर घूमे, परे, फैले,
और जनता को हमेशा मोहताज बना कर रखें ताकि जब भी आम जनता को कोई काम
किसी भी विभाग से कराना हो, तो उसकी वैधानिक प्रक्रिया के
अलावा उसे नेता की शरण लेना परम आवश्यक रहेगा यह अघोषित रूप से घोषित कर दिया गया था वर्तमान में भी यही प्रक्रिया के अनुसार इस देश में
विभागों के संचालन हो रहे हैं, जिसकी कमान अकेले इकलौते
शिवराज सिंह चौहान के हाथ में हैं,