होटल Kelly’s Restaurant को नोटिस जारी किया उपभोक्ता फोरम में
जीएसटी आने के बाद होटल संचालकों
ने अपनी ऊपरी कमाई का नया जरिया एक तैयार किया है जिसमें कंपनी द्वारा अधिकतम
मूल्य निर्धारित किए जा चुके प्रोडक्ट पर भी उसका रेट बढ़ाकर फिर उस पर जीएसटी
लगाकर बिल जारी किए जा रहे हैं जो पूर्णता अवैध है जिसका नियम कानून से कोई सरोकार
नहीं है
लगभग सभी रेस्टोरेंटों पर इस तरह
की कार्य प्रणाली लागू है जो अपने ग्राहकों इस तरह की अवैध वसूली का साधन मनमाने
नियम बनाकर किए जा रहे हैं, जिस
पर सवाल पूछे जाने पर ग्राहकों के साथ कैमरे की निगरानी में अभद्रता की जाती है, साथ ही उनसे पूरा बिल अवैध रूप से
वसूला जाता है, अब
कोई ग्राहक किसी अन्य शहर से आया हो तो वह इस विषय में शिकायत कैसे दायर करें बड़ी
विडंबना हो जाती है
फिलहाल शहर के एक प्रतिष्ठित
नागरिक जो कुछ दिन पूर्व होटल Kelly’s Restaurant सदर बाज़ार में भोजन करने अपने रिश्तेदारों के साथ गए हुए थे, जहां पर भोजनोपरांत होटल मैनेजर द्वारा प्रस्तुत किए
गए बिल में पानी की बोतल पर अंकित
अधिकतम विक्रय राशि से बढ़ाकर बिल में लिखी गई, प्रत्येक
पानी बोतल पर पृथक रूप से जीएसटी लगाया जा कर बिल प्रस्तुत किया गया, जिस पर ग्राहक द्वारा इस विषय में विरोध प्रकट किया गया.
#KellysRestaurant का पूरा स्टाफ आ गया
और स्टाफ ने ग्राहक की बेईज्ज़ती की. और कहा की पैसे नहीं है तो खाना क्यों खाने आए
हो.
पूर्व में #ArihantPalace (http://www.newsvisionindia.tv/2017/09/Arihant-Palace-Restaurant-Jabalpur.html) और #CityRestaurant (http://www.newsvisionindia.tv/2018/02/hotel-city-inn-jbp-fraud-billing.html) गलत बिल दे चुके है जिसका केस न्यायलय में विचाराधीन है.
पूर्व में #ArihantPalace (http://www.newsvisionindia.tv/2017/09/Arihant-Palace-Restaurant-Jabalpur.html) और #CityRestaurant (http://www.newsvisionindia.tv/2018/02/hotel-city-inn-jbp-fraud-billing.html) गलत बिल दे चुके है जिसका केस न्यायलय में विचाराधीन है.
इस पूरे घटनाक्रम में मेहमानों के
साथ गए ग्राहक को शांतिपूर्वक वहां से घर जाने से बेहतर कुछ नहीं सूझा, और उन्होंने कानूनन रास्ता
इख्तियार करते हुए उपरोक्त प्रकरण जबलपुर स्थित उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुत किया
जहां पर सुनवाई करते हुए श्रीमान न्यायधीश महोदय द्वारा इस संबंध में जवाब
प्रस्तुत करने हेतु होटल सिटी इन् संचालक को नोटिस जारी किया है, अगले माह 30 दिवस के भीतर उन्हें इस संबंध में लिखित रूप में
अपना जवाब प्रस्तुत करना है
होटल संचालकों के द्वारा लगातार
की जा रही मनमानी पर अंकुश करने के लिए यह प्रकरण एक मुहिम साबित हो रहा है जिस पर
पारित होने वाले आदेश जनहित में होने की प्रबल
संभावनाएं हैं इस प्रकरण में आवेदक की ओर से नवयुवक अधिवक्ता
ललित कोटवानी ने
सक्रियता के साथ तार्किक पक्ष
रखा. जिससे संतुष्ट हो कर न्यायलय ने अनावेदक होटल सिटी इन को नोटिस जरी कर जवाब
तलब किया
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