प्रसाद देने का अनोखा ढंग, मुंह में पेड़ा रख भक्तों की हथेली में उगल देती हैं राधे मां

जालंधर/फगवाड़ाः डेरासच्चा सौदा के साथ ही अब राधे मां का मामला सुर्खियों में गया है। फगवाड़ा निवासी समाज सेवक जिला कंज्यूमर फोरम के पूर्व सदस्य सुरिंद्र मित्तल की रिट पटीशन पर सुनवाई करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस दया चौधरी ने कपूरथला पुलिस को कारण बताओ नोटिस जारी कर राधे मां के खिलाफ सुरिंद्र मित्तल की शिकायत पर कार्रवाई किए जाने के संबंध में जवाब मांगा है जिसकी अगली सुनवाई 13 नवंबर को होनी है।

सुरिंद्र मित्तल ने  बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उनकी रिट पटीशन पर जस्टिस एमएस बेदी ने मामले में जाच करके कार्रवाई के आदेश जारी किए थे लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि यह कह दिया कि राधे मां को सम्मन जारी करके बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने पुलिस को लीगल नोटिस भेजा और फरवरी 2017 में रिमाइंडर भेजा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे कोर्ट की शरण में गए और मंगलवार को कपूरथला पुलिस को नोटिस मिला। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस मामले में इंसाफ होगा। सियासी दबाव में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की
मां का प्रसाद देने का तरीका बाकी सभी धर्म गुरुओं से काफी अलग
भक्तों के अनुसार वे किसी को प्रसाद के रूप में कुछ भी दे सकती हैं, जिसमें कपड़े, त्रिशूल, कैश या अन्य चीजें भी हो सकती हैं। भक्त बताते हैं कि वे अपने मुंह में पेड़ा रखकर भक्तों की फैली हुई हथेली में उगल देती हैं, ये प्रसाद उनके भक्तों के लिए सबसे फलदाई प्रसाद होता है। आगे बताया कि उनका ये प्रसाद लेने के लिए लोग लाईन लगाकर इंतजार करते हैं।
भक्त मानते हैं कि राधे मां को गोद में लेने के बाद उनकी किस्मत खुल जाती हैं ये उनके लिए सबसे बड़ा आशीर्वाद होता है। भक्तों दावा है कि राधे मां जब डांस करती हैं तब उनके इस रूप में एक बच्ची का भाव होता है इसलिए भक्त उन्हें गुड़ियादेवी मां कहकर बुलाते हैं। वे गोदी में चड़कर ये बताने की कोशिश करती हैं कि भक्त जिनकी पूजा कर रहे हैं वे उनके साथ हैं। सूत्रों के मुताबिक वे लोगों को पूरा अपनी ओर खींचने के लिए ऐसा करती हैं।
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