पहले बलात्कार – फिर ब्लैकमेलिंग- अब मासूम अब शायद स्पेशल इन्वेस्टीगेशन
टीम गठित करनी पड़े,
मामला है हाई प्रोफाइल ब्लैक मेलिंग का जिसने
जबलपुर में खलबली मचा रखी है,
वर्तमान में सचिन लूथरा के द्वारा इस पूरे
प्रकरण में असल बात को छिपाया जा रहा है कि ऐसा कौन सा विषय है जिसके तहत लकी
सलूजा और उसकी पत्नी के द्वारा ब्लेकमेलिंग करते हुए, वसूली हेतु धमकी दी गई और 20 लाख की वसूली की गयी और बाकी 50 लाख रुपए और फ्लैट की मांग क्यों की गई
डॉ लूथरा ने बनाया कानून को मजाक, दैहिक शोषण करने के बाद बताया खुद को ब्लेकमेलिंग का शिकार
पूरे शहर को स्तब्ध करने वाली घटना, जिस पर
पुलिस के द्वारा ब्लैकमेलिंग के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही कर 2 महिला व एक
पुरुष को कोर्ट में पेश किया गया था, जिस पर महिलाओ को न्यायालय ने तत्काल पर जमानत
प्रदान कर दी, और पुलिस की जांच पर भरोसा करते हुए, न्यायालय ने आरोपी लकी सलूजा को
2 दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा है, इस
प्रकरण में ब्लैकमेलिंग में प्राप्त की गयी 20 लाख की रकम को प्राप्त करने के लिए रिमांड प्राप्त की गयी है, इस रकम की पूरी वसूली कैमरे की निगरानी में नही होगी, ना ही प्राप्त रकम के सम्बन्ध में कोई पुख्ता जानकारी जाहिर होने की सम्भावना है,
दिन-ब-दिन हो रहे हैं नए नए खुलासो से प्रकरण
की वास्तविक्ता संदिघ्ध होती जा रही है, हाल में पत्रकार वार्ता में सचिन लूथरा के द्वारा,
यह आरोप लगाए गए हैं कि लकी सलूजा और उसकी बीवी सिमी सलूजा द्वारा, उन्हें ब्लैकमेल
कर 20 लाख रुपए लिए गए हैं, तथा एक ईको-स्पोर्ट कार जो लकी सलूजा से पुलिस
ने बरामद की है, जो सचिन लूथरा के नाम से पंजीकृत है,
इसके बावजूद ब्लैकमेलर लकी सलूजा के द्वारा
एक फ्लैट की मांग की जा रही है, और 50 लाख रुपए की मांग की जा
रही है, सचिन लूथरा द्वारा पत्रकारों को
दिए गए बयान में यह तथ्य सामने आए हैं कि सचिन लूथरा के द्वारा नताशा को अपनी
पत्नी बताया गया है, यह वही लड़की है जो उनके साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी,
परंतु यह भी सबकी समझ के परे है, कि उस लड़की का नाम आरोपियों की सूची में क्यों
दर्ज किया गया, उसकी ब्लैकमेलिंग के तहत ऐसी कौन सी भूमिका रही है, जिसके चलते उस
पर कानूनी कार्यवाही की जा कर उसे आरोपी बनाया गया,
वर्तमान में लड़की की जमानत हो चुकी है, और
वह इस कार्यवाही से स्तब्ध है, इसी प्रकरण से कोई जवाब देने की स्थिति में नहीं है, सचिन लूथरा
का पहले भी विवाह हो चुका है प्राप्त जानकारी के अनुसार उनको एक बेटा भी है, उनका
पहली बीवी से चल रहा तलाक का प्रकरण, जो कि न्यायालय से रद्द हो चुका है उसके बावजूद
उनके द्वारा पत्रकार वार्ता में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही लड़की को अपनी पत्नी
बताया गया है यह एक अलग कार्यवाही का विषय है,
प्रकरण में पुलिस थाना ओमती में उपस्थित सभी
पक्षों के सामने बिना किसी संपुष्ट विवेचना के नताशा को आरोपी बनाया गया, आज डॉ. लूथरा
के द्वारा यह बयान दिया गया है नताशा उनकी बीवी है, फिर ऍफ़. आई. आर. दर्ज करते समय
डॉ लूथरा के द्वारा नताशा का नाम क्यों दर्ज कराया गया,
ब्लैकमेंलिंग में इस प्रकरण में 20 लाख रुपए
का लेन देन सचिन लूथरा और लकी सलूजा के मध्य कब कैसे किया गया, डॉ लूथरा के द्वारा इसका कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं कराया गया है फिर पुलिस कहा से कैसे यह वसूली करेगी,
जानकारी में यह भी प्राप्त हुआ है कि सचिन
लूथरा ने पुलिस को 5 लाख रूपय दे कर, यह FIR दर्ज कराई है और अपने पक्ष
में कार्यवाही करने हेतु संबंधों के माध्यम से दबाव बनाया है पुलिस के द्वारा सभी
आरोपियों को जब न्यायालय में पेश किया गया था, तब वहां पर शिकायतकर्ता भी मौजूद थे,
जिनके द्वारा किसी प्रकार की कोई आपत्ति
वहां पर प्रस्तुत नहीं की गई,
संभावनाएं इस प्रकरणों को कहीं और ले जाती है, इस तरह की संभावनाओं को
नकारा नहीं जा सकता कि लिविंग रिलेशनशिप में वह रही युवती के द्वारा सचिन लूथरा से
शादी का दबाव बनाया गया होगा क्योंकि सचिन लूथरा का पहली बीवी से तलाक का मामला
न्यायालय में लंबित था, जिसका आश्वासन देते हुए लूथरा ने इस युवती को शादी का
झांसा देकर लिविंग रिलेशनशिप में वर्तमान में संबंध बनाए और आज वर्तमान में सचिन
लूथरा और उसकी पहली पत्नी के चल रहे तलाक के प्रकरण पर किसी प्रकार का सकारात्मक
नतीजा नहीं आने पर उनके द्वारा इस युवती
को शादी करने से मना कर दिया गया होगा, जिस पर इस युवती के द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय
के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सचिन लूथरा के विरुद्ध दैहिक शोषण करने और शादी का
झांसा देकर बलात्कार करने का आरोप लगाते हुए आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिस पर कार्यवाही
लंबित है यह प्रकरण भी थाना प्रभारी ओमती के अंतर्गत कार्यवाही को लंबित है, युवती ने आरोप लगाया है की डॉ लूथरा युवती को बरेला स्तिथ फार्म हाउस ले जाया करते थे, निश्चित रूप से युवती के द्वारा की गयी शिकायत को दबाने हेतु डॉ लूथरा द्वारा बड़ी सक्रियता के साथ पहले थाने में उसका नाम बतौर आरोपी दर्ज कराया गया, प्रकरण में डॉ लूथरा के द्वारा दिए गए बयान क्रम में नही है, ना ही वे ये बताने की स्थिति में है है बीवी के रहते लिविन रिलेशनशिप में नताशा का होना और फिर उसका कार्यवाही में नाम होना कैसे इस ब्लैक मेलिंग के प्रकरण को अंतिम दिशा देगा.
युवती के द्वारा गिरफ्तारी के समय पुलिस थाना
प्रभारी को उन सभी शिकायतों से अवगत कराया गया, जिसमे सचिन लूथरा ने उसके साथ शादी
का झांसा देकर लिव-इन रिलेशनशिप में दैहिक शोषण किये जाने की शिकायत पुलिस अधीक्षक के समक्ष
प्रस्तुत होना बताया है, जिस पर
कार्यवाही लंबित है, जो की अंतर्गत थाना ओमती है, यह समझ से परे है कि
किस प्रकार थाना प्रभारी ने बड़ी चतुराई के साथ इस प्रकरण को नई दिशा देते हुए
तत्काल प्रभाव से सभी आरोपियों को बिना किसी संपुष्ट विवेचना के गिरफ्तार किया और
न्यायालय में पेश कर दिया, थाने में प्राप्त शिकायत आवेदन पर नियमानुसार की जा रही
प्रक्रिया का पूर्ण अभिलेखन, संधारित अभिलेखों में क्रमानुसार दर्ज होगा जिनका अवलोकन
करने उपरान्त ही सच सामने आ पायेगा,
पर इस
प्रकरण की संदिघ्द्ता ने पूरी आम जनता को की जा चुकी कार्यवाही से इतना झकझोर दिया
है, कि लोकसेवकों पर उनको निष्पादित कार्यों के प्रति सत्यनिष्ठा को कटघरे में खड़ा
कर दिया है, लोकसेवको को प्रदत्त अधिकारों के दुरूपयोग का यह मामला पहला नही है, कुछ लापरवाहियाँ हो जाती है, कुछ कर दी जाती है, इससे किसी लोक सेवक की पदावनति नही होती. आवेदक न्याय को मोहताज जरुर रह जाता है.
ASSTT EDITOR :- JITAINDRA MAKHIEJA