BJP के
शासन में अव्वल पहल :- नेता मौन
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आम जनता को नही हो पाती जानकारी इस तरह के भ्रष्टाचार की, जिसका फायदा उठाते है. ये अधिकारी
आम जनता को नही हो पाती जानकारी इस तरह के भ्रष्टाचार की, जिसका फायदा उठाते है. ये अधिकारी
पैसा
दो न्याय लो, वाणिज्यिक कर विभाग जबलपुर
में बिना लेनदेन के कोई काम नही
M.P. COMMERCIAL TAX OFFICE, JABALPUR
खुल
कर ट्रांसपोर्टर ढो रहे बिना बिल का लोहा और परचून, उड़न
दस्ता सो रहा विभाग में
कई
प्रकरणों के आगत कर दावों सम्बंधित मामलो में न्यूज़ विजन की जांच जारी है
जल्दी बड़ा खुलासा होगा, कईयों पर गिरेगी विभागीय
जांच की गाज. कई बड़े व्यापारीयो को लाभ पहुँचाने वाले कई अधिकारी जांच में होंगे
बेनकाब
जिस
अपीलीय अधिकारी को खुद के विभाग का रिकॉर्ड मेंटेन नहीं करते आता उसको दी गई है
जिम्मेदारी व्यापारियों के रिकॉर्ड चेक करने की
वैट
एक्ट में सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत प्रकरण को न्यायालय में न्याय हेतु दायर
नही किया जा सकता, इनका एक प्रथक ट्रिब्यूनल है, जहा पर न्याय हेतु भ्रष्ट अधिकारियो के द्वारा पारित आदेश में
आरोपित कर का 25 प्रतिशत जमा कर के ही जाया जा सकता है, बस यही भ्रष्टाचारियो की आय का स्त्रोत है , CM
HELPLINE योजना की तो खुद इन अधिकारियो ने तो अच्छी खासी
दुर्गती कर रखी है,
एक
मामला है
केम्तानी बिल्डर्स द्वारा दायर अपील आवेदन का, जिसको
अपीलीय उपायुक्त ओ पी वर्मा उर्फ ओमप्रकाश ने
ख़ारिज कर दिया, पारित आदेश इतना बचकाना है की शेष अपीलार्थियो
को मार्गदर्शी सन्देश मिल जाता है की इस विभाग में बिना लेन देन के कोई राहत
नही मिलने वाली.
बिल्डर
केम्तानी के द्वारा वर्ष 13-14 की विवरणी प्रस्तुत कर जबलपुर की एक फर्म फ्रंट
स्टेट कॉर्पोरेट द्वारा भरी गयी विवरणी पर आगत कर दावा अपील आवेदन में मान्य करने
हेतु प्रार्थना की गयी थी, वाणिज्यिक कर अधिकारी
वृत्त 2 के द्वारा उनका दावा निरस्त किया गया था, जिसकी
अपील बिल्डर के द्वारा अपील उपायुक्त ओ पी वर्मा उर्फ ओमप्रकाश के समक्ष
प्रस्तुत की , इसी दौरान कुछ ऐसे भी मामले सामने आये है जिनमे इन्ही ओ. पी. वर्मा उर्फ ओमप्रकाश अधिकारी ने
मिलते जुलते एक समान प्रकरण पर आगत कर दावा मान्य किया है, विक्रेता
फर्म फ्रंट स्टेट का पंजीयन भी लेनदेन न होने से बिना सुनवाई के
निरस्त किया गया था, बिल्डर के द्वारा किया गया
क्रय वैट एक्ट के नियम अंतर्गत सही है ओमप्रकाश से एक कार्यक्षेत्र का कार्य नियमित रूप किया किया नहीं जा पा रहा है और
अन्य संभागो का चार्ज भी इन्ही के पास है
अपील
उपायुक्त ने जो आदेश दिया है, उसमे वे खुद
लिख रहे है की फ्रंट स्टेट का पंजीयन निरस्तीकरण 30-10-2013 को किया गया है, फ्रंट स्टेट व्यवसायी ने ऑनलाइन विवरण भी प्रस्तुत किये है, और अपीलीय उपायुक्त ओ पे वर्मा ने बिल्डर का आगत कर दावा यह कहते हुए
अमान्य कर दिया,की फ्रंट स्टेट ने विवरण परा जमा नही किये, अरे
साहब विभाग आपका है ऑनलाइन रिकॉर्ड तो चेक कर लेते. कुछ
यही परेशानी जी एस टी को लेके सामने आयी है कंप्यूटर पर काम करते अधिकारी को नही
आता या बिना लिए वो काम नही करता, अनावश्यक
व्यापारी परेशान हो रहा है, और ओमप्रकश
वर्मा का ऐसा कार्यालय है जहा
सभी आदेश MPCTD की वेबसाइट से हट के मन मुताबिक आदेश पारित
किये जाते है, व् मैन्युअल किये जाते है जिनका समय सीमा और
न्याय से कोई वास्ता नहीं है,
इस
प्रकरण में साफ़ झलक रहा है, की बिना
पैसे लिए ओ. पी. वर्मा उर्फ ओमप्रकाश कोई काम नही करते, इनके द्वारा अपील कार्यालय में कोई आने जाने वाले केस के रिकॉर्ड भी
मेंटेन नही किये जाते, न्यूज़ विजन की ओर से इस अपीलीय
अधिकारी की योग्यता अनुसार काम देने हेतु आयुक्त कार्यालय प्रमुख सचिव राज्य कर को
पत्र लिखा गया है, बतौर लोक सूचन अधिकारी ओ पी वर्मा
अपने कार्यालय में मेंटेन करने वाले रिकॉर्ड को सूचना अधिकार में किसी को नही देते,
जहा उनकी लापरवाही और मनमानी की पोल खुलने का डर बना रहता है,
अपीलीय उपायुक्त ओपी वर्मा उर्फ ओमप्रकाश ने विभागीय कार्यों को निष्पादित करने हेतु अपनी क्षमता और योग्यता के आधार पर नवीन कार्य प्रणालियों के तहत कार्य का बोझ कम किया है उनके कार्य करने के सलीके आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा के स्त्रोत रहेंगे
अपील
कार्यालय में इस तरह की घटिया कार्यप्रणाली से सैकड़ो केस बेवजह अपील बोर्ड और
न्यायालय के पाले में अनावश्यक जा रहे, वाणिज्यिक
कर विभाग की उड़न दस्ता / एंटी इवेजन विंग
/ AEB की सक्रियता हमेशा से संदिध्ग्द
रही है, इस टीम के द्वारा कभी सडको पर गश्त नही की जाती, इस टीम का निर्धारण क्यों हुआ है सब जानते है, यह टीम विभाग का ऐसा हिस्सा है जो सिर्फ वसूली
का कार्य करता है, न्यूज़ विजन के द्वारा इस उड़न दस्ता टीम को
सक्रीय रूप से कर चोरो पर कार्यवाही के लिए आवेदन भी दिया गया है, जिस पर कोई कार्यवाही नही की गयी, ना ही किसी
अधिकारी को विभाग को रहे करोडो के रोज नुक्सान की कोई फ़िक्र है, खुल
कर ट्रांसपोर्टर ढो रहे बिना बिल का लोहा और परचून, उड़न दस्ता सो रहा विभाग में, क्योकि सामान्य प्रशासन विभाग ने AEB / उड़न दस्ता की
कार्यवाही को साझा नही करने के लिए छूट देके रखी है, एक
और अपील कार्यालय में मनमाने तरीके से किये जा रहे कार्यो से आम व्यापारी अनावश्यक
परेशान हो रहे,
MPCTD की वेबसाइट पे Dealer's
Rights and Obligations व्यापारी के अधिकारों के बारे में लेख अपलोड है, ये वो अधिकार है जो कभी
व्यापारी के हुए नहीं