न्यूज़ विज़न ने डॉ.
सारंग पंडित से बात की और अच्छी नींद के टिप्स लिए और नींद ना आने की बिमारी को
समझा
विश्व नींद दिवस है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों
को नींद की महत्ता बताने और नींद की कमी को दूर करना है। एक शोध में यह बात सामने
आई है कि भारत में 20.3 प्रतिशत रोगी डॉक्टरों से नींद
की गोलियां लिखने को कहते हैं। इस चीज से ये अनुमान लगाया जा सकता है कि लोगों में
नकितनी नींद की कमी है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद जरूरी है, लेकिन एक सर्वेक्षण में पता चला है कि दुनियाभर में 10 करोड़ लोग स्लीप एप्निआ यानी अच्छी नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं।
इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक लोग तो इस बीमारी से ही अनजान हैं
और 30 प्रतिशत लोग नींद लेते भी हैं तो उसे नियमित नहीं बना
पाते हैं।
भारत में भी 66 प्रतिषत लोग
अच्छी नींद नहीं ले पा रहे हैं। ये मानते हैं कि नींद से ज्यादा एक्सरसाइज उनकी
प्राथमिकता है। खराब नींद लेने वाले भारतीयों में से 32
प्रतिषत लोग गैजेट्स, अन्य टेक्नोलॉजी के ज्यादा इस्तेमाल को,
तो 19 प्रतिषत लोग काम के अनियमित समय (शिफ्ट
वर्क स्लीप डिसऑर्डर) को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं। विश्व नींद दिवस पर
स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी कंपनी फिलिप्स इंडिया ने 13 देशों के
15 हजार से ज्यादा लोगों पर सर्वे किया। ये सभी लोग 18 साल से ज्यादा के थे। सभी से उनकी सोने की आदतों से जुड़े सवाल किए गए।
उनके जवाबों के आधार पर नतीजे तैयार किए गए।
डॉ. सिराज़ खान की स्पेशल रिपोर्ट
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