थाना अंतर्गत नगर में रहने वाले रघु और फिर रघुनाथ ने अपने खेत में सिंचाई के लिए पंप लगाया था जिसकी तार जमीन के नीचे से ले जाकर अपने खेत में पंप फिट किया था उस खेत की तार एक नाले से होकर के भी गुजरती थी दोपहर के समय वहां पर बहस करते हुए आ गई जिसका पैर उस तार पर पड़ा और तार टूटकर पानी में आ गई करंट लगने से भैंस तड़प कर मर गई और जिसकी भैंस थी वह मालिक उसे ढूंढते हुए रघुनाथ के पास पहुंचा रघुनाथ ने उसे जानकारी दी कि तेरी भैंस नाले में गिरकर मर गई है बस इसी की तफ्तीश की गई थाने में रिपोर्ट की गई आजू बाजू वालों से पूछा गया जानकारी प्राप्त की गई और 429 भारतीय दंड विधान की धारा के तहत प्रकरण कायम किया गया और रघु और फिर रघुनाथ को आरोपी बनाया जा कर चला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जहां पर आज न्यायालय के न्यायाधीश श्रीमान आशीष ताम्रकार के द्वारा आरोपी रघु ऑफ रघुनाथ को न्यायालय के उठने तक की सजा दी और ₹8000 जुर्माने से दंडित किया रघु रघु नाथ का जुर्माना अदा नहीं करता है तो उसे 2 महीने की सजा भुगतनी पड़ेगी