नई दिल्ली: राफेल सौदे #RafaleDeal को लेकर फ्रांस की
खोजी खबरों की वेबसाइट 'मीडियापार्ट' के
नये खुलासे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi on Rafale
Deal) ने एक बार फिर से राफेल मामले पर मोदी सरकार को घेरने की
कोशिश की है. मोदी सरकार पर ताजा हमला कर राहुल गांधी ने कहा कि पता नहीं कि
फ्रांस में क्या इमरजेंसी है कि रक्षामंत्री को तुरंत फ्रांस जाना पड़ता है. राहुल
गांधी ने कहा कि अंबानी के प्रधानमंत्री ने अनिल अंबानी के जेब में करोड़ों रुपये
दिये. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 30 हजार करोड़ रुपये अनिल अंबानी की जेब में डाला है. राहुल गांधी ने कहा कि
पहले फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति और अब राफेल के सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव और साफ कह
दिया है कि राफेल सौदे के बदले दसॉल्ट को रिलायंस से डील करने को कहा गया.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि फ्रांस्वा ओलांद के बाद अब अधिकारी का बयान आ गया
है कि डील के लिए अनिल अंबनी की रिलायंस को जोड़ना पड़ा. उन्होंने कहा कि पहले
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि
अनिल अंबानी जी को राफेल का कांट्रैक्ट मिलना चाहिए. अब राफेल कंपनी के सीनियर
एक्ज़ीक्यूटिव और साफ कह दिया है कि राफेल सौदे के बदले दसॉल्ट को रिलायंस से डील
करने को कहा गया. उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी के चौकीदार हैं प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी. यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार का मामला है और भारत के प्रधानमंत्री
भ्रष्ट हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि अनिल
अंबानी जी 45000 करोड़ रुपये के कर्जे में
हैं. 10 दिन पहले कंपनी खोली और प्रधानमंत्री जी ने 30,000 करोड़ रुपया हिन्दुस्तान की जनता का पैसा, एयरफोर्स
का पैसा अनिल अंबानी की जेब में डाला है. राहुल गांधी ने कहा कि ऐसे आरोप लग रहे
हैं कि भारत के प्रधानमत्री भ्रष्ट हैं तो इस पर पीएम को जवाब देना चाहिए. अगर वह
ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी दूसरे
संदर्भ में और भी सूचनाएं आएंगी. उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया पर भी दबाव बनाया
जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मैं देश के
युवाओं से कहना चाहता हूं कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री भ्रष्ट हैं. युवा रोजगार
खोज रहे हैं और प्रधानमंत्री जी अनिल अंबानी जी की चौकीदारी कर रहे हैं. राहुल
गांधी ने आगे कहा कि देश में मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार का है और प्रधानमंत्री जी इस
पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. यह भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का सीधा
मामला है.
दरअसल, राफेल सौदे को लेकर फ्रांस की
खोजी खबरों की वेबसाइट 'मीडियापार्ट' ने
नया खुलासा किया है. 'मीडियापार्ट' वेबसाइट
ने अपने हाथ लगे दसॉल्ट के एक दस्तावेज के हवाले से दावा किया है कि राफेल सौदे के
बदले दसॉल्ट को रिलायंस से डील करने को कहा गया.
इससे पहले मीडिया पार्ट को
दिए इंटरव्यू में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने खुलासा किया था
कि किस तरह रिलायंस को पार्टनर बनाने के लिए फ्रांस की सरकार को भारत सरकार ने कहा
था.गौरतलब है कि तब दसॉल्ट ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा था राफेल सौदा दो सरकारों
के बीच हुआ है. लेकिन नए खुलासे ने इस दावे पर सवाल खड़ा कर दिया है और एक तरह से
यह ओलांद के दावे की पुष्टि करता है.
मीडियापार्ट के अनुसार राफेल
लड़ाकू विमान बनाने वाली कम्पनी दसॉल्ट के एक आंतरिक दस्तावेज के मुताबिक भारत से 36 राफेल विमान सौदे में अनिल
अम्बानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को भारत में आफसेट पार्टनर बनाना आवश्यक था.
मीडियापार्ट ने अपने लेख में
कहा है कि दसॉल्ट के दस्तावेज में रिलायंस को आफसेट पार्टनर बनाने के लिए फ्रेंच शब्द 'contrepartie'
का उपयोग किया. इस शब्द का अंग्रेजी में अर्थ "counterpart"
है.
Source: NDTV India
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