मतदान की रूचि नष्ट करता है पार्टियों का मनमाना प्रत्याशी थोपन कार्यक्रम


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   मतदान की रूचि नष्ट करता है पार्टियों का मनमाना प्रत्याशी थोपन कार्यक्रम

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा तीसरी वैकल्पिक जनहित में सक्रिय कोई अन्य पार्टी उपलब्ध नहीं होने के कारण एक बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है, जिसने आज बड़ा प्रतिशत कम कर दिया है, 6 बजे तक 69% मतदान हो पाया है,   

आज के विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 में कुछ ऐसे ही समीकरण बने थे,  दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी ने तीसरे विकल्प के स्वरूप में जनता के सामने राजनैतिक पार्टी के रूप में कदम रखा था और चुनावों में धूल चटाई थी भाजपा और कांग्रेस को

इसी प्रकार से कोई ठोस बहुचर्चित तीसरा विकल्प मध्य प्रदेश में नहीं होने के कारण भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने कई पुराने असक्रिय विधायक रिपीट किए कांग्रेस ने भी इसी कार्यप्रणाली पर काम किया,  कई तो अपनी ही पार्टी से कट के निर्दलीय नामांकित हुए, ऐसे में उलझी जनता ई वी एम् मशीन में चुनाव चिन्ह ढूंढती रह जाती है,

राजनैतिक दलों का इनडायरेक्ट यही कहना है, हमारा प्रत्याशी यही है, जनता की मर्जी से नही चुना जाता, यह अधिकार को पार्टी के पास भी नही, पार्टी के बाहुबली यह निधारित करते है, कौन कहा से होएगा प्रत्याशी,  

जनता की पसंद से दूर, वर्तमान भूगोलिक पर्स्तिथियो से मेल खता, तीसरा विकल्प किसी मजबूत चुनाव चिन्ह वाला राजनैतिक दल जो प्रख्यात रूप में मध्यप्रदेश में उपलब्ध नहीं था,  जिसके कारण मतदान का प्रतिशत में भारी गिरावट दर्ज हो रही है.

 एक अटल सत्य :- जनता से नेता कभी बात नही करता 

69% लगभग रहा मतदान का प्रतिशत 


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