सिंधी व्यापारी पर जानलेवा हमला पुलिस ने दर्ज की औपचारिक F.I.R थाना घमापुर जबलपुर, गिरफ्तारियां शेष - News Vision India

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सिंधी व्यापारी पर जानलेवा हमला पुलिस ने दर्ज की औपचारिक F.I.R थाना घमापुर जबलपुर, गिरफ्तारियां शेष


सिंधी समाज जबलपुर के एक व्यापारी वर्ग के सीधे साधे लोगों पर आज अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों ने घात लगाकर हमला किया यह हमला बेसबॉल लाठी रोड और चाकू से किया गया था जैसे तैसे पिता और पुत्र अपनी जान बचाने में सफल रहे और मौका ए वारदात से भाग निकले यह घटना है घमापुर थाना अंतर्गत बरऊ मोहल्ले की जहां पर रहने वाले आकाश रामचंदानी और उसके पिता खाना खाने के बाद अच्छी कानून व्यवस्था के ढकोसला में टहलने निकले थे और उन पर घात लगाकर लोकल स्थानीय अपराधियों ने हमला कर दिया





घायल पिता-पुत्र ने अपने बयान में बताया कि यह अपराधी वहां पर जुआ खिलाते हैं शराब बेचते हैं और मोहल्ले पर दबाव बना कर रखते हैं पूरे मोहल्ले में आतंक मचा कर रखा है इन लोगों ने पुलिस का संरक्षण है कहीं ना कहीं प्राप्त है जिसके चलते रोजाना होने वाली गश्त का भी असर इन पर नहीं हो रहा है


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फिलहाल घमापुर पुलिस ने औपचारिक F.I.R. दर्ज कर दी है जिसमें हथियार जप्त होना शेष है विक्टोरिया हॉस्पिटल से इनका मुलाहिजा हो चुका है यह हमले व जानलेवा हमला था जिसमें पीड़ित पक्ष को सर पर गंभीर  चोट आई है जिससे उसकी जान भी जा सकती थी, PARALYSIS - कोमा जैसी अपूर्णीय क्षति परिवार को झेलनी पड़ सकती थी, 



थाना घमापुर के अंदर ही पिछली दफा वही के लोकल गुंडों ने भूषण गोस्वामी की दुकान पर हमला किया था जिसका वीडियो फुटेज सीसीटीवी कैमरे में आ गया था जिस पर काफी किरकिरी जिम्मेदारों को झेलनी पड़ी थी
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एक ऐसा ही मामला ओमती थाने का और भी था जिसमें एक आवेदक ने खुद को आग लगाने का प्रयास भी किया था क्योंकि एफ आई आर दर्ज नहीं की जा रही थी


मामले में एक और प्रकरण बड़ा ही अनोखा है जिसमें आप देखेंगे थाना प्रभारी ओमती नीरज वर्मा के विरुद्ध माननीय न्यायाधीश जिला जबलपुर श्रीमान आनंद जाम्भुलकर के द्वारा थाना प्रभारी ओमती नीरज वर्मा के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए थे, जिनका पालन इनके द्वारा आज तक नहीं किया गया है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी की क्या हैसियत है यहां पर न्यायालय के आदेश का पालन समय पर नहीं होता है टेक्निकल माध्यम से उसे घुमा दिया जाता है,  नीरज वर्मा के खिलाफ अभी भी वरिष्ठ कार्यालय में जांच चल रही है जिसमें अनुशासनिक कार्यवाही हेतु मामले लंबित हैं, जिनसे  यह प्रतीत होता है कि एफ आई आर दर्ज करना और नहीं करना , इनके अधिकारों का पुरजोर  दुरुपयोग करने का पावर उनके पास पूरे तरीके से सुरक्षित है फिर चाहे एक सामान्य आवेदक का आवेदन हो या  न्यायालय का आदेश, 



शहर में प्रशासन ने हमें एक आईपीएस अधिकारी अमित सिंह सौंपा है जिनके किस्से हम रोजाना अखबारों में देखते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि सिंधी समाज के सभ्य व्यापारियों पर हो रहे हमलों के संबंध में वे कड़ी कार्यवाही करेंगे यह कोई पहला हमला नहीं था कुछ ही महीने पूर्व थाना ओमती के अंतर्गत संजय मंगतानी पर हमला हुआ था जिसके आरोपी आज भी अज्ञात है पुलिस इन्हें पकड़ने में नाकाम साबित हुई है जिसको लेकर के सिंधी समाज में काफी आक्रोश था उनके द्वारा मौन जुलूस निकालकर पुलिस प्रशासन की खस्ता व्यवस्था का विरोध प्रदर्शन किया गया था परंतु आज तक कोई कार्यवाही नहीं होने से सामाजिक स्तर पर इस कानून व्यवस्था से अच्छा खासा असंतोष व्याप्त है

बड़ा ही विचारणीय बिंदु है, अगर समाज ही सुखी नहीं है समाज ही सुरक्षित नहीं है आम आदमी सुरक्षित नहीं है तो ऐसे आईपीएस और आईएएस जैसे  काबिल लोगों के मॉनिटरिंग सिस्टम में मुख्यधारा में पदस्थ होने का कोई सार प्रतीत नहीं होता

इस पूरे सिस्टम में न्याय प्राप्त करने के लिए आवेदन पर आवेदन लगाने की एक प्रक्रिया है जिस पर न्याय प्राप्त करने में आम आदमी को उम्र बीत जाती है और अंततः वह मर जाता है और उसे न्याय नहीं मिलता है वह अपील पर अपील करता रह जाता है और यह सेवाओं का अनुक्रम अगर इसी तरह चलता रहा तो आम आदमी कभी अपने बच्चों को यूपीएससी का एग्जाम देने के लिए कभी नहीं बोलेगा क्योंकि काबिलियत के इस शिखर पर पहुंचने के बाद भी अगर वह कुछ समाज के लिए करने की स्थिति में नहीं रहता है तो ऐसे काबिल इंसान की समाज में कोई आवश्यकता नहीं होती

वैसे तो मुखबिर की सूचना पर कई अपराधी पकड़े जाते हैं और पुलिस कॉन्फ्रेंस की जां कर उनका चेहरा दिखाया जाता है परंतु इस मामले में अभी तक न कोई मुखबिर मिला है ना कोई सूचना, अब इस घटना पर हम उम्मीद करते हैं शहर के एसपी अमित सिंह से कि वह इस पर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और FIR NO 237/2019 THANA OMTI &  इस घटना के जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करके समाज को वाकिफ कराएंगे


FIR 237/2019 में कार्यवाही हेतु ज्ञापन देने आया सिन्धी समाज , कार्यालय एसपी जबलपुर श्री अमित सिंह के पास , बड़ा ही विरले दुर्भाग्यपूर्ण दृश्य-माहौल है, लोक सेवक से लोक नागिरक न्याय की अपेक्षा में मोहताज है, एक याचक के रूप में निवेदन कर रहा है, और उसे न्याय नहीं मिल पा रहा, जहां पर मानव अधिकार  और संविधान  कहां तक सुरक्षित है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है