STATE BAR चुनाव पर लगा स्टे :- सुप्रीम कोर्ट - News Vision India

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STATE BAR चुनाव पर लगा स्टे :- सुप्रीम कोर्ट

STATE BAR COUNCIL OF MP


चुनावी प्रपंचो में उलझे नए अधिवाक्ताओ में उपजा रोष का माहौल, जिसमे पारदर्शिता और निष्पक्षता को अहम मानते हुए मान सर्वोच्च न्यायालय ने स्टे प्रदान कर राहत दीअब चुनावी प्रक्रियाओ में सुधार की अपेक्षा में सभी अधिवक्ता, गर समय पर नियमो को संकलित नही किया गया तो, स्टे की अवधी बढ़ भी सकती है,

जबलपुर- मप्र स्टेट बार काउंसिल के चुनाव पर रोक ..;-  सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ़्ते के लिए लगाई रोक .. SC ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया (BCI )से माँगा जवाब ..स्टेट बार काउंसिल ने लगाई थी याचिका ..BCI द्वारा चुनाव संचालन में दखल के खिलाफ दायर की थी याचिका.. BCI ने स्टेट बार के चुनाव खुद करवाने जारी किया था पत्र..आदेश के ख़िलाफ़ स्टेट बार काउंसिल ने लगाई है याचिका,  2 दिसम्बर को होने थे एमपी स्टेट बार काउंसिल के चुनाव।

एडवोकेट्स एक्ट की धारा 8A के अंतर्गत यदि समय पर चुनाव नहीं कराए जाते हैं तो बार कौंसिल ऑफ इंडिया को स्पेशल समिति बनाने का अधिकार हैइसी धारा के अंतर्गत बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव में निष्पक्ष चुनाव संपन्न किए जाने को दृष्टिगत रखते हुए हस्तक्षेप किया था, जिसको स्टेट बार काउंसिल की सक्रिय बॉडी के द्वारा इग्नोर किया गया था, इसी के चलते मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के बीच में माहौल गरम हो गया था, जिस पर उत्पन्न  प्रतिकूल स्थितियों पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर कर निष्पक्ष चुनाव संपन्न करने के लिए स्टे चाहा था, जो उन्हें प्राप्त हो गया, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दो हफ्तों के लिए इस चुनाव को टाल दिया गया है, इसी बीच निष्पक्षता को दृष्टिगत रखते हुए सभी संसाधनों का इंस्टॉलेशन किया जाएगा ताकि अधिवक्ताओं के हित में पारदर्शिता के साथ चुनाव संपन्न हो सकें

अधिवक्ताओं में इस आदेश के प्रति काफी पॉजिटिव उत्साह है, सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे संदेशों से जो परिस्थितियां इंद्राज होती हैं की नए अधिवक्ताओं को इलेक्शन में मौका मिले सभी अधिवक्ताओं की ऐसी मांग है, अधिवक्ता हित में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो तथा स्टेट बार काउंसिल ऑफ एमपी की तरफ से अधिवक्ताओं के सुरक्षा और हित संबंधी विषयों पर नवीन योजनाएं लागू की जा सके, यह अभी प्रयास तभी संभव है जब जाये उर्जावान अधिवाक्ताओ को निर्णायक बैठको में शामिल होने का मौका मिलेगा, इसी विषय पर ने अधिवाक्ताओ में काफी उत्साह है