अर्नब गोस्वामी के आवेदन पर ज्ञात कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ F.I.R. दर्ज, पुलिस ने मामले को टहलाने की कोशिश की : अर्नब - News Vision India

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अर्नब गोस्वामी के आवेदन पर ज्ञात कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ F.I.R. दर्ज, पुलिस ने मामले को टहलाने की कोशिश की : अर्नब


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अर्नब गोस्वामी के आवेदन पर  ज्ञात कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ F.I.R. दर्जपुलिस ने मामले को टहलाने की कोशिश की : अर्नब  

अर्नब गोस्वामी अपने स्टूडियो से घर की ओर जा रहे थे 12:15 बजेरास्ते में बाइक सवारों के द्वारा उन्हें रोका गया और उनके कार के शीशे को तोड़ने का प्रयास किया गया, जब शीशा नहीं टूटा तो उनके द्वारा एक बोतल में रखा पदार्थ, उन पर फेंका गया, यह प्रयास करीबन 2 बार किया गया, अपनी कार को नियंत्रित करते हुए वहां से अर्नब गोस्वामी निकलने में सफल रहे, अपने घर की पार्किंग में पहुंचकर अपने बॉडीगार्ड और घटनास्थल पर पहुंच चुके पुलिस टीम से उन्होंने संपर्क किया, साथ ही उन्होंने अपने एक मित्र का भी सहयोग लिया, पुलिस के द्वारा की जा रही कार्यवाही पर एवं मौके पर नजर रखने के लिए कहा, जहां पर हो चुके घटनाक्रम के अनुसार युवक कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाए जाने की बातें सामने आ रही हैं, जिससे यह प्रतीत  हो रहा था कि,    कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अनुयायी युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं नेपालघर महाराष्ट्र में हो चुकी घटना पर डायरेक्ट सोनिया गांधी से किए गए अर्नब  के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब मेंइन कार्यकर्ताओं के द्वारा डराने धमकाने की नियत से यह प्रयास किए गए हो,  

अरुण ने बताया कि वह और उनकी पत्नी लगभग 20 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे हैं, और सोनिया गांधी के द्वारा या उनके कार्यकर्ताओं के द्वारा किए गए इस कृत्य से वे लोग डरने वाले नहीं हैं, और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही  करेंगे,  

अलका लांबा कांग्रेस नेत्री के द्वारा युवक कांग्रेस जिंदाबाद के नारे को ट्विटर पर पोस्ट किया गया है, यह पोस्ट अर्नब  के साथ की गई मारपीट के बाद किया गया है, जो एक खुशी के इजहार के रूप में व्यक्त किया गया है

अर्नब ने अपने आवेदन में बताया है कि मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने बताया था कि कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं, जिनके द्वारा आपके न्यूज़ प्रसारण के विरोध में इस घटना को अंजाम दिया जाना प्रतीत हो रहा  है, और अर्नब के घर पर, क्षेत्र के डीसीपी उपस्थित हुए थे और उन्होंने उन्हें  जांच के उपरांत मामला कायम करने की बात कही, तकरीबन 3:30 बजे अर्णब गोस्वामी f.i.r. रजिस्टर कराने के लिए पहुंचे, जहां पर पुलिस का रवैया देखकर बड़ी हैरानी हुई, थाने में उपस्थित डीसीपी के द्वारा, ऐसा कहा गया कि जिन लोगों ने  हमला करने का प्रयास किया था वह लोग कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रतीत नहीं हो रहे हैं, यह मामला जांच का है, और जांच करने के उपरांत ही कुछ स्पष्ट कायमी नामजद लोगों के विरुद्ध की जा सकेगीइस बात को सुनकर अर्नब गोस्वामी बड़े हैरत थे,

परंतु मौके पर प्राप्त सीसीटीवी फुटेज वीडियोस के अनुसार 2 कांग्रेसी लोगों के नाम सामने आए हैं, जिसमें प्रतीक कुमार श्यामसुंदर मिश्रा और अरुण दिलीप बर्डे का नाम स्पष्ट हुआ है, अब यह लोग कांग्रेसी कार्यकर्ता है या नहीं यह तो इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर की कलम तय करेगी, इन लोगों का कोई अपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं यह भी पुलिस ही बता सकती है, और पुलिस फिलहाल सोनिया गांधी के अंतर्गत आने वाले विधायकों के अधीन है, इस मामले में सच्चाई उभरकर निकलकर आएगी यह एक कोरी कल्पना भी साबित हो सकती है, इस मामले में लोगों की गिरफ्तारियां होंगी यह भी एक पहेली साबित हो सकता है, 

परंतु यह सत्य से नकारा नहीं जा सकता कि राजनीति का अधिकार पाने के लिए नेता कुछ भी कर लेते हैं, एक बार उन्हें अधिकार मिल जाए तो उसके बाद वह कुछ भी करते हैं. इसलिए जनता को बहुत सोच समझकर वोट देना चाहिए. परंतु जनता के पास इसके अलावा कोई और दूसरा रास्ता भी नहीं है दिल्ली में तो आम आदमी पार्टी एक तीसरे विकल्प के रूप में सामने आई थी यह विकल्प दिल्ली के अलावा किसी और प्रदेश में सफल नहीं हो पाया है या यूं कहा जाए कि आम आदमी पार्टी दूसरे राज्यों में अपना वर्चस्व बनाने में असफल रही है. अन्यथा  राजनीति ने अन्य कई प्रदेशों के नक्शे बदल दिए होते

फिलहाल पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने की औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है कई मामले   अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए हैं इस सच्चाई को खोलने में थोड़ा समय लग सकता है

अभिव्यक्ति की आजादी पर बैन लगाने का कांग्रेस का यह प्रयास, इमरजेंसी के दौर की याद दिलाता है, फिलहाल तो सरकार प्रभाव में नहीं है, अगर होती तो इसके परिणाम कुछ और भी हो सकते थे, यह घटना का साइज कुछ और भी बड़ा हो जाता……….