शराब की दुकान कब खुलेगी
और कब बंद होगी मध्य प्रदेश के अंदर, जानिये
नियम,
सुबह 7 से शाम 7 के भीतर रहेगा शराब दुकान का सञ्चालन,
ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्तिथि में वृद्धि न हो
भारत सरकार द्वारा 4 मई 2020 से 17 मई 20 तक तीसरे लॉक डाउन की घोषणा की गई है, जिसमें भारत सरकार के द्वारा शाम
को 7:00 बजे से लेकर सुबह 7:00 बजे तक सभी प्रकार
से व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित
किया गया है,,
राजस्व हित में मध्य
प्रदेश सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार आबकारी आयुक्त को शराब दुकान खोले
जाने हेतु प्रदेश में समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को भारत सरकार द्वारा जारी की
गई, लव डाउन की घोषणा पत्र को दृष्टिगत
रखते, हुए एवं पत्र में निहित सभी सुचारू व्यवस्थाओं के की उपलब्धता एवं सोशल
डिस्टेंसिंग के प्रावधानों को सख्ती से लागू करते हुए यह निर्देश जारी किए गए हैं,
कि प्रत्येक जिले में सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम को 7:00 बजे तक देशी एवं विदेशी शराब दुकानों का संचालन नियमानुसार मौके पर दुरुस्त
कराएं..................
शराब दुकान संचालकों के
यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों को प्राथमिकता के साथ ही पास उपलब्ध कराया
जाएगा, जिससे उन्हें अपने घर से दुकान आने और जाने में कठिनाइयों का सामना नहीं
करना पड़ेगा, ऐसा सख्त निर्देश भी आबकारी
आयुक्त के द्वारा अपने पत्र में दिया गया है, और दिनांक 4 मई 2020 से सोशल डिस्टेंस के नियमों के सक्ती के पालन सहित शराब दुकान संचालकों को
व्यवसाय की अनुमति प्रदान की गई, साथ ही
क्षेत्रीय अधिकारियों को इस जिम्मेदारी से भी नवाजा गया है, कि अपने अपने क्षेत्र में भारत सरकार और मध्य
प्रदेश सरकार के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का कड़ाई से पालन अवश्य कराएं
अब अति संवेदनशील स्थानों को लेकर लोकल प्रशासन क्या निर्णय लेता है, यह एक रहस्य है, अगर रेड जोन सम्बंधित शहरो को लेकर जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा शराब दुकाने बंद रखने को यथावत रखा गया, तब दुकान संचालक/ठेकेदार उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर कर सकते है, जिसमे कलेक्टर के आबकारी कार्यक्षेत्र अहस्तक्षेप योग्य माने जाने हेतु महतवपूर्ण विषय होगा,
साथ ही कलेक्टर चाहे तो दुकाने बंद रखने हेतु सीधे प्रमुख सचिव GAD से अनुशंसा कर सकते है, जिसकी अनुमति मिलने बाद ठेके बंद रहेगे, और न्यायालय के द्वारा किसी प्रकार की प्रतिबंधात्मक अनुमति दी गयी तो यह विषय प्रथक रूप से याचिका के निराकरण का हिस्सा होगा,
परन्तु आयुक्त आबकारी के आदेश को कलेक्टर जबलपुर निष्क्रीय करने के अधिकार क्षेत्र से बाहर है, जिसमे प्रशासनिक स्तर पर उचित मानदंड आवश्यक है, जिनके अनुसार संशोधित एवं प्रतिबंधात्मक आदेश के साथ शराब दूकान सञ्चालन निर्भर है,
साथ ही कलेक्टर चाहे तो दुकाने बंद रखने हेतु सीधे प्रमुख सचिव GAD से अनुशंसा कर सकते है, जिसकी अनुमति मिलने बाद ठेके बंद रहेगे, और न्यायालय के द्वारा किसी प्रकार की प्रतिबंधात्मक अनुमति दी गयी तो यह विषय प्रथक रूप से याचिका के निराकरण का हिस्सा होगा,
परन्तु आयुक्त आबकारी के आदेश को कलेक्टर जबलपुर निष्क्रीय करने के अधिकार क्षेत्र से बाहर है, जिसमे प्रशासनिक स्तर पर उचित मानदंड आवश्यक है, जिनके अनुसार संशोधित एवं प्रतिबंधात्मक आदेश के साथ शराब दूकान सञ्चालन निर्भर है,
compilation :-Jitaindra Makhieja