50 करोड़ का घोटाला, वाणिज्य कर विभाग का फार्म-49 घोटाला, जबलपुर मध्य प्रदेश
जबलपुर के वाणिज्य कर विभाग सर्किल 2 के अंतर्गत आज से कुछ वर्ष पूर्व नारायण मिश्रा बतौर
वाणिज्य कर अधिकारी सर्किल दो पदस्थ रहे, जिस सर्किल की यह घटना है उस
अवधि में इस अधिकारी के कार्यकाल में एक
ऐसा घोटाला हुआ है, जिसकी जांच में आज कोई अधिकारी सहयोग करने
की मुद्रा में नहीं है, सभी
किसी भी प्रकार से पिंड छुड़ाने मजबूर है
यह मजबूरी इसीलिए है क्योंकि अभी
वर्तमान में बतौर उपायुक्त इस संभाग की कमान प्रमोशन पा चुके उसी भ्रष्ट अधिकारी नारायण मिश्र के पास है जो लगातार उसके विरुद्ध किए जा घोटाले की जांच को अपने प्रभाव
से प्रभावित कर रहा है
शिकायतकर्ता के द्वारा इस संबंध में सभी वरिष्ठ अधिकारियों
को शिकायत प्रस्तुत कर दी है कि निचले स्तर के वृताधिकारी इस घोटाले की जांच में
किसी प्रकार की सहयोग नहीं कर रहे हैं जिस
पर एक शिकायत राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को अलग से भेजी गई है
इसी प्रकार एक अन्य
मुद्दे पर उपायुक्त वाणिज्य कर जबलपुर नारायण मिश्र के विरुद्ध एक शिकायत
लोकायुक्त भोपाल एवं जबलपुर में प्रस्तुत की गई है जिस पर महत्वपूर्ण रूप से उनके कार्यालय स्तर पर
पिछले 6 सालों से आवंटित प्रकरणों का कर निर्धारण
नहीं किया जा रहा है जिसके चलते कई व्यवसाइयों को उसका नुकसान भी हो रहा है साथ ही
विभाग को 50 करोड़ से ज्यादा की क्षति कारित हो चुकी है
पिछले 6 सालों से लंबित प्रकरणों में कर निर्धारण नहीं होने से कैरी फॉरवर्ड होने
वाला आगत कर दावा, टीडीएस सर्टिफिकेट, जमा किए गए चालानों, का मिलान उपायुक्त
नारायण मिश्र के कार्यालय पर लंबित प्रकरणों पर नहीं किया गया है, जिसमें जिस किसी व्यवसाई ने जो जानकारी भरी होगी विभाग को
वह मान लेना मजबूरी हो जाएगी और कर निर्धारण नहीं होने से विभाग को इनके कर्मों की कथा करोड़ों की क्षति कारित हो
फिलहाल पहली बार इतिहास
में इस तरह के बड़े भ्रष्टाचार को लेकर वाणिज्य कर विभाग के वरिष्ट अधिकारियों से
एक शिकायत कर्ता की ओर से सामूहिक शिकायत
पत्र तत्काल कार्रवाई हेतु प्रस्तुत किया गया है जिस पर अब पूरी जिम्मेदारी
अधिकारियों पर निर्भर करती है वह विषय पर किस तरह से इतनी जल्दी कार्यवाही करते
हैं
विश्वस्त सूत्रों से
प्राप्त जानकारी के अनुसार वाणिज्य कर विभाग
जबलपुर जो कि रात को 10:00 बजे तक खुला रहता है
कभी-कभी गए रात को 2:00 बजे तक भी खुला रहता
है सारे गुप्त और काले काम कार्यालयीन समय बीत जाने के उपरांत ही होते हैं मेन गेट
पर ताला लगा होता है
रिटायर कर्मचारियों की
उपस्थिति में सारे काम होते हैं कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जिनको रिटायर हुए 5 साल हो गए हैं जिनमें से एक जीता जागता उदाहरण है गणेश
तिवारी जो जबलपुर के वाणिज्यिक कर विभाग में संभाग उपायुक्त को आवंटित कार का फुल मजा
लेते हैं इसमें विभाग और शासकीय कार्यों हेतु वाहन का उपयोग महज चंद किलोमीटरों के
लिए होता है, व्यक्तिगत उपयोग रिटायर अधिकारियों के द्वारा
किया जा रहा है जिस में आए दिन इन्हें घूमते हुए देखा जाना मामूली बात है
ऐसा प्रतीत होता है
जैसे इस अधिकारी को विरासत में मिला है विभाग और नौकरी, और इस बिल्डिंग में काम करने का
अधिकार दे दिया गया वह जैसा चाहे वैसा करता है जिससे जैसा करवाना चाहे वैसा करवाता
है क्योंकि इस अधिकारी के पास अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का सर्विस रिकॉर्ड खराब
करने का अधिकार प्राप्त है बंधुआ मजदूर की भांति अधीनस्थ कर्मचारी कार्य करने
मजबूर
कई रंगीन रिकॉर्ड भी है इस अधिकारी
जो दूसरों की छवि भी खराब कर सकता है इसीलिए इस तरह की खबर को प्रकाशित किया जाना
लोक हित में नहीं है फिलहाल निष्पक्ष जांच के लिए शिकायतकर्ता ने वरिष्ठ अधिकारियों से निवेदन किया है कि नारायण मिश्रा से वर्तमान जबलपुर संभाग के अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड लिखने के अधिकार को पृथक किया जाए और निलंबित किया जाए ताकि इस भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच हो सके
कार्यालय संभाग उपायुक्त वाणिज्यिक
कर संभाग क्रमांक 1 के अंतर्गत पिछले 20 सालों से लेकर के बकायेदारों की सूची में ना जाने कितने ऐसे बकायेदार हैं
जिन्होंने आज तक कोई कर का भुगतान किया ही नहीं है और उनका नाम पृथक कर दिया
गया है साथ ही कई बकायेदार ऐसे हैं जिनकी फर्जी वसूली दिखाई जा कर नाम सूची
में से उड़ा दिए गए हैं
नारायण मिश्र को संभाग क्रमांक 2 के सभी व्यवसाइयों की अपील प्रकरण सुनने
का भी अधिकार प्राप्त है, इस अपील प्रकरणों की सुनवाई की एक मासिक पत्रिका होती है
जिसे वरिष्ठ कार्यालय को हर महीने सौंपा जाना चाहिए जो इनके द्वारा आज 2 वर्ष तक नहीं सौंपी गई है और ना ही आयुक्त ने इस संबंध में कोई खैर-खबर नहीं है
अपील पर सुनवाई के लिए
ऑनलाइन व्यवस्था विभाग ने पिछले 10
वर्षों से संधारित कर रखी है बावजूद इसके इनके विभाग में सभी काम मैनुअल तरीके से
संधारित होते हैं और उन्हीं के काम होते हैं जिनका काम यह खुद करना चाहते हैं
जिनसे इनको व्यक्तिगत लाभ प्राप्त होता है
आश्चर्य की बात यह है कि जब विभाग का
ऑडिट होता है तो उसकी एक निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की जाती है जिसमें निराकृत किए जा
चुके प्रकार और उन पर अधिरोपित कर की राशि तथा अन्य सभी जानकारियां क्रम अनुसार
वर्णित रहती है जिसकी झूठी जानकारी इनके द्वारा
मध्यप्रदेश के महालेखाकार अकाउंट जनरल कार्यालय को दी जाती हैं जिस पर अभी
पिछले 6 सालों से लंबित प्रकरणों पर जांच की जाना प्रस्तावित है जिस के संबंध में
प्रथम रुप से शिकायतकर्ता के द्वारा निवेदन किया गया है
मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है यह भ्रष्ट अधिकारी जिसका ट्रांसफर पिछले 5 सालों से जबलपुर से बाहर नहीं हो पा रहा है चापलूसी में पारंगत इस अधिकारी को पिछली बार भी चापलूसी का पारितोषक बताओ और
आरोपमुक्त और पदोन्नति के रूप में इस विभाग के द्वारा प्राप्त हो चुका है इससे
अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितना लोकहित में है और कितना विभाग हित में है
CM
हेल्पलाइन पर दर्ज होने वाली शिकायतों को भी बलपूर्वक बंद
करने का महारत हासिल है सब भ्रष्ट अधिकारी को बिना किसी निराकरण के तथ्यहीन कारण
बता कर CM
हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का बलपूर्वक बंद करना इनकी
फितरत में है क्योंकि यह निश्चिंत रहते हैं कि इनके विरुद्ध कोई भी विभाग कभी कोई
कार्यवाही नहीं करेगा
फिलहाल शिकायतकर्ता ने वाणिज्य कर
अधिकारी सर्किल 2
वर्तमान को पृथक रूप से शिकायत देकर अपने कार्यालय स्तर पर
हो चुके घोटाले की जांच और उससे संबंधित दस्तावेजों को सुरक्षित करने हेतु निवेदन
किया है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की छेड़छाड़ सबूतों से न की जा सके
बेईमान अधिकारयो पर
आखिर लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भी कब तक कार्यवाही करेगा,
बेरोजगारी का जीवन काटने वाले युवक जब नौकरी पा जाते है, तो लोक हित में और जन हित
में कार्य करने की ली हुयी शपथ भी भूल
जाते है, ऐसे भ्रष्ट लोगो को सामाजिक रूप से बहिष्कृत किया जाना एक अहम् पहल है,
ताकि समाज जागरूक हो सके, और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके,
यह विभाग नया रिकॉर्ड बनाएगा भ्रष्टाचार करने में अभी हाल ही में एक भ्रष्टाचारी उपयुक्त ओम प्रकाश वर्मा निलंबित हुआ था, पूर्व में जारी खबरे,
4. न्याय
विक्रेता निलंबित उपायुक्त पर कार्यवाही लंबित वाणिज्यिक कर विभाग मध्य प्रदेश
5. रोग मुक्त हुआ विभाग, भ्रष्टाचारी सेवा से
निवृत्त हुआ, निलंबन काल में
यह विभाग नया रिकॉर्ड बनाएगा भ्रष्टाचार करने में अभी हाल ही में एक भ्रष्टाचारी उपयुक्त ओम प्रकाश वर्मा निलंबित हुआ था, पूर्व में जारी खबरे,
1. पैसा दो न्याय लो, वाणिज्यिक कर
विभाग जबलपुर में
बिना लेनदेन के कोई काम नहीं
2.
वाणिज्यिक कर
विभाग के ओ.
पी. वर्मा उर्फ़
ओमप्रकाश का एक और केस सामने आया
3. वाणिज्यिक कर उपायुक्त ओ. पी. वर्मा, उर्फ़ ओमप्रकाश, अंततः निलंबित
http://www.newsvisionindia.tv/2017/11/opverma-suspend-mpctd-dycomm.html
4. न्याय
विक्रेता निलंबित उपायुक्त पर कार्यवाही लंबित वाणिज्यिक कर विभाग मध्य प्रदेश
5. रोग मुक्त हुआ विभाग, भ्रष्टाचारी सेवा से
निवृत्त हुआ, निलंबन काल में
http://www.newsvisionindia.tv/2018/01/mpctd-cancer-opverma.html
#50CrFraudcommercialTaxDepartment, #NewsVisionIndia, #LatestHindiNews,