दहेज
की मांग पर पत्नी ने की आत्महत्या लोभी को 3 साल की सजा
मई 2013 में दीपक सिंह उर्फ गोल्डी राजपूत तत्कालीन उम्र 31
वर्ष का विवाह दीपिका राजपूत निवासी गौरी घाट से हुआ था शादी के बाद से ही सारी
रात से खुलकर सामने आधे घंटे तक शराब का आदी है और काम धाम कुछ करता नहीं है जिसको
लेकर के घर की जिम्मेदारियों का बोझ झेलने में असफल रहा जिसके चलते उसने लगातार
अपनी बीवी पर मारपीट करने के आरोप किए और दहेज की मांग लगातार करता रहा वर्ष 2015
नवंबर में यह और दहेज की मांग लगातार करता था वर्ष 2015 नवंबर में तारीख 18 श्याम
तकरीबन सारे 6:00 बजे लड़की ने पास लगाकर आत्माहत्या कर ली इस समय दीपिका पति के साथ अलग रहती थी, गोल्डी के शराब पीने में मामले को बनाया गया आधार और दहेज की मांग को लेकर
के अपनी पत्नी दीपिका के साथ मारपीट करता था जिस त्रस्त हो कर कई बार दीपिका अपने
मायके चली गई थी हर बार मान मनाकर करके दीपक उसे वापस ले आता था इंतिहा कि जब हदें
पार हो गई तो त्रस्त होकर दीपिका ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी,
इस विषय में दीपिका
के पिता ने बरेला थाने में अपराध कायम कराया, दीपिका की मौत जबलपुर हॉस्पिटल में पुष्टि की गई, जिस पर भारतीय दंड विधान की धारा 498 दहेज
प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई तथा 304 बी भारतीय दंड विधान की धारा के
तहत कार्यवाही की गई पूरी कार्यवाही पर सभी प्रकार से जांच निरीक्षक अधिकारियों के
द्वारा जप्ती पत्रक बनाए जा कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जहां से
लोक अभियोजक के तर्कों पर संतुष्ट होकर न्यायाधीश के द्वारा हर एक स्तर पर
अभियुक्तों को अपना पक्ष रखने हेतु समुचित अवसर प्रदान किए जहां पर सारे साक्ष्य
एवं गवाहों को सुनने के बाद गोल्डी के रिश्तेदारों को तो मुक्त कर दिया गया परंतु
इस पूरे कार्यक्रम में मुख्य रूप से आरोपी दीपक उर्फ
गोल्डी को दहेज की मांग करना एवं दीपिका को आत्महत्या के लिए मजबूर करना
दोषी पाया गया जिस पर न्यायाधीश श्री आर पी सोनी के
द्वारा उसे 3 वर्ष की सजा से दंडित किया गया और ₹4000 जुर्माना भी लगाया
गया,