रिश्वतखोर उपायुक्त वाणिज्यिक कर ओ पी वर्मा को 5 साल का कारावास,


defaulter dc o p verma mpctd

पापा कहते थे बड़ा नाम करेगा, बेटा हमारा ऐसा काम करेगा,
अभी तो बेटो को बताने की बारी है, उम्मीद नही थी, पापा ऐसा काम करेगा 

 बड़े लंबे अरसे से प्रयासरत न्याय की अपेक्षा रखने वाले मुकेश ठाकुर को आखिर न्याय  मिल ही गया, टिंबर व्यवसाई दिनेश पाहवा वाणिज्य कर अधिकारी ओ.पी. वर्मा और पूर्व रेंजर राजाराम तीनों मिलकर के वाणिज्य कर विभाग को फर्जी पंजीयन के माध्यम से हर रोज करोड़ों की क्षति करीत करते थे, ,  राजस्व खजाने भरने  के लिए जिन अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है, वही उसे खाली करने का पूरा काम करते हैं, यह सभी वो चमचे होते हैं, जो बनते ही अपने बर्तन को खाली करने के लिए है, 

मामला वर्ष 2003 का था, राज्य अपराधिक प्रकोष्ठ एसपी ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए, तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की दोषियों के विरुद्ध पर्याप्त मात्रा में सबूत इकट्ठा कर चालान में संलग्न कर न्यायालय में प्रस्तुत किया

 वर्ष 2013 में वाणिज्य कर अधिकारी ओम प्रकाश वर्मा जो पहले से ही कई प्रकार के भ्रष्टाचार में लिप्त है, जो इस प्रकरण में मुख्य आरोपी था  जिस पर आखिर कर eow SP के द्वारा की गई कार्यवाही रंग लाई और लोक अभियोजक के तर्कों पर संतुष्ट हो कर मान  न्यायाधीश श्रीमती आशिता श्रीवास्तव  के द्वारा सजा का ऐलान कर दिया गया, और आरामदायक जीवन बिना किसी परिश्रम के खाना पानी देने के आदेश दिए, 


मजे की बात तो यह है कि इसके पूर्व निलंबित भी हो चुका   है वर्मा,  जिसे अनाधिकृत रूप से मध्य प्रदेश वाणिज्य कर विभाग के उप सचिव अरुण परमार ने उसकी सेवानिवृत्ति के 1 दिन पहले बहाल कर दिया था, आखिरकार जेल गया,  इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वतखोर और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं करनी है जो भी कार्रवाई होगी को न्यायालय से ही होगी और तब होगी जब आदमी सेवानिवृत्त होकर के अपनी पूरी राशि प्राप्त कर लेगा

 ओम प्रकाश वर्मा का सेवा निवृत्ती दिनांक 30 जनवरी 2018 रही इससे 3 महीने पहले ओम प्रकाश वर्मा वाणिज्य कर विभाग से इसी प्रकरण के चलते निलंबित हो चुके थे, परंतु देश को शर्मसार करने वाली कार्यप्रणाली कुछ इस तरह रंग लाई, न्यायपालिका में विचाराधीन प्रकरण को दरकिनार करते हुए और राज्य अपराधिक प्रकोष्ठ के SP के द्वारा की गई कार्यवाही को भी दरकिनार करते हुए, वाणिज्य कर विभाग के उप सचिव अरुण परमार के द्वारा ओम प्रकाश वर्मा को उसकी सेवानिवृत्ति के 1 दिन पहले बहाली का आदेश थमा दिया

ताकि इस तरह के आरोपी भी ससम्मान के साथ रिटायर हो सके और इन्हें पूरी राशि मिल जाए जो रिटायरमेंट के बाद इन्हें मिलनी चाहिए थी, इस पूरे कार्यक्रम में मदद करने वाले वाणिज्यकर के वरिष्ठ अधिकारी भी राज्य अपराध प्रकोष्ठ की कार्यवाही के पात्र हैं, इस संबंध में हमारे द्वारा लोक हित में जनहित में देश हित में राजस्व हित में कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया है ताकि ऐसे अपराधिक प्रवृति के उप सचिवों का न्यूनतम स्तर पर प्रमोशन रोका जा सके और उनकी पदावनति हो सके

देर से ही सही पर फैसला आया तो जरूर युवावस्था में हराम की कमाई इकट्ठी करने वाले वाणिज्य कर अधिकारी ओम प्रकाश वर्मा को बड़ी जद्दोजहद थी रुपया बटोरने की, अपने भविष्य को व्यवस्थित करने की ,   जो उसके गले पड़ गई अब आने वाले 5 साल जेल में कटेंगे, जहां सपने देखे थे ओम प्रकाश वर्मा ने अय्याशी का जीवन जीने का,  तिल तिल तड़पेगा जेल में,  रिश्वत की कमाई को भोगने का अवसर खो दिया, बेशक 30-01-2018 को सेवानिवृत्ती के साथ विभाग भवन से शुरू हुयी उसकी यात्रा सेंट्रल जेल तक की थी, बड़ी शान से निकला था वो, पहुंचने में थोड़ा टाइम लग गया कुछ महीने लगे बस, पर पहुँच गया,

अब जबलपुर अपीलीय कार्यालय में लटकी उपायुक्तो की सूची में ओ पी वर्मा के नामे आगे कुछ ऐसा लिखा होना चाहिए, ओ पी वर्मा (JAILED)   

प्रशंसा के पत्र है, SP EOW जिन्होंने सक्रीय कार्यवाही की, और इसी के साथ राज्य अपराधिक प्रकोष्ठ का अगला टारगेट है नारायण मिश्रा जिसने जबलपुर में उपायुक्त रहकर लगभग 6 वर्ष बिताएं हैं जिसकी शिकायतें राज्य अपराध प्रकोष्ठ के SP को और लोकायुक्त एसपी को दे दी गई हैं

देर से ही सही पर इस मामले में भी कार्यवाही जल्द होगी और एक नया इतिहास वाणिज्य कर विभाग के पन्नों में काले अक्षरों में दर्ज होगा,  कि किस-किस स्तर के भ्रष्टाचारी प्रमोट हो करके किस पद पर आते हैं और वहां पर रह कर के वह अपने अधिकारों का दुरुपयोग अपनी पुश्तैनी संपत्ति और पुश्तैनी दुकान को संचालित करने के हिसाब से चलाते हैं न्याय खरीदते और बेचते हैं बस कुछ इसी तरह का मामला जल्दी ही प्रकाश में आएगा

defaulter dc narayan mishra

आइए हम आपको बताते हैं वाणिज्य कर विभाग की उपलब्धियों के बारे में किस-किस अधिकारी ने कब-कब क्या-क्या किया है उसकी पूरी विस्तृत जानकारी और किन-किन की शिकायत किस किस विभाग में लंबित है उनका स्टेटस और हम आपको बताते हैं आने वाले समय में दो से तीन महिला अधिकारी भी इस तरह के भ्रष्टाचारों में लिप्त होकर कार्यवाही का पात्र बनेगी

इन मामलो पर की गयी मेहनत  के कुछ अंश, २ मामले जबलपुर EOW में भी लंबित है, जल्दी ओ प वर्मा को जांच उपरान्त जबलपुर भी लाया जायेगा , एक अन्य मामले सुवाई शुरू जल्द होगी 

1.   पैसा दो न्याय लोवाणिज्यिक कर विभाग  जबलपुर में बिना लेनदेन के कोई काम नहीं
2.   वाणिज्यिक कर विभाग के ओपी. वर्मा उर्फ़ ओमप्रकाश का एक और केस सामने आया                   http://www.newsvisionindia.tv/2017/11/op-verma-corruption-mpctd-jbp.html
3.   वाणिज्यिक कर उपायुक्त ओपीवर्माउर्फ़ ओमप्रकाशअंततः निलंबित

4.  न्याय विक्रेता निलंबित उपायुक्त पर कार्यवाही लंबित वाणिज्यिक कर विभाग मध्य प्रदेश

5. रोग मुक्त हुआ विभागभ्रष्टाचारी ओ पी  सेवा से निवृत्त हुआनिलंबन काल में


करोडपति है उपायुक्त वाणिज्यिक कर के नारायण मिश्र, आयुक्त कार्यालय इंदौर में हो रहे भ्रष्टाचार पर जाँच जारी,
#mpctddcdefaulter, #opverma, #narayanmishra
Previous Post Next Post