हटा दिया गया लापरवाह आयुक्त वाणिज्यकर IAS पवन कुमार शर्मा, हुआ डिमोशन, म.प्र. वित्त मंत्रालय - News Vision India

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हटा दिया गया लापरवाह आयुक्त वाणिज्यकर IAS पवन कुमार शर्मा, हुआ डिमोशन, म.प्र. वित्त मंत्रालय


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हटा दिया गया लापरवाह आयुक्त वाणिज्यकर IAS पवन कुमार शर्मा, हुआ डिमोशन

पूर्व में प्रकाशित खबर  
Congress CM के रहते भी भ्रष्ट उपायुक्त नारायण मिश्र कों मिल रहा संरक्षण, वित्त मंत्रालय का आयुक्त मुख्य आरोपी https://www.newsvisionindia.tv/2019/01/finance-ministry-dc-commissioner-still-posted.html

अब आप कभी भी GooGle पर अगर IAS PAWAN SHARMA  और IAS MANOJ SHRIVASTAVA  के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करेंगे तो आपको उनके द्वारा किए गए अधर्म की जानकारी भी पूरी मिल जाएगी और उनके द्वारा किए गए पद के दुरुपयोग से संबंधित जानकारी भी मिल जाएगी

वाणिज्य कर विभाग उर्फ GST/राज्य कर विभाग में चल रहा खूंखार रिश्वतखोरी का खेल इतनी चरम सीमा तक पहुंच चुका था, जिसमें जबलपुर जिले के तर्ज पर कई अन्य जिलों में पदस्थ संभाग उपायुक्तों के द्वारा लगातार दुकानदारी की जा रही थी, जिसकी लगातार शिकायतें प्रमुख सचिव वाणिज्य कर मनोज श्रीवास्तव को और आयुक्त वाणिज्यकर पवन कुमार शर्मा को उपलब्ध कराई जा रही थी, माध्यम सूचना अधिकार के इन दोनों आईएएस अधिकारियों से हो चुकी जांच कार्यवाही की अपेक्षाएं की गई थी,  जिस पर इनके द्वारा लगातार शिकायत कर्ताओं को लॉलीपॉप दिया जा रहा था.  जिस में जानकारियां प्राप्त नहीं होने के चलते लोक सूचना आयुक्त के साथ कार्यालय DOPT , प्रधानमंत्री को भी इस मामले में अवगत कराया गया था साथ ही चीफ सेक्रेट्री को उनके कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर इन दोनों आईएएस अधिकारियों के द्वारा बरते जा रहे इस गंभीर अपराध के संबंध में जानकारी प्रदान की गई थी. अपेक्षा की गई थी की इनका ELIGIBILITY LEVEL SCALE DOWN किया जाये और मुख्या धारा से इन्हें अलग किया जाये, जिससे सुशासन कायम किया जा सके, जिससे कानून, संविधान, अधिकार का सामान भाव व्यवस्था पर लागू हो सके,

प्रमुख सचिव को वित्त विभाग से हटाया जा कर लॉलीपॉप दिया गया है, जिसमें एक बाबू के तर्ज पर काम करना है ,उसी प्रकार आयुक्त वाणिज्यकर पवन कुमार शर्मा को मुख्यधारा से हटाया जा कर मानव अधिकार आयोग में सचिव पदस्थ किया गया है, यह अपने आप में उनके जीवनकाल की पहली असफलता है, जिसमें मुख्यधारा से उन्हें हटाया जा कर पदस्थ किया गया है,

दोनों आईएएस अधिकारियों की लापरवाही और शान और शौकत से रहने की आदत और अधीनस्थ कर्मचारियों से प्राप्त होने वाली रिश्वत दोनों के तबादले का बनी मुख्य कारण, इन दोनों अधिकारियों के द्वारा लगातार अपने अधीनस्थ डिफाल्टर कर्मचारियों को संरक्षण दिया जा रहा था, जिससे प्रदेश बजट के समीकरण बिगड़ जाते हैं, टैक्स वसूलने के नाम पर आम जनता से व्यापारियों से इनके द्वारा महीने की तर्ज पर पैसा वसूला जाता था, लंबित एसेसमेंट में इनके द्वारा न्याय बेचा जाता था, जिसमें एक मुख्य आरोपी ओम प्रकाश वर्मा जिसको 5 साल के लिए केंद्रीय कारागार में भेजा जा चुका है, उसी प्रकार ब्लू फिल्म का रंगीन मिजाजी शौकीन जो अभी तक शिलाजीत के दम पर अपनी हिम्मत बनाए हुए हैं, बाकी सब तो नहीं मगर खुद खड़े रह सकते हैं, उसे अभी तक वाणिज्यकर जबलपुर में पदस्थ रखा गया है. जो लगभग १ करोड की मासिक आमदनी का मुख्या जरिया है.

इन दोनों भ्रष्ट अधिकारियों के संबंध में पूरी जानकारी लिखित प्रतिवेदन के साथ मंत्री जयंत मलैया को उपलब्ध कराई जा चुकी थी, साथ ही मनोज श्रीवास्तव प्रमुख सचिव को भी उपलब्ध कराई जा चुकी थी, साथ ही आईएएस पवन कुमार शर्मा को भी उपलब्ध कराई जा चुकी थी, बावजूद इनके इन तीनों के द्वारा इन दोनों अधिकारियों को लगातार दिया जा रहा है, जिसके चलते यह अमला आईएएस लॉबी के तर्ज पर होने वाले कार्यों एवं मर्यादाओं के खिलाफ कार्य कर रहा था, जिसके तहत इन दोनों आईएस अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से तबादला डिमोशन के आधार पर किया गया

विभागीय  महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए इन दोनों आईएस अधिकारियों को नियुक्त किया गया था,  दोनों के द्वारा अपने कर्तव्य के विरुद्ध पदीय दुरुपयोग करते हुए गंभीर लापरवाही बढरती है, जिसे राज्य हित में और राजस्व हित में क्षमा योग्य नहीं  माना जा सकता, परंतु प्रदेश के उदार मुख्यमंत्री के द्वारा भाजपा के शासन में पदस्थ सभी लापरवाह लोगों को सुधरने का अंतिम मौका देते हुए फिलहाल बर्खास्तगी और निलंबन की कार्यवाही से पृथक रखा गया है

जब कोई एक व्यक्ति किसी की जेब में हाथ डालकर उसका पर्स चुरा लेता है, तो उसे जेबकतरा कहा जाता है, जब कोई मित्र एक मित्र के साथ किसी विषय में गद्दारी कर बैठे तो उसे आस्तीन का सांप कहा जाता है, और जब कोई अधिकारी वाणिज्यिक कर उपायुक्त नारायण मिश्र जैसा, जिस विभाग में पद होता है, उसी के खिलाफ अगर काम कर रहा होता है, तो उसे किस श्रेणी में रखा जाए, इसकी मिसाल आज तक बनी नहीं है,  परंतु उस व्यक्ति के चरित्र कों एक लाइन में व्यक्त किया जा सकता है, कि ऐसे व्यक्ति का चरित्र इतना घिनौना होता है, जिसका स्पर्श कीचड़ को भी मैंला कर दे. इसने सी एम हेल्पलाईन का शोषण तो ऐसे किया है मानो जैसे तैमूर लंग ने इतने घिनौने अत्याचार नही किये होंगे अपने शासन काल में. मगर न्याय में देरी है अंधेर नही, जेल तो जाना निश्चित है इस भ्रष्ट रिश्वतखोर का, देश की कानून व्यवस्था से रोबर्ट वाड्रा कों शै मिल रही है, इसे भी कुछ सही,

पिछली खबरे जो प्रकाशित की गई थी 
कलेक्टर जांच प्रतिवेदन पर रुका है, शासन के घोटालेबाज नारायण मिश्रा का निलंबन वाणिज्य कर विभाग जबलपुर
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रिश्वतखोर उपायुक्त वाणिज्यिक कर ओ पी वर्मा को 5 साल का कारावास,
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Jabalpur Collector Failed To Submit Report On The Scam,
https://www.newsvisionindia.tv/2019/01/jabalpur-collector-failed-to-submit.html

Defaulter Dy. Commissioner Narayan Mishra has got security, from a senior official, Game of Collusion on the amount of scam
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जबलपुर पुलिस सावधानी बरते तो करोडो की कर चोरी पकड़ में आयेगी, थाना प्रभारी ही जांच कर सकते है,
https://www.newsvisionindia.tv/2018/09/jabalpur-police-ko-handle-karna.html
EDITOR










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